केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आरोप लगाया कि राज्य के भाजपा नेता मुरलीधरन के केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री बनने के बाद से ही राजनयिक सामान के जरिये सोने की तस्करी की शुरुआत हुई. इस पर मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए तस्करी के मामलों को देखना मेरा काम नहीं है. यह सीमा शुल्क विभाग का काम है, जो वित्त मंत्रालय के तहत आता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीते 22 फरवरी को मेडिकल आधार पर 82 वर्षीय वरवरा राव को छह महीने की अंतरिम ज़मानत दी थी. अदालत ने कहा था कि अस्पताल से छुट्टी मिलते ही राव को तुरंत जेल से रिहा कर दिया जाए.
भीमा कोरेगांव मामले में जून 2018 में गिरफ़्तार किए गए 81 वर्षीय वरवरा राव लंबे समय से बीमार चल रहे हैं. उन्हें मेडिकल आधार पर ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि ऐसा न करना मानवाधिकार की रक्षा के उसके कर्तव्य और नागरिकों के जीवन व स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार से विमुख होने जैसे होगा.
एनआईए ने सोने की तस्करी के एक मामले में यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है. एजेंसी ने हाईकोर्ट में आरोपियों की ज़मानत के ख़िलाफ़ अपील की थी, जिसे ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि तस्करी से जुड़ा मामला तब तक यूएपीए के तहत आतंकी कृत्य नहीं है, जब तक उससे देश की आर्थिक सुरक्षा को ख़तरा न हो.
एनआईए अदालत ने जुलाई 2020 में एलगार परिषद मामले में आरोपी गौतम नवलखा की डिफॉल्ट ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी थी, जिसे चुनौती देते हुए उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में आपराधिक अपील दायर की थी.
विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त 83 वर्ष के फादर स्टेन स्वामी को एल्गार परिषद मामले में गिरफ़्तार किया गया था. उनकी ज़मानत का विरोध करते हुए जिस पीसीयूएल को 'माओवादी' बताया गया, उसकी स्थापना समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण ने की थी और भाजपा के रविशंकर प्रसाद और अरुण जेटली इससे जुड़े रहे हैं.
जून 2018 में एल्गार परिषद मामले में गिरफ़्तार 82 वर्षीय तेलुगु कवि वरवरा राव इस समय नानावती अस्पताल में भर्ती हैं. मेडिकल आधार पर उन्हें ज़मानत देने की याचिका ख़ारिज करने का अनुरोध करते हुए मामले की जांच कर रहे एनआईए में कहा कि उनकी हालत स्थिर है.
यह कार्यक्रम शुरुआत में 31 दिसंबर 2020 को होना था, लेकिन पुलिस द्वारा मंजूरी नहीं दिए जाने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था. 2017 में भीमा-कोरेगांव युद्ध के 200 साल पूरे होने के मौके पर एल्गार परिषद कार्यक्रम का आयोजन 31 दिसंबर को पुणे के शनिवारवाड़ा में किया गया था. इसके अगले दिन यहां हिंसा भड़क उठी थी.
इज़रायल में भारतीय राजदूत को भेजे गए पत्र में वहां के कवियों के एक समूह ने तेलुगु कवि और कार्यकर्ता वरवरा राव की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए कहा कि राव अपने साहसी शब्दों की वजह से कई बड़े कॉरपोरेट, शक्तिशाली और भ्रष्ट नेताओं के दुश्मन बन गए हैं.
यूं तो बेटियां मांओं से बहुत जुड़ी होती ही हैं, मगर सुधा भारद्वाज की बेटी होना कोई आसान नहीं. बिना किसी अपराध के ढाई साल से ऊपर हुए मां जेल में है और बाहर मायशा अलग लड़ाई लड़ रही है.
तेलुगू कवि एवं कार्यकर्ता वरवरा राव के वकील का कहना है कि राव को किडनी समेत कई बीमारियां हैं. उन्हें एल्गार परिषद मामले में 28 अगस्त 2018 को गिरफ़्तार किया गया था.
वीडियो: किसानों और उनके आंदोलन के ख़िलाफ़ सिर्फ सरकारी एजेंसियां ही अभियान नहीं चला रही हैं, टीवी चैनलों के ज़रिये उनकी छवि बिगाड़ने और देश विरोधी बताने के लिए झूठी कहानियां चलाई जा रही हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह और पंजाब के स्वतंत्र पत्रकार शिव इंदर सिंह से उर्मिलेश की बातचीत.
मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि मैरी लॉलर एक ऑनलाइन कार्यक्रम में एल्गार परिषद मामले में हुई 83 वर्षीय स्टेन स्वामी की गिरफ़्तारी पर चिंता जताते हुए कहा कि देश मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति जवाबदेह है.
कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक संगठन के प्रमुख बलदेव सिंह सिरसा को एनआईए ने प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस के एक नेता के ख़िलाफ़ दर्ज मामले में समन भेजा है. सिरसा ने कहा कि पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ज़रिये आंदोलन पटरी से उतारने की कोशिश की, अब वह एनआईए का उपयोग कर रही है.
एल्गार परिषद मामले में जेल में बंद कार्यकर्ताओं गौतम नवलखा, हेनी बाबू और सुधा भारद्वाज ने कहा है कि पिछले कई महीने से परिवार द्वारा भेजी जा रहीं किताबें उन्हें नहीं मिल रही हैं. हालांकि जेल प्रशासन ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है.