जनवरी से ईसाइयों के ख़िलाफ़ हिंसा की कम से कम 400 घटनाएं, यूपी में सर्वाधिक: रिपोर्ट

यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के अनुसार, जून में इस अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ सबसे अधिक हमले देखे गए, जहां कुल 88 घटनाएं या प्रतिदिन औसतन तीन घटनाएं दर्ज हुईं.

सुप्रीम कोर्ट में भीड़ की हिंसा और लिंचिंग पर केंद्र, राज्य सरकारों से स्टेटस रिपोर्ट तलब की

जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को भीड़ द्वारा हिंसा और लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कई दिशानिर्देश दिए थे. अब अदालत ने 2018 से ऐसी हिंसक घटनाओं के संबंध में दर्ज की गई शिकायतों, एफआईआर और अदालतों में पेश किए गए चालान से संबंधित वर्षवार डेटा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

उत्तर भारत में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 41 लोगों की मौत

पिछले कुछ दिनों से उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में लगातार बारिश का दौर जारी है. हिमाचल प्रदेश में बारिश के चलते अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से पिछले दो दिनों में 20 लोगों की मौत हुई है, जबकि पंजाब और हरियाणा में 9, राजस्थान में 7 और उत्तर प्रदेश में 3 लोगों की मौत होने की सूचना है.

डीयू: प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में काली पोशाक नहीं पहनने और अनिवार्य उपस्थिति का निर्देश

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ कॉलेजों ने अपने शताब्दी समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग में भाग लेने के लिए छात्रों के लिए निर्देशों की एक सूची जारी की है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे. कुछ छात्र संगठनों ने इन निर्देशों को निंदनीय बताया है.

समान नागरिक संहिता: विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिए एक भाषण में समान नागरिक संहिता की पुरज़ोर वकालत की थी. इस पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने कहा है कि वे कई मोर्चों पर उनकी सरकार की विफलता से ध्यान भटकाने के लिए विभाजनकारी राजनीति का सहारा ले रहे हैं.

साल 2022 में भारत में कम से कम 194 पत्रकारों को निशाना बनाया गया: रिपोर्ट

राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में पूरे भारत में सात महिला पत्रकारों सहित कुल 194 पत्रकारों को निशाना बनाया गया, जिनमें सर्वाधिक कश्मीर के थे. कम से कम 103 पत्रकार सरकारों द्वारा निशाना बनाए गए, जबकि 91 राजनीतिक कार्यकर्ताओं समेत गैर-सरकारी तत्वों के निशाने पर रहे.

‘कोई मजिस्ट्रेट उन मुलज़िमों के साथ इंसाफ़ नहीं कर सकता जिनके साथ ख़ुद सरकार ऐसा करना न चाहे’

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: मौलाना अबुल कलाम आज़ाद द्वारा बग़ावत के इल्ज़ाम में उन पर चलाए गए एक मुक़दमे में क़रीब सौ साल पहले कलकत्ते की एक अदालत में पेश लिखित बयान ‘क़ौल-ए-फ़ैसल: इंसाफ़ की बात’ शीर्षक से किताब की शक्ल में सामने आया है.

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