बृहस्पतिवार रात रामबन ज़िले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर एक निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढहने से एक मज़दूर की मौत हो गई थी, वहीं तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. मलबे में नौ मज़दूर फंस गए थे. शनिवार को उनके शवों को भी बरामद कर लिया गया.
असम में बाढ़ की स्थिति शुक्रवार को भी गंभीर बनी रही, क्योंकि बाढ़ का पानी नए इलाकों में घुस गया है, जिससे कुल 29 ज़िले प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण चार और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई, जिसमें से पांच लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई है. उधर, अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण असम की बराक घाटी और दीमा हसाओ ज़िले समेत पड़ोसी राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के कुछ हिस्सों से सड़क और रेल संपर्क टूट गया है. असम और मेघालय में कई जगह सड़क और रेल पटरी बह गई है. असम में वर्षाजनित हादसों में तीन और लोगों की मौत हो जाने के बाद कुल मृतक संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
असम में आई बाढ़ से 20 ज़िलों के लगभग दो लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बीते 14 मई से लगातार बारिश से आए भूस्खलन के कारण रेल एवं सड़क संपर्क टूट गया है. कछार ज़िले में बाढ़ से दो लोगों की मौत हुई, जबकि भूस्खलन के कारण दीमा हसाओ में तीन लोगों की जान गई है.
झारखंड के देवघर ज़िले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकूट पहाड़ियों पर बीते 10 अप्रैल को 12 रोपवे ट्रॉली आपस में टकरा गई थी. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें दो महिलाएं एवं एक पुरुष शामिल हैं. इनमें से दो लोगों की मौत उन्हें बचाने के दौरान हुई थी.
झारखंड के देवघर ज़िले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकूट पहाड़ियों पर बीते 10 अप्रैल को 12 रोपवे ट्रॉली आपस में टकरा गई थी. इस हादसे के बाद ट्रॉली में फंसे कुल 46 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इसके साथ ही मंगलवार को तीसरे दिन सेना का बचाव अभियान ख़त्म हो गया.
झारखंड के देवघर ज़िले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकूट पहाड़ियों पर रविवार शाम में हुए इस हादसे में कम से कम 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. देवघर के उपायुक्त ने कहा कि प्रथमदृष्टया दुर्घटना का कारण तकनीकी ख़राबी लग रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने पीएम-केयर्स फंड के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से इसका ऑडिट कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट के 31 अगस्त, 2020 के फैसले को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि जनता के पैसे की अकल्पनीय और अथाह राशि कोष के ख़जाने में हर रोज़ बेरोकटोक डाली जाती है.
मई 2020 में पीएमओ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कोविड-19 वैक्सीन के डिजाइनर्स और डेवलपर्स की मदद के लिए पीएम केयर्स फंड से सौ करोड़ रुपये देने की बात कही गई थी. अब एक आरटीआई आवेदन के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय बताया कि वैक्सीन उत्पादन के लिए पीएम केयर्स फंड से कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई.
पहाड़ों में जनता की दुख-तकलीफ़ों को दूर करने के सियासी एजेंडा में पर्यावरण और विकास के सवाल हमेशा से ही विरोधाभासी रहे हैं क्योंकि राजनीतिक दलों को लगता है कि पर्यावरण बचाने की बातें करेंगे तो विकास के लिए तरसते लोग वोट नहीं देंगे.
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है. भारी बारिश से कई मकान ढह गए. कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं. सड़कों, पुलों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य भर में भारी क्षति हुई है. सामान्य स्थिति में लौटने में समय लगेगा. धामी ने राहत प्रयासों के लिए प्रत्येक ज़िलाधिकारियों को 10-10 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
केरल के दो ज़िलों- कोट्टायम और इडुक्की में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में रविवार तक 22 लोगों की मौत हो गई. ख़राब मौसम के कारण इडुक्की के पहाड़ी इलाकों में यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 20 से 24 अक्टूबर तक मौसम के और ख़राब होने का अनुमान लगाया है.
दिल्ली हाईकोर्ट में एक बार फिर इस बात को लेकर दलील दी गई कि पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट में उच्च स्तर के पदाधिकारियों का शामिल होना, राजकीय चिह्न का उपयोग, आधिकारिक डोमेन नेम का इस्तेमाल आदि तथ्य इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पीएम केयर्स फंड भारत सरकार की ही संस्था है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से यह जवाब अदालत में दायर उन याचिकाओं को लेकर आया है, जिसमें पीएम केयर्स फंड को सरकारी घोषित करने की मांग की गई है.
भूस्खलन हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले के चौरा गांव में दोपहर से ठीक पहले हुआ. किन्नौर के उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन की बस समेत अनेक वाहन भूस्खलन के मलबे में दब गए. बस किन्नौर के रेकॉन्ग प्यो से शिमला जा रही थी. बस में तकरीबन 40 लोग सवार थे. हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है.