आरोप है कि मैसुरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने मैसूरु के रहने वाले 34 वर्षीय मनोरंजन डी. और लखनऊ में ऑटोरिक्शा चलाने वाले सागर शर्मा को विज़िटर्स पास जारी किए थे. बीते 13 दिसंबर को मनोरंजन और सागर ने लोकसभा की सुरक्षा का उल्लंघन करते हुए दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद गैस कनस्तर खोल दिए थे.
वर्ष 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी के मौक़े पर बुधवार को दो अज्ञात लोग शून्यकाल के दौरान लोकसभा में घुस गए और एक ने सदन में एक कैन से पीला धुआं छोड़ा. सांसदों द्वारा पकड़ने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. बताया गया है कि धुआं ज़हरीला नहीं था.
विपक्ष का कहना है कि वह इस बात से निराश है कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर राज्य को विखंडित करने और उसका दर्जा घटाकर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के सवाल पर फैसला नहीं किया. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर बरक़रार रखने के शीर्ष अदालत के फैसले पर कांग्रेस ने कहा कि वह इससे ‘सम्मानपूर्वक असहमति जताती’ है.
कर्नाटक की पिछली भाजपा सरकार पर सरकारी ठेकों में 40 प्रतिशत कमीशन लेने के आरोप लगे थे. साथ ही राज्य के तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर सरकारी ठेके में 40 प्रतिशत का कमीशन लेने का आरोप लगाने वाले एक ठेकेदार को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का भी आरोप लगा था.
हिंदुत्व की पूरी पिच भाजपा की तैयार की हुई है. इस पर हाथ-पांव मारने की बेचैन कोशिश में तात्कालिक लाभ होता दिख सकता है, पर दूरगामी परिणाम देखा जाए तो इसके फायदे के बजाय नुक़सान ही ज़्यादा नज़र आते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट केवल आंकड़े मात्र नहीं हैं, एससी-एसटी समाज के जीवन को असुरक्षित बनाने का भाजपाई काला चिट्ठा है. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के ख़िलाफ़ अपराध के कुल 57,582 और 10,064 केस दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में क्रमशः 13.1% और 14.3% अधिक है.
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ इस विपक्षी गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुक़ाबला है.
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वीडियो: तीन विधानसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत को लेकर वरिष्ठ पत्रकारों- राजन महान, आलोक पुतुल और द वायर के पॉलिटिकल एडिटर के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों की जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने 'हैट्रिक' शब्द कहते हुए आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार की ज़मीन तैयार कर दी है. हालांकि, आंकड़ों के साथ इस दावे की पड़ताल भाजपा के लिए उतनी आश्वस्तकारी नहीं है, जितनी समझी जा रही है.
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पूर्वोत्तर में एक नए क्षेत्रीय दल के तौर पर उभरे ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने 40 सदस्यीय मिज़ोरम विधानसभा की 27 सीटें जीती हैं. वहीं, सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट 10 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट मिली हैं.
भाजपा ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में सात-सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था, जिनमें से मध्य प्रदेश में पांच, राजस्थान में चार और छत्तीसगढ़ में तीन सांसद विजयी हुए. हालांकि तेलंगाना में तीनों हार गए.
कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव अंबिकापुर सीट पर भाजपा के राजेश अग्रवाल से 94 वोटों के मामूली अंतर से हार गए. वहीं, कांकेर सीट पर भाजपा के आशाराम नेताम ने कांग्रेस के उम्मीदवार शंकर ध्रुवा से सबसे कम 16 वोटों के अंतर से चुनाव जीता है.
आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश में 66, राजस्थान में 85 और छत्तीसगढ़ में 54 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन हर सीट पर उसे हार मिली. पार्टी तीनों राज्यों में से किसी में भी 1% वोट हासिल करने में विफल रही, जो नोटा विकल्प से भी कम वोट हैं.