ओडिशा: हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा के बाद संबलपुर में कर्फ्यू और इंटरनेट बंद

ओडिशा के संभलपुर में हिंसा बीते 12 अप्रैल को हनुमान जयंती समन्वय समिति द्वारा निकाली गई एक मोटरसाइकिल रैली के बाद शुरू हुई थी. 14 अप्रैल को हनुमान जयंती का जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकालने के लिए पुलिस ने इंतज़ाम किए थे, फिर भी हिंसा भड़क गई थी.

बंगाल पुलिस की रिपोर्ट कहती है कि रामनवमी हिंसा पूर्व नियोजित थी: कलकत्ता हाईकोर्ट

30 मार्च को हावड़ा जिले में रामनवमी के जुलूस के दौरान कथित पथराव के बाद हुई हिंसा में 10 लोग घायल हो गए थे. इसके अगले तीन दिनों में हिंसा उत्तरी दिनाजपुर और हुगली ज़िलों में फैल गई, जहां आठ लोग घायल हुए थे. भाजपा ने एक याचिका दायर कर हिंसा की घटनाओं की जांच एनआईए से करवाने की मांग की है.

नेपाल में रामनवमी की रैलियों में ‘पहली बार’ सांप्रदायिक तनाव देखा गया: रिपोर्ट

बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि नेपाल के जनकपुर में भगवाधारी लोगों ने एक स्थानीय मस्जिद के पास ‘हंगामा’ किया, जो एक मंदिर के पास स्थित है. रैली विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली गई थी. बीरगंज में भी सांप्रदायिक तनाव देखा गया.

उर्दू शायरी उम्मीद की शायरी है…

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: उर्दू कविता, अपने हासिल की वजह से भारतीय कविता का बेहद ज़रूरी और मूल्यवान हिस्सा रही है. वह इस तरह हिंदुस्तान का ज़िंदगीनामा है जिसने कभी राजनीति और अध्यात्म के पाखंड को पकड़ने में चूक नहीं की है. उसमें समय के प्रति जागरूकता है, तो उसका अतिक्रमण भी.

‘राजनीति में भक्ति या नायक पूजा पतन और अंतत: तानाशाही का सीधा रास्ता है’

डॉ. आंबेडकर ने संविधान के पहले मसौदे को संविधान सभा में पेश करते हुए कहा था कि 'नवजात प्रजातंत्र के लिए संभव है कि वह आवरण प्रजातंत्र का बनाए रखे, परंतु वास्तव में तानाशाही हो जाए.' जब मोदी की चुनावी जीत को लोकतंत्र, उनसे सवाल या मतभेद रखने वालों को लोकतंत्र का दुश्मन बताया जाता है, तब डॉ. आंबेडकर की चेतावनी सही साबित होती लगती है.

अमेरिका में भेदभाव विरोधी क़ानून में जाति को जोड़ने पर सिर्फ़ हिंदू ख़फ़ा क्यों हैं?

भले ही शास्त्रीय मान्यता न हो, व्यवहार में जातिगत भेद भारत के हर धार्मिक समुदाय की सच्चाई है. अमेरिका जाने वाले सिर्फ़ हिंदू नहीं, अन्य धर्मों के लोग भी हैं. अमेरिका के सिएटल में लागू जातिगत भेदभाव संबंधी क़ानून सब पर लागू होगा, सिर्फ़ हिंदुओं पर नहीं. फिर हिंदू ही क्यों क्षुब्ध हैं?

जुनैद-नासिर की हत्या के विरोध के बाद हरियाणा सरकार ने नूंह ज़िले में इंटरनेट बंद किया

हरियाणा सरकार ने जुनैद और नासिर के लिए न्याय की मांग को लेकर फ़िरोज़पुर झिरका इलाके में विरोध प्रदर्शन के दो दिन बाद रविवार को नूंह ज़िले में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस सेवाओं और डोंगल आधारित सभी इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया. गोतस्करी के आरोप में दोनों मुस्लिम युवकों को ज़िंदा जला दिया गया था.

