कांग्रेस की जूनागढ़ इकाई के एससी/एसटी सेल के अध्यक्ष राजेश सोलंकी ने कुछ दिन पहले ही आरोप लगाया था कि उनके बेटे पर गोंडल की भाजपा विधायक गीताबा जडेजा और उनके पति ने हमला करवाया है और अगर सरकार उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करती है तो वह इस्लाम धर्म अपना लेंगे.
गुजरात का भर्ती घोटाला मॉडल: 11 पेपर लीक, 201 आरोपी, चयन बोर्ड अध्यक्ष का इस्तीफ़ा, पर सज़ा एक भी नहीं
गुजरात कांग्रेस के मुताबिक यह भर्ती घोटाले सरकारी सरंक्षण के बगैर संभव नहीं हैं. भाजपा के प्रमुख नेता और नरेंद्र मोदी के करीबी असित वोरा को एक चर्चित घोटाले के बाद चयन बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था. इसी तरह जो प्रिंटिंग प्रेस पेपर लीक के मसले पर सुर्ख़ियों में थी, उसने कभी मोदी की किताब का मुद्रण किया था.
मुट्ठी भर छात्रों की दोबारा परीक्षा को 24 लाख बच्चों के भीतर पैदा हुए संदेह का समाधान नहीं माना जा सकता. दोबारा परीक्षा कराना शायद व्यावहारिक न हो, लेकिन यही एकमात्र तरीका है कि हम इन अभ्यर्थियों को यह विश्वास दिला सकें कि देश उनकी मेहनत, लगन और ईमानदारी की इज़्ज़त करता है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीट-यूजी का पेपर लीक होने के आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन बिहार पुलिस की जांच पेपर लीक के संकेत देती है. परीक्षा आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर इस जांच को बाधित करने का आरोप है.
क़रीब तीन साल पहले सूरत ज़िला पुलिस के दो कांस्टेबल उत्तर प्रदेश के प्रतापपुर ज़िले से एक व्यक्ति को गिरफ़्तार करके सूरत ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में वह कथित तौर पर ट्रेन से कूदकर भाग गया. कांस्टेबलों ने इसकी सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी थी, जबकि उक्त व्यक्ति के परिजनों का आरोप है कि उसे पुलिस हिरासत में पीट - पीट कर मार डाला गया था.
गुजरात उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणी के कुछ ही घंटों के भीतर गुजरात सरकार हरकत में आ गई और कई अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई आदेश जारी किए हैं.
गुजरात के जूनागढ़ का मामला. दलित व्यक्ति के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि जूनागढ़ के एक थाने में तैना सब-इंस्पेक्टर ने हिरासत में हर्षिल जादव के साथ बेरहमी से मारपीट की थी. आरोप है कि पिटाई नहीं करने के बदले में सब-इंस्पेक्टर ने 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी.
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खालिस्तान अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश रचने के मामले में अमेरिकी अभियोजकों ने एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसे आरोपों में ‘सीसी-1’ नाम दिया गया है, को आरोपी बताया है. शामिल हैं. गुप्ता इस ‘साज़िश’ में तब शामिल हुए, जब ‘सीसी-1’ ने आश्वासन दिया था कि गुजरात में उनके ख़िलाफ़ दर्ज एक केस का ‘ध्यान रखा जाएगा’.
इन चार पत्रकारों को गुजरात पुलिस ने अडानी समूह की आलोचना करने वाली उनकी रिपोर्ट को लेकर तलब किया था. अडानी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर दो पत्रकारों द्वारा लिखी गई एक रिपोर्ट ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी, जबकि दो अन्य पत्रकारों की रिपोर्ट को फाइनेंशियल टाइम्स ने प्रकाशित किया था.
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी एंटरप्राइजेज और इसकी सहायक कंपनियां अदालती आदेशों के ज़रिये उन दस्तावेज़ों को जारी होने से रोक रही हैं जिनसे अडानी समूह द्वारा भारत में कोयला आयात का अधिक मूल्य लगाने, जिसके चलते उपभोक्ताओं को महंगी बिजली खरीदनी पड़ी है, की बात सामने आती है.
द फाइनेंशियल टाइम्स अखबार के दो पत्रकारों को गुजरात पुलिस ने अडानी समूह की कंपनियों के संबंध में अख़बार में प्रकाशित एक लेख के संबंध में प्रारंभिक जांच के लिए बुलाया था. इससे पहले अदालत ने दो अन्य पत्रकारों को अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर उनके द्वारा लिखी गई एक रिपोर्ट के संबंध में अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी.
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बीते साल अक्टूबर में नवरात्रि उत्सव के दौरान गुजरात के खेड़ा ज़िले के उंधेला गांव में एक गरबा कार्यक्रम पर मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की भीड़ ने कथित तौर पर पथराव किया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी मुस्लिम युवकों को सार्वजनिक तौर पर खंभे से बांधकर लाठियों से पिटाई करते हुए दिखे थे.