द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
अदालत ने यह टिप्पणी तब की, जब जोशीमठ के भूस्खलन का अध्ययन करने वाले केंद्र सरकार के आठ संस्थानों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में उसके सामने रखा गया.
उत्तराखंड के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली संयुक्त समिति ने मसूरी शहर की वहन क्षमता पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) को सौंपी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि पर्यटकों का पंजीकरण क्षेत्र की वहन क्षमता, विशेष रूप से उपलब्ध पार्किंग स्थान, अतिथि कक्ष की उपलब्धता आदि के अनुसार किया जाना चाहिए.
उत्तराखंड में इस साल 22 अप्रैल से शुरू हुए चारधाम और हेमकुंड साहिब तीर्थ यात्रा के मार्गों पर भक्तों को ले जाने वाले कुल 115 खच्चर और घोड़ों की मौत हुई है. इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
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बीते 26 मई को मुस्लिम समुदाय के एक युवक सहित दो लोगों द्वारा एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के पुरोला में तनाव व्याप्त हो गया था. उसके बाद कई मुस्लिम परिवारों ने शहर छोड़ दिया था. अब वापस लौटे परिवारों से कहा गया है कि वे घर के अंदर भी सभा में नमाज़ का आयोजन न करें, इससे शांति भंग हो सकती है.
उत्तरकाशी ज़िले के पुरोला में बीते 26 मई से सांप्रदायिक तनाव व्याप्त है. इस बीच, उत्तरकाशी ज़िला प्रशासन ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग को सौंपी पहली आधिकारिक रिपोर्ट में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले 11 दुकानदारों के शहर छोड़ने की पुष्टि की है.
बीते 26 मई को मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति सहित दो युवकों द्वारा एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला कस्बे में तनाव व्याप्त है. घटना को ‘लव जिहाद’ बताते हुए दक्षिणपंथी हिंदू समूह ‘बाहरी लोगों’ विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के सत्यापन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
हाल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भू-क़ानून में सख़्ती लाने का बयान खोखला और सियासी जुमलेबाज़ी से ज़्यादा कुछ नहीं लगता. राज्य में बाहरी लोगों की आबादी बढ़ने के पीछे असली मकसद केवल एक ख़ास धर्म विशेष यानी मुस्लिम आबादी के बढ़ने को राजनीतिक मुद्दा बनाना ही है, ताकि इस बहाने वोट मिलता रहे और सत्ता बनी रहे.
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक समूह द्वारा उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह को लिखे पत्र में अप्रैल महीने के 12 दिनों की अवधि में घटी चार घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सभी घटनाएं हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों द्वारा मुसलमानों के ख़िलाफ़ अंज़ाम दी गईं. पत्र में ऐसी घटनाओं पर उत्तराखंड की भाजपा सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए गए हैं.
अवैध मज़ारों को ध्वस्त करने की बात कहते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि ये नया उत्तराखंड है, यहां अतिक्रमण करना तो दूर इसके बारे में अब कोई सोचे भी ना. साथ ही उन्होंने कहा कि वह कुछ ही महीनों के बाद प्रदेश में समान नागरिक संहिता का क़ानून भी लागू करेंगे.
जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने नफ़रती भाषण के ख़िलाफ़ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सॉलिसिटर जनरल से यह सवाल किया. अक्टूबर 2022 में शीर्ष अदालत ने औपचारिक शिकायतों का इंतज़ार किए बिना आपराधिक मामले दर्ज करके नफ़रत भरे भाषणों के ख़िलाफ़ ‘तत्काल’ स्वत: कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
पिछले साल राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने का ख़ुलासा होने के बाद से उत्तराखंड में एक के बाद एक कई भर्तियों में अनियमितताएं सामने आई हैं जिसके कारण उन्हें रद्द करना पड़ा. इसके ख़िलाफ़ देहरादून में बेरोज़गार युवाओं के समूह प्रदर्शन कर रहे हैं.
जोशीमठ शहर में भूमि धंसाव से प्रभावित लोगों के लिए चल रहे राहत कार्य के बीच अनुसूचित जाति के कुछ रहवासियों ने जाति के कारण उपेक्षा किए जाने की शिकायत की है. उत्तराखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग का कहना है कि वे इसकी जांच करेंगे और आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
‘विकास’ का यह कौन-सा मॉडल है, जो जोशीमठ ही नहीं, पूरे हिमालय क्षेत्र में दरार पैदा कर रहा है और इंसान के लिए ख़तरा बन रहा है? सरकारी ‘विकास’ की इस चौड़ी होती दरार को अगर अब भी नज़रअंदाज़ किया गया, तो पूरी मानवता ही इसकी भेंट चढ़ सकती है.