हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि हिंदी की स्वीकार्यता स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेज़ी के विकल्प के रूप में होनी चाहिए. तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा कि उनकी पार्टी तमिलनाडु के लोगों पर हिंदी थोपे जाने को न तो स्वीकार करेगी और न ही इसकी अनुमति देगी.
यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा का अंग्रेजी का पेपर 30 मार्च को लीक हो गया था. इस आरोप में पुलिस ने बलिया के तीन पत्रकारों को गिरफ़्तार किया है. स्थानीय पत्रकार संघों का आरोप है कि पत्रकारों को पेपर लीक होने की ख़बर करने के चलते फंसाया गया, जबकि पुलिस का कहना है कि पेपर लीक में उनकी भूमिका के आधार पर उन्हें गिरफ़्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले के ख़ैराबाद के महर्षि श्री लक्ष्मण दास उदासी आश्रम के महंत बजरंग मुनि पर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ अपमानजनक बयान के लिए बीते 8 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था. बताया जाता है कि महंत ने नवरात्रि और हिंदू नववर्ष के अवसर पर निकले जुलूस के दौरान पुलिस की मौजूदगी में ये बयान दिए थे.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों कहा था कि सभी पूर्वोत्तर राज्य दसवीं कक्षा तक हिंदी अनिवार्य करने पर सहमत हो गए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सनोउजम श्यामचरण सिंह को इसकी आलोचना पर दर्ज शिकायत के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया. उधर, आठ छात्र इकाइयों के संगठन द नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि हिंदी अनिवार्य करना पूर्वोत्तर की मूल भाषाओं के लिए अहितकर होगा और इससे सौहार्द बिगड़ेगा.
यह घटना द्वारका के छावला क्षेत्र में 11 अप्रैल की है. गोहत्या के शक में खुद को 'गौरक्षक' बताने वाले 10-15 अज्ञात लोगों का एक समूह फार्महाउस एक पहुंचा और वहां मौजूद लोगों पर हमला कर दिया. गोहत्या के आरोप में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि हमला करने और हत्या के मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
ठेकेदार संतोष पाटिल ने चार करोड़ रुपये की एक परियोजना में निवेश किया था. कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर आरोप है कि वे परियोजना से संबंधित भुगतान को मंजूरी देने के एवज में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे.
यह टैपिंग कथित तौर पर नवंबर 2019 में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने से पहले उस समय हुई, जब भाजपा राज्य में सत्ता में थी. मामले की जांच एमवीए सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के निष्कर्षों के परिणामस्वरूप हुई है. बताया गया है कि फोन टैपिंग का अनुरोध राज्य के इंटेलिजेंस विभाग द्वारा किया गया था.
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया हुआ है, लेकिन यह लगातार तीसरा महीना है जब यह छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विश्वविद्यालय परिसर के भीतर चट्टानों से निर्मित एक ढांचे में भगवा झंडे के साथ राम और हनुमान की तस्वीरें लगाई गई थीं, साथ ही कथित तौर पर अनुष्ठान भी किए गए थे. अन्य छात्र समूह इसे विश्वविद्यालय के भगवाकरण के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं.
यह घटना नोएडा के ऑक्सफोर्ड स्क्वॉयर सुपरटेक इन्क्लेव-3 सोसायटी में 10 अप्रैल रामनवमी के अवसर पर हुई. सोसाइटी के कुछ लोगों ने जगराते का आयोजन किया था. देर रात तक लाउडस्पीकर से भक्ति गीत बजाए जा रहे थे. आरोप है कि पत्रकार ने वहां पहुंचकर इसका विरोध किया तो भीड़ ने उन्हें ‘राष्ट्रविरोधी’ और ‘पाकिस्तानी’ और उनकी पत्नी से भी अभद्रता की.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में रामनवमी के मौके पर एक शख़्स द्वारा मस्जिद की दीवार पर चढ़कर उसके गेट के ऊपर भगवा झंडा लगाए जाने का मामला सामने आया है. घटना से संबंधित वीडियो में तलवार और हॉकी स्टिक लहराते कई बाइक सवारों को इस शख़्स का उत्साहवर्धन करते देखा जा सकता है.
वर्तमान परिस्थितियों को लेकर कॉरपोरेट अग्रणियों के बीच पसरे विराट मौन में शायद ही कोई अपवाद मिले. यह बात अब शीशे की तरफ साफ हो गई है कि मौजूदा निज़ाम में कॉरपोरेट समूहों और हिंदुत्व वर्चस्ववादी ताकतों की जुगलबंदी नए मुकाम पर पहुंची है.
कर्नाटक के धारवाड़ स्थित एक मंदिर में शनिवार को श्री राम सेना के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम फल विक्रेताओं के ठेलों में तोड़फोड़ करने के साथ-साथ उनमें लदे फलों को भी सड़क पर फेंककर नष्ट कर दिया. आरोप है कि मौके पर मौजूद पुलिस तमाशबीन बनी रही.
आरोप है कि विश्वविद्यालय के कावेरी छात्रावास में रविवार को एबीवीपी के सदस्यों ने मेस में मांसाहार बनाने से रोकने के बाद हुई हिंसा में छह छात्र घायल हो गए. एबीवीपी ने दावा किया है कि वामपंथी छात्रों ने उनकी रामनवमी पूजा बाधित की. जेएनयू छात्रसंघ समेत कई छात्र संगठनों की शिकायत पर अज्ञात एबीवीपी सदस्यों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर और वर्तमान में इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेंस के चेयर प्रो. अरुण कुमार सरकार को सबसे पहले पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कमी करने की ज़रूरत है. ईंधन के दाम अधिक होने पर दूसरे उत्पाद महंगे हो जाते हैं. सरकार चाहे तो कर राजस्व बढ़ाने के लिए उन लोगों पर टैक्स लगा सकती है, जिनकी संपत्ति हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है. कॉरपोरेट कर, संपत्ति कर जैसे कर बढ़ाकर प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ाया जा सकता