जम्मू कश्मीर को अब केवल न्यायपालिका का ही सहारा है

महबूबा मुफ़्ती लिखती हैं, 'जम्मू कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के साझा मूल्यों पर जिस देश से जुड़ने का फैसला किया, उसने हमें निराश कर दिया है. अब, केवल न्यायपालिका ही है जो हमारे साथ हुई ग़लतियों और नाइंसाफ़ी को सुधार सकती है.'

अनुच्छेद 370 निरस्त होने के तीन साल 11 महीने बाद इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी

अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और सूबे को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के मोदी सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ बीस से अधिक याचिकाएं अदालत में लंबित हैं. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच जजों की पीठ इन्हें अगले हफ्ते सुनेगी.

श्रीनगर में जी-20 बैठक: कड़ी सुरक्षा, खाली सड़कें और प्रतिनिधियों को लेकर ख़ामोशी

पिछले सम्मेलनों को धता बताते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सम्मेलन में आने वाले प्रतिनिधियों के नाम और उनके पदों को गुप्त रखा है. चीन, सऊदी अरब और तुर्की बैठक में शामिल नहीं हुए. मिस्र और ओमान ने भी हिस्सा नहीं लिया.

पासपोर्ट जारी करने में पुलिस की आपत्ति पर महबूबा मुफ़्ती की बेटी ने पूछा, क्या मैं आतंकवादी हूं

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती को इस सप्ताह की शुरुआत में अदालती हस्तक्षेप के बाद ‘सशर्त’ पासपोर्ट जारी किया गया था. हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के जवाब में श्रीनगर के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने कहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस सीआईडी उन्हें पासपोर्ट जारी करने के पक्ष में नहीं है.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद क्या कश्मीर में पत्रकारिता मना है?

वीडियो: अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद कश्मीर में पत्रकारों की क्या स्थिति है, वे किन हालात में काम कर रहे हैं, क्या वे सुरक्षित महसूस करते हैं? इन विषयों को लेकर कश्मीर के कुछ पत्रकारों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

जम्मू कश्मीर प्रशासन का आदेश- लापता लोगों की कृषि भूमि न बेचें, जांच के बाद उन्हें मृत माना जाए

जम्मू कश्मीर के प्रशासन ने तहसीलदारों को जारी एक आदेश में कहा है कि लापता लोगों की संपत्तियों का इस्तेमाल आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए किया जा रहा है.

कश्मीर: सुरक्षा बलों ने महबूबा मुफ़्ती से छिपाया कि उनका नया घर ‘असुरक्षित’ है

पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती 2005 से जिस घर में रह रही थीं, वह उनसे ख़ाली करा लिया गया था, जिसके बाद वे बीते 28 नवंबर को श्रीनगर से कुछ दूरी पर बने अपनी बहन के घर शिफ्ट हो गईं. इससे पहले पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने दो बार इस घर की सुरक्षा समीक्षा की, लेकिन इन रिपोर्ट में आए निष्कर्षों से मुफ़्ती को अवगत नहीं कराया गया.

जम्मू कश्मीर: सैन्य शिविर के पास दो नागरिक मृत पाए गए, लोगों ने सेना पर हत्या का आरोप लगाया

जम्मू कश्मीर के राजौरी स्थित एक सैन्य शिविर के पास की घटना. शिविर के गेट के पास शुक्रवार सुबह गोलियों से छलनी दो नागरिकों के शव मिले थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन पर सेना के एक जवान ने गोलियां चलाई हैं, जबकि सेना ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसे आतंकवादी कृत्य बताया है. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

जम्मू: कश्मीर में काम करने से भयभीत आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों का प्रदर्शन छह महीने से जारी

जम्मू कश्मीर की 2006 की अंतर जिला भर्ती नीति के तहत जम्मू संभाग में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को कश्मीर में इसी श्रेणी के लिए आरक्षित पदों के लिए आवेदन की अनुमति दी थी. बीते कुछ समय में आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों पर हुए टारगेटेड हमलों के बाद जून में जम्मू लौटे ये कर्मचारी तबसे घाटी से अपने तबादले की मांग कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर: निजी डेटाबेस क़ानून लाने को विपक्ष ने ‘निगरानी की रणनीति’ बताया

आधिकारिक दस्तावेज़ के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेश के प्रत्येक परिवार को सरकारी सेवाओं के वितरण में सुधार के लिए 'जम्मू कश्मीर परिवार पहचान पत्र' नामक एक यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड प्रदान किया जाएगा. यह हरियाणा के 'परिवार पहचान अधिनियम 2021' की तर्ज पर लागू होगा.

जम्मू कश्मीर: पांच सरकारी कर्मचारियों को ‘सुरक्षा के लिए ख़तरा’ बताकर नौकरी से बर्ख़ास्त किया

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बारामूला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के एक प्रबंधक, ग्रामीण विकास विभाग में ग्रामीण स्तर के कार्यकर्ता सैयद इफ़्तिख़ार अंद्राबी, पुलिस की सहायक शाखा के एक आरक्षक तनवीर सलीम डार, जल शक्ति विभाग के एक अर्दली इरशाद अहमद ख़ान और बिजली विकास विभाग में सहायक लाइनमैन एबी मोमिन पीर को बर्ख़ास्त करने के आदेश जारी किए हैं.

जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा शहरी डिपार्टमेंटल स्टोर में बीयर बिक्री को मंज़ूरी देने पर विवाद

शहरी क्षेत्रों में बीयर और रेडी-टू-ड्रिंक पेय बेचने के लिए विभिन्न डिपार्टमेंटल स्टोर को अधिकृत करने के जम्मू कश्मीर प्रशासन के फैसले का ज़िक्र करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि यह मुसलमानों की भावनाएं आहत करने के लिए किया गया है. भाजपा और कांग्रेस ने भी इस क़दम की आलोचना की है.

गृह मंत्री कश्मीर में हालात सामान्य होने का ढोल पीटते घूम रहे हैं, मैं नजरबंद हूं: महबूबा मुफ़्ती

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि एक शादी में पट्टन जाना चाहती थीं, इसलिए उन्हें नज़रबंद किया गया. उन्होंने जोड़ा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री के मौलिक अधिकारों को इतनी आसानी से निलंबित किया जा सकता है, तो आम लोगों की पीड़ा के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. पुलिस के उनके दावे का खंडन पर उन्होंने कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है.

भाजपा राजनीतिक उद्देश्य के लिए कश्मीरी पंडितों की पीड़ा को इस्तेमाल कर रही है: महबूबा मुफ़्ती

कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश आज ऐसे चौराहे पर खड़ा है जहां पर लोगों के पास न तो कोई अधिकार है और न ही उनकी शिकायतों को उठाने के लिए कोई मंच.

हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए तीसरे नागरिक का शव क़ब्र से निकालने की याचिका कोर्ट ने ख़ारिज की

नवंबर 2021 में श्रीनगर के हैदरपोरा में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर लतीफ़ माग्रे भी थे. मुठभेड़ की प्रमाणिकता को लेकर जनाक्रोश के कुछ दिन बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंपे थे, जिसके बाद माग्रे के परिवार ने भी उनका शव सौंपे जाने की मांग की थी.