हरियाणा: जुनैद और नासिर के लिए इंसाफ़ की मांग लेकर सड़क पर उतरे लोग

वीडियो: हरियाणा के भिवानी ज़िले में गोतस्करी के आरोप ज़िंदा जलाकर मार दिए राजस्थान के भरतपुर ज़िले के रहने वाले जुनैद और नासिर की हत्या के विरोध में फ़िरोज़पुर झिरका में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.

हिंसा पर भाजपा सरकार या आरएसएस का नियंत्रण न रहना क्या उनके लिए भी चिंता की बात है?

भाजपा सरकार और हिंसक समूह अब अलग नहीं हैं. मोनू मानेसर ही सरकार है. यह ज़रूर है कि आरएसएस इस हिंसा को हर जगह संचालित नहीं करता, न ही भाजपा करती है. नरसिंहानंद हो या प्रमोद मुतालिक, उनके नियंत्रण से बाहर हैं. लेकिन उनकी हिंसा हमेशा आरएसएस और भाजपा को फ़ायदा पहुंचाती है.

पाकिस्तान में ‘ईशनिंदा’ को लेकर लिंचिंग, क्या है ईशनिंदा क़ानून का इतिहास

वीडियो: पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपी एक व्यक्ति को बीते दिनों भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया. वहां ईशनिंदा क़ानून विधायिका ने नहीं बनाया है. ब्रिटिश शासन से विरासत में मिले इस क़ानून में जनरल जिया उल हक़ सरकार ने संशोधन किए थे. क्या है यह क़ानून और इसका इतिहास, बता रहे हैं ज़ीशान कास्कर.

हिंदुओं को रैडिकल बनाने के संगठित अभियान से ईमानदार पुलिस अधिकारियों का चिंतित होना वाजिब है

बीते दिनों हुई पुलिस महानिदेशकों, महानिरीक्षकों की बैठक में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी शामिल थे. यहां राज्यों के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी चेतावनी दे रहे थे कि हिंदुत्ववादी रैडिकल संगठन देश के लिए ख़तरा बन गए हैं. हालांकि, यह ख़बर बाहर आते ही सम्मेलन की वेबसाइट से यह रिपोर्ट हटा दी गई.

महाराष्ट्र: भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच करने वाले आयोग को तीन महीने का विस्तार मिला

एक जनवरी, 2018 को पुणे के बाहरी इलाके भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा की जांच के लिए यह आयोग गठित किया गया था, जिसे अब तक कई विस्तार मिल चुके हैं. दो सदस्यीय जांच आयोग 31 दिसंबर, 2022 तक वैध था. अब आयोग को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक का समय दिया गया है.

भारतीय मुस्लिमों के मानसिक स्वास्थ्य को नए नज़रिये से देखने की ज़रूरत: अध्ययन

बेबाक कलेक्टिव द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट में देश में पिछले कुछ वर्षों में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और घृणा अपराधों में वृद्धि के कारण मुस्लिम समुदाय के सामने खड़ी हुई सामाजिक, भावनात्मक और वित्तीय मुश्किलों को शामिल किया गया है.

74 साल बाद संयुक्त राष्ट्र में लाए गए म्यांमार संबंधी प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत, चीन, रूस दूर रहे

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मसौदा प्रस्ताव में म्यांमार में तत्काल हिंसा खत्म करने और देश की प्रमुख नेता आंग सान सू ची समेत अन्य राजनीतिक क़ैदियों को रिहा करने का अनुरोध किया गया है. भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत का मानना ​​है कि म्यांमार की जटिल स्थिति के संबंध में शांत और धैर्यपूर्ण कूटनीति का दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प, कई छात्र घायल

छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्डों ने पहले उन पर लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं, जिससे हिंसा हुई. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय गेट का ताला तोड़ने की कोशिश की गई और रोकने पर सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई.

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