कॉप-29: चीन के रुख़ से जलवायु-विमर्श पर उमड़े नए प्रश्न

चीन के बढ़ता उत्सर्जन, वैश्विक व्यापार में प्रभुत्व और जलवायु वित्त में योगदान से बचने की नीति ने जलवायु विमर्श को कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है. पहले विकसित देश अमीर देशों के अन्यायपूर्ण दृष्टिकोण का सामना कर रहे थे, अब चीन का रुख़ भी इसमें शामिल हो गया है.

दुनिया तो दूर, अमेरिका पर ट्रंप की विजय का क्या असर होगा?

वीडियो: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की जीत वैश्विक परिदृश्य पर क्या प्रभाव डालेगी, और अमेरिका की राजनीति और समाज पर ट्रंप की वापसी का क्या असर पड़ेगा, इस बारे में बता रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.

बांग्लादेश के बारे में डोनाल्ड ट्रंप के दावे उनकी मौक़ापरस्ती का सबूत हैं

ट्रंप द्वारा बांग्लादेश को निशाना बनाना हिंदू-मुस्लिम के बीच की मौजूदा खाई को गहरा कर सकता है और दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों के बीच एक होने की भावना को मिटा सकता है.

अमेरिका चुनाव: ट्रंप की दोबारा जीत पर विभिन्न राष्ट्र प्रमुखों की प्रतिक्रिया के क्या मायने हैं

डोनाल्ड ट्रंप की विजय पर आए दुनिया भर के नेताओं के संदेश यह संकेत देते हैं कि आगामी वर्षों में विश्व किस करवट जा सकता है.

भारत के पूर्व राजदूतों ने ट्रंप की जीत को अच्छी ख़बर कहा, पर उनकी अस्थिरता को लेकर आगाह भी किया

हर्ष वर्धन श्रृंगला ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत को भारत के लिए एक अच्छी ख़बर बताते हुए कहा कि उनकी रणनीति भारत के उद्देश्यों के अनुरूप है. वहीं, अरुण कुमार ने अभी स्थिति को थोड़ा परखने की ज़रूरत को रेखांकित किया.

कमला हैरिस के प्रवेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को नई दिशा दे दी है

कमला हैरिस की उपस्थिति अमेरिकी लोकतंत्र और समाज की शक्ति और सौन्दर्य का सूचक है. श्यामला 1958 में अमेरिका आई थीं, और सिर्फ़ 66 वर्ष बाद उनकी बेटी पृथ्वी के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र की अध्यक्ष बन सकती हैं. 

अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव: जो बाइडेन बाहर, डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के लिए कमला हैरिस का समर्थन करेंगे

अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. हालांकि, इससे कुछ महीने पहले ही मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पार्टी और राष्ट्र के हित का हवाला देते हुए पद की उम्मीदवारी से अपना नाम वापस ले लिया है. रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मैदान में हैं.

अमेरिका: पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर चुनावी रैली में चली गोली, एफबीआई ने हत्या का प्रयास बताया

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली में भाषण दे रहे थे. उन्होंने अभी बोलना शुरू ही किया था कि चार गोलियां चलाई गईं, जिनमें से एक उनके दाहिने कान को छूकर निकल गई.

अमेरिका: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हश मनी मामले में दोषी क़रार

हश मनी के केंद्र में डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ा 2006 का एक कथित यौन संबंध मामला है. आरोप है कि इस केस को सार्वजनिक न करने के बदले में ट्रंप द्वारा एडल्ट फिल्म स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1,30,000 डॉलर दिए गए थे. अब इसके बिज़नेस रिकॉर्ड में की गई हेराफेरी को लेकर ट्रंप दोषी क़रार दिए गए हैं.

डेमॉगॉग, जो शुरुआत लफ़्फ़ाज़ के तौर पर करता है और तानाशाह में बदल जाता है

डेमॉगॉग लोगों के भीतर छिपी अश्लीलताओं को उत्तेजित करता है, समाज में विभाजन पैदा करता है और जो अंतर लोगों में है, उनका इस्तेमाल कर उनके बीच खाई खोदता है, वह एक के हित को दूसरे के ख़िलाफ़ खड़ा करता है, ख़ुद को अपने लोगों के रक्षक के तौर पर पेश करता है.

मोहन भागवत ‘वोक पीपल’ और ‘वोक़िज़्म’ को लेकर इतना ग़ुस्से में क्यों है?

कहीं ऐसा तो नहीं कि ‘सांस्कृतिक मार्क्सवादी’ और ‘वोक पीपल’ (Woke People) को लेकर संघ सुप्रीमो की ललकार एक तरह से उत्पीड़ितों की दावेदारी और स्वतंत्र चिंतन के प्रति हिंदुत्व वर्चस्ववाद की बढ़ती बेचैनियों  को ही बेपर्द करती है.

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लेखक के यौन शोषण और मानहानि के लिए ज़िम्मेदार पाए गए

लेखक ई. जीन कैरोल ने आरोप लगाया था कि डोनाल्ड ट्रंप ने 1995 या 1996 में मैनहट्टन के एक डिपार्टमेंटल स्टोर में उनके साथ बलात्कार किया था, फिर अक्टूबर 2022 में एक पोस्ट लिखकर उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया था. ज्यूरी ने ट्रंप को यौन शोषण का ज़िम्मेदार पाया, लेकिन बलात्कार के आरोप को ख़ारिज कर दिया.

अडानी समूह के प्रति सरकार की कृपादृष्टि महज़ धारणा का मामला नहीं है

जितनी आक्रामक तरीके से सत्ताधारी पार्टी की तरफ से एक कारोबारी दिग्गज की हिमायत की कोशिश की जा रही है, आख़िर वह समूह अचानक पार्टी के लिए इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गया?

अमेरिकी संसद हमला: जांच समिति ने ट्रंप के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले चलाने की सिफ़ारिश की

6 जनवरी 2021 को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हार के बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की भीड़ ने संसद पर हमला बोल दिया था. जांच समिति ने भीड़ को संसद में बुलाने के लिए ट्रंप की निंदा करते हुए कहा है कि उनका इरादा हमारे संविधान के तहत सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को बाधित करने का था.

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