कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: आम तौर पर मध्यवर्ग में प्रवेश ज्ञान के आधार पर होता आया है पर यही वर्ग इस समय ज्ञान के अवमूल्यन में हिस्सेदार है. एक ओर तो वह अपनी मातृभाषा से लगातार विश्वासघात कर रहा है, दूसरी ओर हिंदी को हिंदुत्व की, यानी भेदभाव और नफ़रत फैलाने वाली विचारधारा की राजभाषा बनाने पर तुला है.
कुकी-चिन-मिज़ो समुदाय के लोग बांग्लादेशी सेना और एक जातीय विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद अपने घर छोड़कर मिज़ोरम आ रहे हैं. मिज़ोरम पहले से ही म्यांमार के 30,000 से अधिक शरणार्थियों को शरण दे रहा है.
असम पुलिस ने एक परामर्श जारी कर लोगों से 22 नवंबर को हुई हिंसा के बाद पड़ोसी राज्य मेघालय की यात्रा करने से बचने की सलाह दी थी. बीते 22 नवंबर को कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी.
बीते 22 नवंबर को असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत की घटना के बाद से रविवार को लगातार छठे दिन यात्रा पाबंदी होने के साथ ही दोनों राज्यों की सीमा पर विवादित इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात है और निषेधाज्ञा आदेश अब भी लागू है.
असम ने लोगों के मेघालय जाने पर ‘पाबंदी’ जारी रखी. मेघालय ने सात प्रभावित ज़िलों में इंटरनेट पर रोक शनिवार को 48 घंटे के लिए बढ़ा दी. कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को 22 नवंबर को तड़के असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी.
असम-मेघालय सीमा पर पश्चिम कार्बी आंगलोग ज़िले में कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को 22 नवंबर को असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि राज्य पुलिस को गोलियां चलाने की कोई ज़रूरत नहीं थी.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने 25 नवंबर को ‘महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का उन्मूलन’ संबंधी अंतरराष्ट्रीय दिवस से पहले कहा कि महिलाओं के साथ हिंसा दुनिया में सबसे बड़ा मानवाधिकार उल्लंघन है और सरकारों को इससे निपटने के लिए नेशनल एक्शन प्लान लागू करना चाहिए.
असम के कार्बी आंगलोंग ज़िले में मेघालय सीमा पर लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक पर असम पुलिस द्वारा गोलीबारी करने का आरोप है. जबकि पुलिस का कहना है कि जब उसने ट्रक में अवैध लकड़ियों का परिवहन करने वालों को पकड़ लिया तो मेघालय के लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. हालात नियंत्रित करने के लिए उसे गोलियां चलानी पड़ीं.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सदस्य एस. गुरलाद सिंह कहलों ने 1984 के सिख-विरोधी दंगों में नामजद 62 पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की मांग की थी. मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस एसएन ढींगरा के नेतृत्व वाली एसआईटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि दंगों में 'दिखावटी' जांच की गई थी.
मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में आयोजित रैली के दौरान प्रदर्शनकारी संगठनों ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोज़गार देने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है. नौकरियों की कमी के कारण अधिकांश युवा ड्रग्स या अन्य असामाजिक गतिविधियों में शामिल हैं.
बीते 10 अक्टूबर को झारखंड की लातेहार ज़िला स्थित दीवानी अदालत का टाना भगत आदिवासी समुदाय द्वारा कथित तौर पर घेराव करने के साथ और प्रधान न्यायाधीश के चेंबर को कई घंटों तक बंद रखा गया था. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत अदालत का परिचालन और बाहरी लोगों के रोज़गार एवं प्रवेश पर रोक है. पुलिस ने इस मामले में 30 आदिवासियों को गिरफ़्तार किया है.
बीते कुछ दिनों से आरएसएस नेताओं की भाषा बदली दिख रही है लेकिन बदलाव संघ के एजेंडा पर कभी रहा नहीं है. यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि संघ ने ‘अराजनीतिक होने की राजनीति’ करते हुए अपने स्वयंसेवकों को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाया है और कैसे वे लोकतंत्र व संविधान के गुणों व मूल्यों से खिलवाड़ कर रहे हैं.
1995 के बाद 2020 में सभी समुदायों में मुस्लिम महिलाओं की प्रजनन दर में सबसे तेज़ गिरावट दर्ज हुई है. नतीजन उनकी जनसंख्या वृद्धि दर भी कम हुई है. एक राजनीतिक साज़िश के तहत मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि की बात कहते हुए भय और अविश्वास पैदा करके हिंदुओं का ध्रुवीकरण किया जा रहा है.
मोहन भागवत ने किसी समुदाय का नाम लिए बिना देश में समुदायों के बीच जनसंख्या के बढ़ते असंतुलन पर चिंता जताई. संघ शुरू से इशारों में ही बात करता रहा है. इससे वह क़ानून से बचा रहता है. साथ ही संकेत भाषा के कारण बुद्धिजीवी भी उनके बचाव में कूद पड़ते हैं, जैसे अभी पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी कर रहे हैं.
अच्छा ही है कि दुर्गा आख़िर आज विदा हो जाएंगी. उनकी आंखों के आगे जिस क्षुद्रता का, हिंसा का प्रदर्शन पूरे देश में और अब देश के बाहर भी किया जा रहा है, उसे झेलते रहने को वे मजबूर नहीं रहेंगी.