बीते वर्ष नवंबर में केंद्र सरकार ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही उन्हें कोई और सेवा विस्तार न देने का आदेश दे चुका था. मंगलवार को शीर्ष अदालत ने उसके आदेश के बाद मिश्रा को दिए दो सेवा विस्तारों को अवैध क़रार दिया है.
बीते वर्ष नवंबर में केंद्र सरकार ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही उन्हें और सेवा विस्तार न देने को कह चुका था. अब कोर्ट ने मिश्रा को 31 जुलाई, 2023 तक पद पर बने रहने की अनुमति दी है.
500 से अधिक नागरिकों, अधिकार कार्यकर्ताओं, महिला समूहों, छात्रों और शिक्षाविदों ने मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए लिखा है कि यूएपीए की तरह ही पीएमएलए के दुरुपयोग के भी मामले बढ़ रहे हैं, ख़ासकर उन लोगों के ख़िलाफ़ जो सरकार और इसकी नीतियों के मुखर आलोचक हैं.
शीर्ष अदालत छत्तीसगढ़ में ईडी द्वारा शुरू की गई कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका को सुन रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने भी याचिका में पक्षकार बनने की मांग करते हुए दावा किया है कि आबकारी विभाग के 52 अधिकारियों ने जांच के दौरान ईडी द्वारा 'मानसिक और शारीरिक यातना' की शिकायत की है.
बीते वर्ष नवंबर में केंद्र सरकार ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही उन्हें और सेवा विस्तार न देने को कह चुका था. इसके ख़िलाफ़ कई याचिकाओं पर सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र से यह भी पूछा कि 2023 के बाद एजेंसी का क्या होगा, जब मिश्रा रिटायर हो जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मीडिया को एक इंटरव्यू देते हुए कहा था कि वे बनर्जी को नापसंद करते हैं. गौरतलब है कि जस्टिस गंगोपाध्याय उस मामले पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें बनर्जी आरोपी थे.
जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत गिरफ़्तारी, संपत्ति की कुर्की और ज़ब्ती से संबंधित ईडी की शक्तियों को बरक़रार रखा था. इसकी समीक्षा के लिए दायर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की याचिका की सुनवाई में सीजेआई एनवी रमना की पीठ ने माना कि दो मुद्दों पर पुनर्विचार की आवश्यकता है.
वीडियो: झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों - इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी - को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उस कार से 49 लाख से अधिक नकद जब्त करने के बाद गिरफ़्तार किया था, जिसमें वे यात्रा कर रहे थे. इस बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश के पीछे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा हैं.
झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल बीती 30 जुलाई को एक वाहन में भारी नकदी के साथ पश्चिम बंगाल में पकड़े गए थे. इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन वाली राज्य सरकार को गिराने के लिए विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त कर रही है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते 22 जुलाई को पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में दो मंत्रियों सहित क़रीब 12 व्यक्तियों के घरों पर एक साथ छापेमारी की थी और लगभग 20 करोड़ रुपये नकद ज़ब्त किए थे. इसी कड़ी में राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ़्तार किया गया है. यह मामला तब का है, जब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री हुआ करते थे.
बीते 27 जून को मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के बाद वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ पर लग रहे विदेशी फंड प्राप्त करने के आरोपों के बीच संस्थान ने एक बयान जारी करके इसका खंडन किया है. धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के बाद ये आरोप लगाए गए हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने कहा है कि ये आरोप हमारे द्वारा किए जा रहे बेहद महत्वपूर्ण कार्य को बंद कराने का प्रयास है. हम हमें रोकने के इस प्रयास के ख़िलाफ़
महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे सरकार को गुरुवार सुबह 11 बजे अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए थे, जिसके ख़िलाफ़ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. बुधवार को कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप से इनकार करते हुए उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने को कहा था.
महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा शिवसेना के बाग़ी विधायकों को जारी किए गए अयोग्यता नोटिसों के जवाब में एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. वहीं, शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें विधानसभा में बहुमत परीक्षण नहीं कराए जाने का अनुरोध किया गया था.
ईडी ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ़्तार किया है. राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खामोश करने के लिए किया जा रहा है.
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तार किया गया है. एनसीपी और शिवसेना ने इसे केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा की गई 'प्रतिशोध की कार्रवाई' बताया है.