बीते फरवरी में आईआईटी-बॉम्बे में बीटेक के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने के चलते हो गई थी. उनके परिवार ने उनके इस क़दम के लिए कैंपस में हुए जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताया था. हालांकि मामले की जांच के लिए बनी समिति ने इससे इनकार किया है.
आईआईटी बॉम्बे के एससी/एसटी छात्र प्रकोष्ठ द्वारा किए गए एक मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में कहा गया है कि संस्थान में एससी/एसटी छात्रों को कम क्षमतावान छात्रों के रूप में देखा जाता है. सर्वे में शामिल कई छात्रों ने बताया कि यहां अंग्रेज़ी में धाराप्रवाह होने या न होने से आपकी जाति की पहचान की जाती है.
अहमदाबाद के रहने दर्शन सोलंकी की बीते 12 फरवरी को आईआईटी बॉम्बे परिसर के एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंज़िल से कथित तौर पर छलांग लगाने से मौत हो गई थी. उनके परिवार ने कैंपस में जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया था. वहीं आईआईटी-बॉम्बे द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में इससे इनकार किया है.
अहमदाबाद के रहने वाले दर्शन सोलंकी की मौत बीते 12 फरवरी को आईआईटी-बॉम्बे परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कथित तौर पर छलांग लगाने से हो गई थी. वह बीटेक के पहले वर्ष का छात्र थे.
केरल सरकार द्वारा संचालित केआर नारायणन नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ विज़ुअल साइंस एंड आर्ट्स के निदेशक शंकर मोहन ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. विद्यार्थियों और शिक्षकों का एक वर्ग उन पर जाति आधारित भेदभाव का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रहा था. संस्थान के कुछ सफाई कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि उनकी पत्नी उनसे अपने घर का शौचालय साफ करवाती थीं.
घटना राजधानी बेंगलुरु से 80 किमी दूर चिक्कबल्लापुर ज़िले के केम्पडेनहल्ली गांव की है. जहां कथित उच्च जातियों से आने वाले दस लोगों ने जेवर चुराने के संदेह में चौदह साल के एक दलित किशोर को खंबे से बांधकर बुरी तरह पीटा. पुलिस के अनुसार, घायल किशोर का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
घटना कोलार ज़िले के मलूर तालुक के एक गांव में इस महीने की शुरुआत में घटी थी, जब गांव में निकाले जा रहे ग्राम देवता के जुलूस में 15 साल के लड़के के मूर्ति के स्पर्श के बाद उसके परिवार से साठ हज़ार रुपये का जुर्माना देने को कहा गया. ऐसा न करने पर उन्हें गांव से बाहर निकालने की धमकी दी गई.
असम के दरांग ज़िले के एक गांव की घटना. 65 वर्षीय अतुल शर्मा की बीते 9 अगस्त को मौत हो गई थी, लेकिन ग्रामीणों के कथित असहयोग के कारण परिवार को उनका शव जलाने के बजाय दफ़नाने के लिए मजबूर होना पड़ा. 27 साल पहले अंतरजातीय विवाह करने की वजह से ग्रामीणों ने उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया था.
राजस्थान में जालोर ज़िले के सुराणा गांव स्थित एक निजी स्कूल का मामला. बच्चे को बीते 20 जुलाई को कथित तौर पर पीटा गया था और बीते शनिवार को अस्पताल में उसकी मौत हो गई. पुलिस ने 40 वर्षीय शिक्षक को गिरफ़्तार कर लिया है. उनके ख़िलाफ़ हत्या और अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.
गूगल न्यूज़ में दलित अधिकार कार्यकर्ता थेनमोजी सौंदरराजन का जाति के मुद्दे पर होने वाला लेक्चर रद्द कर दिया गया. ख़बर आई कि भारतीय मूल के कथित ऊंची जाति से आने वाले कुछ कर्मचारियों ने सौंदरराजन को 'हिंदू-विरोधी' बताते हुए ईमेल्स भेजे थे.
कर्नाटक में एक अस्पृश्यता विरोधी 'विनय समरस्य' योजना को दलित समुदाय से आने तीन साल के विनय के नाम पर शुरू करने का ऐलान किया है. यह बच्चा सितंबर 2021 में कोप्पल ज़िले के एक गांव में बारिश से बचने के लिए मंदिर में चला गया था, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसके परिवार पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था.
लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हम 21वीं सदी में रहते हैं, हमारे पास चमचमाती सड़कें हैं, लेकिन बहुत से लोग जो उन पर चलते हैं, आज भी जाति व्यवस्था से प्रभावित हैं. हमारा मस्तिष्क कब चमकेगा? हम कब अपनी जाति आधारित मानसिकता का त्याग करेंगे.
मामला उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िले के संग्रामपुर विकासखंड के बनपुरवा सरकारी स्कूल का है. भोजन परोसने के दौरान कथित तौर पर दलित बच्चों की अलग पंक्ति बनाने के आरोप में स्कूल की प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. जांच के बाद उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है.
मामला उत्तर प्रदेश के मैनपुरी ज़िले में बेवर ब्लॉक के दौदापुर शासकीय प्राथमिक विद्यालय का है. ग्राम प्रधान पति द्वारा शिकायत पर स्कूल का दौरा करने गए अधिकारियों ने पाया कि मिड-डे मील परोसने के लिए अनुसूचित जाति के बच्चों को दिए गए बर्तन अन्य बर्तनों से अलग रखे गए थे. मामले में प्रधानाध्यापिका को निलंबित करने के अलावा दो रसोइयों को भी काम पर से हटा दिया गया है.
ब्राह्मण समुदाय के अश्विनी ने साल 2009 में एक दलित समुदाय की महिला से शादी की थी, लेकिन उनके परिवार ने अब तक उनकी पत्नी को स्वीकार नहीं किया है और उन पर लगातार तलाक़ देने का दबाव डाल रहा है. अश्विनी ने उनके परिजनों पर ज़हर देने और ज़िंदा जलाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.