जम्मू कश्मीर: आतंकवादियों ने बैंक कर्मचारी को गोली मारी, तीन दिन में दूसरी लक्षित हत्या

जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि कुलगाम ज़िले में आतंकवादियों ने राजस्थान के रहने वाले और इलाकाई देहाती बैंक के कर्मचारी विजय कुमार को बैंक परिसर के अंदर गोली मार दी. अस्पताल ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. मंगलवार को इसी ज़िले में आतंकियों ने एक शिक्षिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

जम्मू कश्मीर: शिक्षिका की हत्या के दूसरे दिन भी विरोध-प्रदर्शन जारी, प्रशासन का पुतला फूंका

मंगलवार को कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ऐसी लक्षित हत्याओं के ख़िलाफ़ कई ज़िलों में प्रदर्शन हो रहे हैं. पीएम पैकेज के तहत कार्यरत कश्मीरी पंडितों के एक समूह का कहना है कि अगर सरकार जल्द उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठाती है तो एक बार फिर सामूहिक पलायन होगा.

जम्मू कश्मीर के कुलगाम ज़िले में महिला शिक्षक की गोली मारकर हत्या

मृतक महिला शिक्षक की पहचान सांबा ज़िले की निवासी 36 वर्षीय रजनी बाला के रूप में हुई है. बीते 12 मई को सरकारी कर्मचारी राहुल भट की बडगाम ज़िले में तहसीलदार कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस महीने कश्मीर में यह सातवीं लक्षित हत्या हैं. इससे पहले तीन पुलिसकर्मी और तीन नागरिक- एक राहुल भट, एक कलाकार और एक शराब की दुकान सेल्समैन को लक्षित हमलों में आतंकवादियों द्वारा मार दिया गया था.

शेख़पोरा ट्रांज़िट कैंप में कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन जारी, घाटी से कहीं और हटाने की मांग

जम्मू कश्मीर के बड़गाम ज़िले के चादूरा में कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के विरोध में बीते 12 मई से समुदाय के कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. 13 मई को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन पर लाठीजार्च कर दिया था, जिसके जांच के आदेश दिए गए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए कश्मीर पर बनी फिल्म पर बोलना, कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बोलने से ज़्यादा

कश्मीरी पंडित कर्मचारी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

जम्मू कश्मीर में बीते बृहस्पतिवार को बडगाम ज़िले के चादूरा में एक कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी राहुल भट आतंकियों ने उनके कार्यालय में घुसकर हत्या कर दी थी. इसके बाद शुक्रवार को पुलवामा ज़िले में शुक्रवार को एक कॉन्स्टेबल की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई. कश्मीरी पंडित उनके जीवन की रक्षा करने में सरकार के ‘नाकाम’ रहने के ख़िलाफ़ बृहस्पतिवार से ही प्रदर्शन कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर: बडगाम में कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी की हत्या, लोगों का प्रदर्शन, जांच की मांग

बीते गुरुवार को मध्य कश्मीर के बडगाम ज़िले में चादूरा स्थित भीड़भाड़ वाले तहसील कार्यालय में घुसकर 35 वर्षीय कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की हत्या के बाद आतंकियों ने शुक्रवार को पुलवामा में एक पुलिस कॉन्स्टेबल की उनके घर में घुसकर गोली मारकर उनकी जान ले ली. राहुल की मौत के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन किया.

आतंकवाद के चलते 90 के दशक में 64,827 कश्मीरी पंडित परिवारों ने घाटी छोड़ी: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1990 के दशक से 2020 के बीच जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के कारण 14,091 नागरिकों और सुरक्षा बल के 5,356 जवानों की जान गई. कश्मीरी पंडितों के अलावा, आतंकवाद की वजह से कुछ सिख और मुस्लिम परिवारों को भी घाटी से जम्मू, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा.

