अप्रैल 2024 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा था कि बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए योग्य नहीं हैं. इस आदेश के तहत राज्य सरकार ने पिछले महीने 2,800 से अधिक बीएड धारक प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की है. ये शिक्षक महीनेभर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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9 नवंबर, 2024 को ‘कांस्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप’ (सीसीजी) ने दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया था, जिसमें राजनीतिक क़ैदियों के अधिकार, यूएपीए और पीएमएलए और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और न्यायपालिका की भूमिका पर चर्चा की गई.
वीडियो: देश में विभिन्न चुनावों के बीच सांप्रदायिक बयान और हेट स्पीच प्रचार का हिस्सा बन चुके हैं, जहां नेता बिना किसी जवाबदेही के नफ़रती बयान देते नज़र आ रहे हैं. वहीं, चुनाव आयोग भी इन पर ख़ामोश है. इसे लेकर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती और एडीआर की लीगल लीड शिवानी कपूर से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी : कलाविद् शनय झावेरी के 'भारत का कल्पना-संस्थान’ नाम के संचयन से स्पष्ट होता है कि हमारी समकालीन कला में रंगबोध, संयोजन, दृष्टि, शैली, सामग्री आदि की अपार और अदम्य बहुलता है.
महाराष्ट्र में अपनी रैलियों में आदित्यनाथ ने ध्रुवीकरण वाला नारा दोहराते हुए कहा, ‘एक रहोगे तो नेक रहोगे, सुरक्षित रहोगे. बंटे थे तो कटे थे.'
एनएससीएन-आईएम के इसाक-मुइवा गुट ने संघर्ष विराम पर सहमति के 27 साल बाद केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर केंद्र ने 2015 के नगा शांति को लेकर हुए फ्रेमवर्क समझौते का सम्मान नहीं किया तो वे फिर से भारत के ख़िलाफ़ हिंसक सशस्त्र प्रतिरोध शुरू करेंगे.
पुस्तक समीक्षा: राजीव भार्गव की ‘राष्ट्र और नैतिकता : नए भारत से उठते 100 सवाल ‘न केवल भारत के समकालीन नैतिक संकटों पर प्रकाश डालती है, बल्कि यह हर उस भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ है जो राष्ट्र के भविष्य को समझना और उसमें योगदान देना चाहता है.