सितंबर 2023 में केंद्र, संसद और राज्य विधानसभाओं में 33% महिला आरक्षण से संबंधित नारी शक्ति वंदन अधिनियम लेकर आई थी, जिसे अगली जनगणना और इसके बाद होने वाले परिसीमन के बाद लागू किए जाने का प्रावधान किया गया है. इसे तत्काल लागू किए जाने की मांग करते हुए कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है.
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, हालिया विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जहां 20% से अधिक महिला विधायक चुनी गई हैं. यहां कुल 90 विधायकों में से 19 महिलाएं जीती हैं.
वीडियो: अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) के नई दिल्ली में हुए नौवें राष्ट्रीय अधिवेशन में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का संबोधन.
सामाजिक न्याय के लिए लड़ने का दावा करने वाले हिंदुत्ववादी शक्तियों से किसी सुविचारित दीर्घकालिक रणनीति के बजाय चुनावी समीकरणों के सहारे निपटते रहे. इसने उन्हें सत्ता दिलाई तो भी सामाजिक न्यायोन्मुख नीतियां लागू व कार्यक्रम चलाकर उसकी अपील का विस्तार नहीं किया.
मनोज झा के एक वक्तव्य पर जिस प्रकार की हिंसक प्रतिक्रिया हुई है, उससे वर्चस्वशाली समुदाय के हिंसक स्वभाव को समझा जा सकता है.
लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला बिल सोच और ड्राफ्ट के स्तर पर न भाजपा का है न कांग्रेस का, बल्कि विशुद्ध रूप से महिला संगठनों का है. लेकिन विडंबना ही है कि प्रधानमंत्री द्वारा लाए गए बिल में महिला संगठनों की भूमिका का प्रस्तावना तक में कोई ज़िक्र तक नहीं है.
भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी कोटे पर चर्चा के लिए पिछड़े वर्ग के नेताओं की एक बैठक भी बुलाई थी. भारती ने कहा कि मध्य प्रदेश में चुनाव आ रहे हैं, राजनीतिक दल बिना आरक्षण ही पिछड़ी जातियों की महिलाओं को टिकट दें. आरक्षण की कोई ज़रूरत नहीं है.
कांग्रेस मोदी सरकार द्वारा पारित महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी कोटे की मांग कर रही है. हालांकि 2010 में उसके नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा राज्यसभा में पेश महिला आरक्षण विधेयक में यह शामिल नहीं था. अब. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सत्ता में आने पर जाति आधारित जनगणना कराने का भी वादा किया है.
वीडियो: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए पारित किए गए 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' और महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की राजनीतिक मंशा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
वीडियो: मोदी सरकार ने लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए 128वां संवैधानिक संशोधन विधेयक, 2023 पेश किया है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33%आरक्षण लाने के लिए 128वां संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया है. विधेयक कहता है कि इसके पारित होने के बाद आयोजित पहली जनगणना के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बताया कि देश के 19 राज्यों की विधानसभाओं में महिला विधायकों की संख्या 10 प्रतिशत से कम है. पूरे देश में विधानसभाओं में महिला विधायकों का औसत केवल आठ प्रतिशत है. वहीं, लोकसभा में महिला सांसदों की हिस्सेदारी 14.94 प्रतिशत और राज्यसभा में 14.05 प्रतिशत है.
बुधवार से शुरु हुए संसद के 17 शीतकालीन सत्र में कुल 25 विधेयक पेश होना है. विपक्ष का कहना है कि अगर संसद की सभी कार्यवाहियों के समय को हटा दें तो 25 विधेयकों पर बहस के लिए केवल 56 घंटे बचते हैं, जो कि चिंताजनक बात है.