घाटी छोड़ने वाले 610 कश्मीरी पंडितों की संपत्ति वापस की गई: सरकार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार ने ऐसे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए पिछले साल एक पोर्टल की शुरुआत की है, जो अत्याचार के कारण घाटी छोड़ने के लिए विवश हुए और जिनकी संपत्ति जबरन ले ली गई. केंद्र सरकार ऐसे लोगों की संपत्ति वापस लौटाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है.

द कश्मीर फाइल्स को लेकर टिप्पणी पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला किया: कश्मीरी पंडित कार्यकर्ता

कुपवाड़ा ज़िले से पलायन करने वाले प्रमुख कश्मीरी पंडित कार्यकर्ता सुनील पंडिता ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को एकतरफ़ा क़रार देते हुए कहा कि इसका मक़सद हिंदू-मुसलमानों के बीच दरार बढ़ाना है. उनका आरोप है कि 20 मार्च को फिल्म के समर्थन में आयोजित रैली के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका उत्पीड़न किया और धमकी दी.

विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मासिक राहत बढ़ाने की मांग को लेकर जम्मू में प्रदर्शन किया

विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मासिक राहत राशि बढ़ाने और समुदाय के बेरोज़गार युवाओं को सरकारी नौकरियां देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अपनी बस्ती के बाहर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि सरकार को मासिक राहत राशि 13,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करना चाहिए.

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास को लेकर प्रस्ताव पारित किया

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने तीन प्रस्ताव पारित किए, जिनमें घाटी में प्रवासी कश्मीरी पंडितों की वापसी तथा पुनर्वास और उनके राजनीतिक सशक्तिकरण समेत कई आह्वान किया गए हैं. पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के ‘नस्ली सफाए’ के साज़िशकर्ताओं को कभी भी जम्मू कश्मीर नहीं मिलेगा.

कश्मीर: सीआरपीएफ की गोली से मज़दूर की मौत, परिवार ने कहा- जानबूझकर की गई हत्या

शोपियां जिले में हुई इस घटना में मारे गए व्यक्ति की पहचान शाहिद अहमद राथर के रूप में हुई है, जो एक दिहाड़ी मज़दूर थे. सीआरपीएफ ने दावा किया है कि आतंकियों की ओर से हुई गोलीबारी का जवाब देते वक़्त यह वाक़या हुआ. घटना पर घाटी के मुख्यधारा के दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.

कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया और विधानसभा चुनाव के बाद पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होगा: अमित शाह

कश्मीर के विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस टिप्पणी पर हैरानी जताई और कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में दिए उनके बयान 'दिल जीतकर दिल्ली और जम्मू कश्मीर के अंतराल को पाटना होगा' का हवाला देते हुए कहा कि सूबे के दर्जे को कमज़ोर करके दिलों को नहीं जीता जा सकता है.

कश्मीर: सीआरपीएफ की गोली से शख़्स की मौत, परिवार ने कहा- मामला दबाना चाहती है पुलिस

सात अक्टूबर को अनंतनाग में एक सीमा चौकी के पास रुकने का संकेत देने के बावजूद एक कार के न रुकने पर सीआरपीएफ जवानों ने गोलियां चला दीं, जिसमें परवेज़ अहमद नाम के एक शख़्स की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी सहमति के बिना ही शव दफ़ना दिया. परवेज़ के परिवार के साथ घाटी के कई नेताओं ने इस घटना की जांच की मांग की है.

जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यकों की हत्या; कश्मीरी पंडितों को 1990 के आतंकी दौर के दोहराव की आशंका

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा कि क़रीब 500 या इससे अधिक लोगों ने बडगाम, अनंतनाग और पुलवामा जैसे इलाकों को छोड़कर जाना शुरू कर दिया है. कुछ ग़ैर कश्मीरी पंडित परिवार भी चले गए हैं. यह साल 1990 का दोहराव है. इस संबंध में हमने जून में उपराज्यपाल कार्यालय से मिलने का अनुरोध किया था, लेकिन अब तक वक़्त नहीं दिया गया. जम्मू कश्मीर में बीते छह दिनों में सात नागरिकों की हत्या हुई है.