विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर एक भारतीय दवा 'कोल्ड आउट सिरप' के ख़िलाफ़ अलर्ट जारी किया है. अलर्ट में कहा गया है कि इराक को निर्यात की गई इस दवा में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल स्वीकार्य स्तर से अधिक मिला है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं और मौत की वजह बन सकता है.
वीडियो: भारतीय कंपनी मेडन फार्मा की दवाइयों से गांबिया में सत्तर बच्चों की मौत की पुष्टि करने वाली एक और रिपोर्ट सामने आई है. गांबिया सरकार लगातार मेडन फार्मा और निर्यातक अटलांटिक फार्मा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की बात कह रही. वहीं, बीते दिनों भारतीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों की मृत्यु डायरिया से हुई थी.
डब्ल्यूएचओ ने अफ्रीकी देश कैमरून में बेचे जाने वाले एक कफ सीरप ‘नेचरकोल्ड सीरप’ को लेकर यह चेतावनी जारी की है. विश्लेषण से पता चला है कि इसमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल नामक तत्व निर्धारित मात्रा से पाया गया है, जो मनुष्यों के लिए ज़हरीला साबित हो सकता है.
पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनी कोका-कोला के डाइट कोक से लेकर ‘मार्स रिंगली’ के एक्स्ट्रा च्यूइंग गम और कुछ स्नैपल कंपनी के कुछ पेय पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले स्वीटनर एस्पार्टेम को जुलाई में डब्ल्यूएचओ की कैंसर शाखा इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा पहली बार ‘संभवत: मनुष्यों के लिए कैंसरकारी’ के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की जा रही दूषित कफ सीरप की जांच में इससे पहले 15 कफ सीरप को लेकर चेतावनी जारी की गई थी, जिनमें से सात भारत में निर्मित थे.
गांबिया में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि भारतीय कंपनी मेडन फार्मा की दवाइयों में मौजूद टॉक्सिन वहां सत्तर बच्चों की मौत की वजह थे. ऐसा निष्कर्ष देने वाली यह चौथी रिपोर्ट है. भारत सरकार अब तक उक्त दवाओं में टॉक्सिन की मौजूदगी की बात से इनकार करती रही है.
अक्टूबर 2022 में डब्ल्यूएचओ ने बताया था कि हरियाणा की मेडन फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाई गईं खांसी की चार दवाओं में डायथिलिन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल नामक पदार्थ पाए गए हैं, जो मनुष्यों के लिए ज़हरीले माने जाते हैं और इससे गांबिया में 66 बच्चों की मौत हुई है. हालांकि, भारत ने अपनी जांच में दवा निर्माता कंपनी को क्लीनचिट दे दी थी.
नोएडा स्थित दवा निर्माता कंपनी मैरियन बायोटेक के कफ सीरप के परिणामस्वरूप कथित तौर पर दिसंबर 2022 में मध्य एशियाई देश उज़्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई थी. इसी संबंध में यह कार्रवाई की गई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 4,46,82,719 मामले सामने आए हैं और मृतक संख्या 5,30,739 है. विश्व में संक्रमण के 67.03 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और अब तक 68.23 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,46,82,639 हो गई है और इस महामारी के कारण जान गंवाने वालों का आंकड़ा 5,30,740 हो गया है. विश्व में संक्रमण के 67.02 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और अब तक 68.23 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 4,46,82,530 मामले सामने आए हैं और मृतक संख्या 5,30,739 है. विश्व में संक्रमण के 67.00 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और अब तक 68.22 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 4,46,82,437 मामले सामने आए हैं और मृतक संख्या 5,30,739 है. विश्व में संक्रमण के 66.98 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और अब तक 68.20 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,46,82,338 हो गए हैं और मृतक संख्या 5,30,738 है. विश्व में संक्रमण के 66.95 करोड़ से ज़्यादा केस दर्ज किए गए हैं और इस वैश्विक महामारी की वजह से अब तक 67.98 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,46,82,206 हो गई है और मृतकों का आंकड़ा 5,30,737 है. विश्व में संक्रमण के 66.92 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और इस महामारी की चपेट में आकर अब तक 67.41 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 4,46,82,104 केस हो गए हैं और 5,30,737 लोगों की मौत हुई है. विश्व में संक्रमण के 66.90 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और इस महामारी के कारण अब तक 67.40 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.