मोदी सरकार ने देश में टीबी उन्मूलन के लिए साल 2025 का लक्ष्य तय किया है, हालांकि ग्लोबल ट्यूबरकुलोसिस रिपोर्ट 2024 संकेत देती है कि यह संभव नहीं होगा. दुनिया भर में टीबी के कुल मामलों में से 26% भारत में हैं. वर्तमान में देश में अनुमानित 20 लाख टीबी केस हैं, जो विश्व में सर्वाधिक हैं.
स्विट्ज़रलैंड के संगठन ‘आईक्यूएयर’ की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 के अनुसार, औसतन वार्षिक 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम 2.5 सांद्रता के साथ भारत 2023 में 134 देशों में से तीसरा सबसे ख़राब वायु गुणवत्ता वाला देश रहा. राष्ट्रीय राजधानी को 2018 से लगातार चार बार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी का दर्जा दिया गया है.
बिहार के 27 जिलों में गंगा, सोन, कोसी, बागमती आदि नदियों के 98 बिंदुओं पर नमूना जांच पर आधारित रिपोर्ट में पानी में मलीय कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया की अत्यधिक उपस्थिति देखी गई, जो नहाने और सिंचाई के लिए उपयुक्त नहीं है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की यह रिपोर्ट हाल ही में विधानसभा में पेश की गई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अनुमान लगाया है कि साल 2050 तक कैंसर के नए मामलों में 77 प्रतिशत की वृद्धि होगी और यह 3 करोड़ 50 लाख से अधिक हो जाएंगे, जबकि साल 2012 की तुलना में मौत का आंकड़ा लगभग दोगुना होकर 1 करोड़ 80 लाख से अधिक हो जाएगा.
वैश्विक स्तर पर कफ सीरप से कम से कम 141 बच्चों की मौत के मद्देनज़र भारत में दवा नियामक ने यह क़दम उठाया है. नियामक की ओर से कहा गया है कि सामान्य सर्दी के लक्षणों के इलाज के लिए फिक्स्ड-ड्रग कॉम्बिनेशन (एफडीसी) आधारित दवाओं का उपयोग चार साल से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाना चाहिए.
कई देशों में भारतीय कफ सीरप के कथित दुष्प्रभावों की रिपोर्ट्स आने के बाद सरकार ने कफ सीरप निर्यातकों के लिए विदेश भेजने के पहले उनकी दवा का सरकारी लैब में टेस्ट अनिवार्य कर दिया था. अब सरकारी परीक्षण में सामने आया है कि 54 भारतीय दवा निर्माताओं के 6% कफ सीरप मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए गए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर एक भारतीय दवा 'कोल्ड आउट सिरप' के ख़िलाफ़ अलर्ट जारी किया है. अलर्ट में कहा गया है कि इराक को निर्यात की गई इस दवा में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल स्वीकार्य स्तर से अधिक मिला है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं और मौत की वजह बन सकता है.
वीडियो: भारतीय कंपनी मेडन फार्मा की दवाइयों से गांबिया में सत्तर बच्चों की मौत की पुष्टि करने वाली एक और रिपोर्ट सामने आई है. गांबिया सरकार लगातार मेडन फार्मा और निर्यातक अटलांटिक फार्मा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की बात कह रही. वहीं, बीते दिनों भारतीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों की मृत्यु डायरिया से हुई थी.
डब्ल्यूएचओ ने अफ्रीकी देश कैमरून में बेचे जाने वाले एक कफ सीरप ‘नेचरकोल्ड सीरप’ को लेकर यह चेतावनी जारी की है. विश्लेषण से पता चला है कि इसमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल नामक तत्व निर्धारित मात्रा से पाया गया है, जो मनुष्यों के लिए ज़हरीला साबित हो सकता है.
पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनी कोका-कोला के डाइट कोक से लेकर ‘मार्स रिंगली’ के एक्स्ट्रा च्यूइंग गम और कुछ स्नैपल कंपनी के कुछ पेय पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले स्वीटनर एस्पार्टेम को जुलाई में डब्ल्यूएचओ की कैंसर शाखा इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा पहली बार ‘संभवत: मनुष्यों के लिए कैंसरकारी’ के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की जा रही दूषित कफ सीरप की जांच में इससे पहले 15 कफ सीरप को लेकर चेतावनी जारी की गई थी, जिनमें से सात भारत में निर्मित थे.
गांबिया में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि भारतीय कंपनी मेडन फार्मा की दवाइयों में मौजूद टॉक्सिन वहां सत्तर बच्चों की मौत की वजह थे. ऐसा निष्कर्ष देने वाली यह चौथी रिपोर्ट है. भारत सरकार अब तक उक्त दवाओं में टॉक्सिन की मौजूदगी की बात से इनकार करती रही है.
अक्टूबर 2022 में डब्ल्यूएचओ ने बताया था कि हरियाणा की मेडन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाई गईं खांसी की चार दवाओं में डायथिलिन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल नामक पदार्थ पाए गए हैं, जो मनुष्यों के लिए ज़हरीले माने जाते हैं और इससे गांबिया में 66 बच्चों की मौत हुई है. हालांकि, भारत ने अपनी जांच में दवा निर्माता कंपनी को क्लीनचिट दे दी थी.
नोएडा स्थित दवा निर्माता कंपनी मैरियन बायोटेक के कफ सीरप के परिणामस्वरूप कथित तौर पर दिसंबर 2022 में मध्य एशियाई देश उज़्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई थी. इसी संबंध में यह कार्रवाई की गई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 4,46,82,719 मामले सामने आए हैं और मृतक संख्या 5,30,739 है. विश्व में संक्रमण के 67.03 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और अब तक 68.23 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.