संयुक्त राष्ट्र पुरानी कंपनी की तरह; दुनिया से तालमेल नहीं, बस जगह घेरी हुई है: विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि दुनिया में दो बहुत गंभीर संघर्ष चल रहे हैं, रूस-यूक्रेन और मध्य पूर्व. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र कहां है? वह मूकदर्शक बना हुआ है.

नए भारत की दीमक लगी शहतीरें… भारतीय गणराज्य के मौजूदा संकट को समझने का अनिवार्य पाठ है

पुस्तक समीक्षा: अर्थशास्त्री परकाला प्रभाकर की 'नए भारत की दीमक लगी शहतीरें: संकटग्रस्त गणराज्य पर आलेख' न केवल भारतीय लोकतंत्र के वर्तमान राजनीतिक-सामाजिक परिदृश्य का विश्लेषण करती है, बल्कि बताती है कि देश के लोकतांत्रिक भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कौन से क़दम ज़रूरी हैं.

कोविड महामारी के बाद भारत में पटरी पर लौट रही बाल टीकाकरण दर 2023 में फिर गिरी: रिपोर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट बताती है कि कोविड महामारी के बाद लगभग सभी टीकों के मामले में भारत ने वर्ष 2022 में अपनी टीकाकरण दरों में सुधार किया था, लेकिन 2023 में परिणाम उलट गए. भारत उन देशों में शुमार है जहां शून्य ख़ुराक पाने वाले बच्चों की संख्या सबसे अधिक है.

मोदी सरकार के कोविड कुप्रबंधन ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी

कोविड महामारी के प्रभाव भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर साफ़ दिखते हैं. जहां एक तरफ बेरोज़गारी बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ शहरों में विभिन्न कामों में लगे श्रमिक कृषि क्षेत्र से जुड़ने को मजबूर हुए हैं.

ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन ने कोविड-19 ​​पीड़ितों और उनके ​परिवारों से माफ़ी मांगी

कोविड-19 महामारी के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे बोरिस जॉनसन ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार इसके प्रभाव को समझने में धीमी थी. उन्होंने कहा ​कि वह पीड़ितों और उनके परिवारों की भावनाओं को समझते हैं और उनके दर्द, हानि तथा पीड़ा के लिए उन्हें गहरा खेद है.

2022 में देशभर में अनुमानतः 11 लाख बच्चों को खसरे का महत्वपूर्ण पहला टीका नहीं मिला: रिपोर्ट

डब्ल्यूएचओ और यूएस सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कोविड महामारी के दौरान खसरा टीकाकरण 2008 के बाद से सबसे निचले स्तर पर गिर गया, जिससे 2022 में मामलों में 18% और मौतों में 43% की वृद्धि हुई. 2022 में भारत में खसरे के 40,967 मामले दर्ज हुए थे.

दिल के दौरे के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य मंत्री बोले- गंभीर कोविड रोगी को अधिक काम से बचना चाहिए

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि आईसीएमआर ने एक विस्तृत अध्ययन कर पाया है कि जो लोग गंभीर कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित रहे हैं, उन्हें कुछ समय के लिए कड़ी मेहनत या कठिन व्यायाम नहीं करनी चाहिए. इसे एक या दो साल के लिए स्थगित कर देना चाहिए. उनका यह बयान देश में बढ़ते दिल के दौरे के मामलों के बीच आया है.

गुजरात में दिल का दौरा पड़ने की बढ़ती संख्या का कोविड-19 से कोई संबंध नहीं: आनंदीबेन पटेल

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने एक कार्यक्रम के दौरान उन अटकलों को ख़ारिज कर दिया कि राज्य में दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतें कोविड-19 के कारण हो रही हैं. उन्होंने कहा कि इसका अध्ययन और विश्लेषण कराए जाने की ज़रूरत है.

कैरिको और वाइज़मैन ने कोविड-19 वैक्सीन संबंधी कार्य के लिए चिकित्सा का नोबेल जीता

नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था की ओर से कहा गया कि फिज़ियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार कैटलिन कैरिको और ड्रू वाइज़मैन को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए दिया गया है, जिसने कोविड​​-19 के ख़िलाफ़ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम बनाया है.

प्रेस काउंसिल ने महामारी के दौरान पत्रकारों की छंटनी के अध्ययन के लिए समिति गठित की

भारतीय प्रेस परिषद ने मार्च 2020 से लेकर फरवरी 2021 की अवधि के दौरान नौकरी से निकाले गए पत्रकारों को एक ऑनलाइन फॉर्म भरने या विवरण के साथ ईमेल भेजने के लिए कहा है.

बिहार के प्राथमिक-उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 20%, सुविधाओं का अभाव: रिपोर्ट

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज के मार्गदर्शन में जन जागरण शक्ति संगठन द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है कि बिहार के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नहीं है, शिक्षा की गुणवत्ता ख़राब है, इंफ्रास्ट्रक्चर निराशाजनक है और पाठ्यपुस्तकों व यूनिफॉर्म के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण विफल साबित हुआ है.

कोविड के बाद युवाओं की अचानक मौत की वजह की पुष्टि करने वाला कोई सबूत नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय

हाल के महीनों में ऐसे स्वस्थ व्यक्तियों, जिन्हें कोविड-19 संक्रमण हुआ था, की हृदय संबंधी विकारों से अचानक मृत्यु में असामान्य वृद्धि की ख़बरें आई हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि इस बारे में तथ्यों का पता लगाने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद तीन अध्ययन कर रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने ‘ज़हरीली’ होम्योपैथिक दवाओं के वितरण पर केंद्र और केरल सरकार से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि केरल सरकार द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए ‘आर्सेनिकम एल्बम 30सीएच’, जिसमें कैसरकारक आर्सेनिक होता है, को 38 लाख से 50 लाख स्कूली बच्चों के बीच वितरित करने का निर्णय लिया गया था. याचिका में कहा गया है कि ऐसी छह लाख दवाएं पहले ही वितरित की जा चुकी हैं.

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