बीते 28 अप्रैल को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने मणिपुर और मिज़ोरम की सरकारों से अवैध प्रवासियों के बायोग्राफिक और बायोमेट्रिक विवरण जुटाने के लिए कहा था, जिसकी समयसीमा 30 सितंबर निर्धारित की गई थी. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते दिनों एक साक्षात्कार में राज्य में जारी हिंसा के लिए म्यांमार के अवैध प्रवासियों को ज़िम्मेदार ठहराया था.
बीते वर्ष नवंबर में केंद्र सरकार ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही उन्हें और सेवा विस्तार न देने को कह चुका था. अब कोर्ट ने मिश्रा को 31 जुलाई, 2023 तक पद पर बने रहने की अनुमति दी है.
मणिपुर सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई एक स्टेटस रिपोर्ट से पता चला है कि अधिकांश मौतें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और चुराचांदपुर ज़िलों में दर्ज की गई हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 3 जुलाई तक आगज़नी की 5,053 घटनाएं हुईं और 5,995 एफ़आईआर दर्ज की गई हैं.
मणिपुर ट्राइबल फोरम (दिल्ली) और मणिपुर विधानसभा की हिल एरिया कमेटी के अध्यक्ष द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके समक्ष हो रही कार्यवाही को हिंसा को बढ़ावा देने के मंच के रूप में इस्तेमाल न किया जाए.
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया था. हिंसा को सरकार प्रायोजित बताने पर टीम में शामिल एनी राजा, निशा सिद्धू और दीक्षा द्विवेदी के ख़िलाफ़ राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने, उकसाने और मानहानि से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
केरल हाईकोर्ट ने एक मलयाली दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिसमें पुलिस को उनका फोन सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी. अदालत ने कहा कि सीआरपीसी के प्रावधानों के उल्लंघन में पत्रकार का मोबाइल फोन पुलिस अधिकारियों द्वारा ज़ब्त नहीं किया जा सकता.
जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को भीड़ द्वारा हिंसा और लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कई दिशानिर्देश दिए थे. अब अदालत ने 2018 से ऐसी हिंसक घटनाओं के संबंध में दर्ज की गई शिकायतों, एफआईआर और अदालतों में पेश किए गए चालान से संबंधित वर्षवार डेटा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में लगातार बारिश का दौर जारी है. हिमाचल प्रदेश में बारिश के चलते अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से पिछले दो दिनों में 20 लोगों की मौत हुई है, जबकि पंजाब और हरियाणा में 9, राजस्थान में 7 और उत्तर प्रदेश में 3 लोगों की मौत होने की सूचना है.
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कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने समान नागरिक संहिता पर छिड़ी बहस के संबंध में कहा है कि संसद या स्थायी समिति में इस पर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है और इसे सिर्फ़ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा ‘राजनीतिक टूल’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
बीते 28 जून से 1 जुलाई के बीच नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया था. इसकी तीन सदस्यों एनी राजा, निशा सिद्धू और दीक्षा द्विवेदी के ख़िलाफ़ राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने, उकसाने और मानहानि से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
यंग विमेन क्रिश्चियन एसोसिएशन ऑफ दिल्ली के बाद एक पखवाड़े के भीतर अपना एफसीआरए लाइसेंस खोने वाला सद्भावना ट्रस्ट दूसरा महिला-केंद्रित एनजीओ है. दो और एनजीओ सीएनआई शिशु संगोपन गृह और प्रोग्राम फॉर सोशल एक्शन ने भी हाल ही में अपने लाइसेंस खो दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली ने जेंडर आधारित दुर्व्यवहार की शिकायतों का समयबद्ध निपटारा करने का मजबूत तंत्र बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा है कि इससे पूरे समाज को संदेश जाएगा कि खेलों में शामिल महिलाएं सम्मान, गरिमा और हर तरह के भेदभाव व उत्पीड़न से सुरक्षा की हक़दार हैं.
जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ ज़िले में दो मदरसों को एफसीआरए मानदंडों का उल्लंघन करने वाले एक ट्रस्ट से जुड़ाव रखने के चलते स्थानीय प्रशासन ने बंद करने का आदेश जारी किया था, हालांकि इस आदेश को जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने स्थगित कर दिया था. इसके बावजूद भी मदरसों को सील कर दिया गया.
मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ख़ाम ख़ान सुआन हाउजिंग, कुकी महिला मंच की संयोजक मैरी ग्रेस ज़ोउ और कुकी पीपुल्स एलायंस के महासचिव विल्सन लालम हैंगशिंग ने द वायर के लिए करण थापर को इंटरव्यू दिया था. आरोप है कि साक्षात्कार के दौरान उनके बयानों ने सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काया था.