सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड योजना से जुड़े विवरण चुनाव आयोग को सौंपने की समयसीमा निकलने के बीच बैंक की वेबसाइट से चुनावी बॉन्ड से जुड़े कुछ दस्तावेज़ हटा दिए गए हैं. डिलीट किए गए वेबपेज में चंदा देने वालों के लिए निर्धारित दिशानिर्देश और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न या एफएक्यू शामिल हैं.
हमीरपुर ज़िले का मामला. बीते 29 फरवरी को 14 और 15 साल की दो किशोरियों के शव बरामद हुए थे. उनमें से एक के पिता ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि आरोपियों के परिवार की ओर से उन्हें सामूहिक बलात्कार का मामला वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा था.
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बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को गुरुवार को नागपुर केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया. साल 2014 से क़ैद में रहे साईबाबा ने सरकार से मुआवज़े की मांग के बारे में पूछने पर कहा कि उन्होंने इस बारे में विचार नहीं किया है.
सोनम वांगचुक ने बुधवार को कहा कि लद्दाख के लोग वादे पूरे न करने से आहत हैं, इसलिए सरकार को उसका वादा याद दिलाने के लिए मैंने आमरण अनशन पर बैठने का फैसला किया है.
पहली बार चुनावी बॉन्ड पेश किए जाने के समय आर्थिक मामलों के सचिव रहे पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड की जानकारी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बैंक से चुनाव आयोग को देने के लिए कहा है, उपलब्ध कराने के लिए 'एक दिन से ज़्यादा के समय की ज़रूरत' नहीं है.
एसबीआई ने 5 मार्च को शीर्ष अदालत से राजनीतिक दलों द्वारा खरीदे या भुनाए गए सभी चुनावी बांड्स का विवरण देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था. इसके बाद से सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक की कार्यप्रणाली को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभय एस. ओका ने एक कार्यक्रम में कहा कि अदालत से संबंधित कार्यक्रमों में पूजा-अर्चना बंद कर दी जानी चाहिए और कार्यक्रमों की शुरुआत से पहले संविधान की प्रस्तावना की एक प्रति के सामने झुककर धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
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13 फरवरी को किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से यह तीसरी बार है जब केंद्र सरकार ने किसानों और उनके मुद्दे से जुड़े अपडेट देने वाले सोशल मीडिया एकाउंट पर रोक लगाई है.
चुनाव आयोग अपनी नई एडवाइज़री को लेकर वास्तव में गंभीर है तो उसका स्वागत किया जा सकता है. इसके बावजूद इस जवाब की दरकार रहेगी कि इस बार इसके अनुपालन के लिए उसने कौन-सी नई व्यवस्था बनाई है जिनसे आश्वस्त हुआ जा सके कि पिछली बार की तरह इस बार कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा?
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केंद्र शासित प्रदेश के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की 4 मार्च को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पूर्व भाजपा सांसद थुपस्तान छेवांग ने कहा कि गृह मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि छठी अनुसूची के तहत न तो राज्य का दर्जा दिया जा सकता है और न ही गारंटी दी जा सकती है.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कहा है कि म्यांमार की स्थिति का प्रत्यक्ष प्रभाव बढ़ते अंतरराष्ट्रीय अपराधों के रूप में देखा जा सकता है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा, जो 90 फीसदी से अधिक शारीरिक अक्षमता का शिकार हैं और ह्वीलचेयर पर रहते हैं, पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए थे. साल 2014 में गिरफ़्तार किए गए साईबाबा के अब रिहा होने की संभावना है.