बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की मांग है कि बिजली गिरने से होने वाली मौतों को प्राकृतिक आपदा के रूप में देखा जाए. इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद पीड़ित राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से मुआवज़ा पाने के हक़दार होंगे. एसडीआरएफ को लगभग 75 फीसदी धनराशि केंद्र से मिलती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, झारखंड के रांची स्थित हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन के इंजीनियरों को पिछले 17 महीनों से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. बीते दिनों प्रक्षेपित चंद्रयान-3 का लॉन्च पैड व अन्य महत्वपूर्ण उपकरण यहीं तैयार हुए हैं.
जम्मू कश्मीर सरकार ने तीनों कर्मचारियों को बर्ख़ास्त करने के लिए भारत के संविधान की धारा 311 (2) (सी) का इस्तेमाल किया, जो सरकार को बिना जांच किए किसी कर्मचारी को बर्ख़ास्त करने की अनुमति देता है. पिछले डेढ़ साल में सरकार ने राज्य की सुरक्षा के लिए ‘ख़तरा’ होने के कारण लगभग 52 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की हैं.
उत्तराखंड की तीर्थ नगरी हरिद्वार में इस वर्ष देशभर से करीब चार करोड़ श्रद्धालु कांवड़ लेकर पहुंचे थे. हर-की-पैड़ी से 42 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग पर गंगा घाट, बाज़ार, पार्किंग स्थल और सड़कें कूड़े से अटी पड़ी थीं. अधिकारियों ने कहा कि शहर को पूरी तरह से साफ करने में कई हफ्ते लग सकते हैं.
केदारनाथ मंदिर परिसर में भक्तों के फोटो लेने और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध का यह कदम एक महिला ब्लॉगर द्वारा मंदिर के सामने अपने प्रेमी को प्रपोज करने का हालिया वीडियो वायरल होने के बाद उठाया गया है. मंदिर ने लोगों से ‘सभ्य कपड़े’ पहनने और मंदिर परिसर में तंबू या शिविर लगाने से परहेज करने को भी कहा है.
‘स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2023’ नामक रिपोर्ट में गुजरात में इंटरनेट यूज़र्स के व्यवहार को जांचा-परखा गया. इसके तहत किए गए एक सर्वे में सामने आया कि राज्य में 33 फीसदी लोगों को राजनीतिक या सामाजिक राय ऑनलाइन साझा करने पर क़ानूनी कार्रवाई का डर सताता है. वहीं, अन्य 46 फीसदी ने कहा कि वे ‘कुछ हद तक डरे हुए’ हैं.
आरोप है कि बीते 10 जुलाई को हरिद्वार में कांवड़ियों के एक समूह ने एक कार में तोड़फोड़ करने के साथ ही इसके चालक के साथ भी मारपीट की, क्योंकि उनकी कार ग़लती से एक कांवड़ से टकरा गई थी. कार चालक ने बताया कि वह भाजपा-आरएसएस के सदस्य हैं और काली टोपी पहनने से हमलावरों ने उन्हें मुस्लिम समझ लिया था.
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन पिछले तीन वर्षों से बिना किसी निर्वाचित निकाय के है क्योंकि सरकार ने दो साल पहले भी उन्हें चुनाव कराने से रोक दिया था. पिछले कुछ वर्षों में बार को अलगाववाद समर्थक के रूप में देखा गया है.
महाराष्ट्र के जलगांव ज़िले के एरंडोल तालुका स्थित जुम्मा मस्जिद वक़्फ़ बोर्ड के तहत पंजीकृत एक संपत्ति है, जिसे लेकर दक्षिणपंथी शिकायतकर्ता का दावा है कि इसका निर्माण हिंदू पूजा स्थल की जगह पर किया गया था. कलेक्टर द्वारा धारा 144 लागू कर परिसर में नमाज़ पढ़ने पर रोक लगाने के आदेश पर सवाल उठ रहे हैं.
मणिपुर में इंटरनेट पर प्रतिबंध को आगे बढ़ाए जाने के साथ ही इंफाल पूर्वी और इंफाल पश्चिमी ज़िले से हिंसा और आगज़नी की ख़बरें आई हैं. इंफाल पूर्व में जहां एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई है, वहीं इंफाल पश्चिम में उपद्रवियों ने तीन ख़ाली खड़े ट्रकों को आग के हवाले कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की कर्नाटक डिवीज़न में चुनाव होने संबंधी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस दौरान शीर्ष अदालत ने सभा के चुनाव कराने संबंधी कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरक़रार रखते हुए कहा कि हम चुनाव पर रोक नहीं लगा सकते, अगर यह अनुच्छेद 329 के तहत आने वाला मामला है तो हम बिल्कुल शक्तिहीन हैं.
सब्ज़ियों की कीमत में वृद्धि को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि ये मिया विक्रेता हैं, जो ऊंची दरों पर सब्ज़ियां बेच रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह फ्लाईओवर के नीचे सब्ज़ी मंडियों को ख़ाली कराएंगे, ताकि ‘असमिया लड़कों’ को रोज़गार के अवसर मिल सकें.
मध्य प्रदेश के दतिया ज़िले का मामला. पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद भाजपा नेता के बेटे को गिरफ़्तार कर लिया, जबकि तीन अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. बलात्कार की घटना के बाद एक बहन ने आत्महत्या की कोशिश की, उसका इलाज झांसी के एक अस्पताल में चल रहा है.
अक्टूबर 2021 में शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों/स्वायत्त संस्थानों को ज्ञापन भेजकर मौजूदा शिक्षण सामग्री को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने का निर्देश दिया था. आईआईएम बैंगलोर, काशीपुर और उदयपुर ने जवाब दिया कि यह आदेश उन पर लागू नहीं होता, बाकि 17 आईआईएम ने कोई जवाब नहीं दिया है.
विशेष: बुंदेलखंड में केन नदी की लोअर स्ट्रीम का लगभग 106 किलोमीटर हिस्सा, जो मध्य प्रदेश के पन्ना ज़िले में अजयगढ़ से लेकर उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में चिल्ला घाट तक फैला है, बेतहाशा अवैध खनन के कारण अपनी मूल संरचना खो चुका है.