नए आईटी नियम केंद्र सरकार को सोशल मीडिया पोस्ट का आकलन करने और पोस्ट को ‘फ़र्ज़ी, ग़लत या भ्रामक’ क़रार देने के लिए ‘फैक्ट-चेक इकाई’ स्थापित करने की शक्ति देते हैं. जहां जस्टिस गौतम पटेल ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश पारित किया, वहीं जस्टिस नीला गोखले ने नियमों में किए गए संशोधन को बरक़रार रखा.
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस द्वारा संशोधित आईटी नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुनते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि वह अभी तक यह नहीं समझ पा रही है कि आईटी नियमों में इस संशोधन की क्या ज़रूरत थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई शुरू करते हुए ये टिप्पणियां कीं. आईटी नियम सरकार को फैक्ट चेक इकाई के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इसके बारे में ‘फ़र्ज़ी समाचार’ की पहचान करने और उन्हें हटाने का आदेश देने का अधिकार देती हैं.
नए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम-2023 में मोदी सरकार ने स्वयं को एक ‘फैक्ट-चेकिंग इकाई’ गठित करने की शक्ति दी है, जिसके पास यह निर्धारित करने के लिए व्यापक शक्तियां होंगी कि केंद्र से जुड़े किसी भी मामले के संबंध में क्या ‘फ़र्ज़ी या ग़लत या भ्रामक’ जानकारी है.
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अदालत के समक्ष यह वादा किया कि वे जुलाई तक नई फैक्ट-चेक इकाई नहीं बनाएगा.
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उनकी याचिका ख़ारिज करने की मांग करते हुए सरकार ने कहा है कि नए नियमों के तहत बनने वाली फैक्ट-चेक इकाई सोशल मीडिया से किसी व्यंग्य या किसी राय को नहीं हटाएगी.
हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियम कहते हैं कि गूगल, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया कंपनियां सरकारी फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी या भ्रामक’ बताई सामग्री हटाने के लिए बाध्य होंगी. सरकार ने इसके ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट में दर्ज स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की याचिका ख़ारिज करने की मांग की है.
इस महीने की शुरुआत में अधिसूचित नए आईटी नियम कहते हैं कि सरकारी फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी या भ्रामक’ क़रार दी गई सामग्री को गूगल, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाता को हटाना ही होगा. स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने इसके ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
इस महीने की शुरुआत में अधिसूचित नए आईटी नियम कहते हैं कि सरकारी फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी या भ्रामक’ क़रार दी गई सामग्री को गूगल, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाता को हटाना ही होगा. इन नियमों को सेंसरशिप बताते हुए इनकी व्यापक आलोचना की गई है.
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में आईटी नियम, 2021 में किए गए हालिया संशोधनों को चुनौती दी है, जो सरकार को उसके द्वारा 'फ़र्ज़ी' क़रार दी गई सामग्री को सोशल मीडिया से हटवाने का अधिकार देते हैं. इसे सुनते हुए जस्टिस गौतम पटेल ने कहा कि किसी बात या बयान की कई व्याख्याएं हो सकती हैं, लेकिन इससे यह ग़लत या फ़र्ज़ी नहीं हो जाती.
सुप्रीम कोर्ट स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा साल 2020 में किए गए कई ट्वीट ने अदालत की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाया था. कामरा ने आत्महत्या मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ज़मानत दिए जाने के विरोध में ये ट्वीट किए थे.
दक्षिणपंथी संगठनों की धमकियों के बाद गुड़गांव में शो रद्द होने के बाद स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने विश्व हिंदू परिषद को एक पत्र लिखकर चुनौती दी कि वे गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की निंदा करे. साथ ही कामरा ने विहिप को उनके शो में हिंदू देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाने के दावे का सबूत देने को भी कहा.
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा का शो 17 और 18 सितंबर को गुड़गांव के सेक्टर 29 के स्टूडियो एक्सओ बार में होना था. बार के जनरल मैनेजर ने बताया कि बजरंग दल के लोगों ने शो बाधित करने की धमकी दी थी, जिसके बाद इसे रद्द करने का निर्णय लिया गया.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा पोस्ट किए ‘एडिटेड’ वीडियो के संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट जमा न करने के लिए ट्विटर इंडिया के संचार निदेशक को तलब किया है. आरोप है कि कामरा ने प्रधानमंत्री मोदी के जर्मनी दौरे के दौरान एक बच्चे द्वारा गाए गीत को ‘महंगाई डायन खाए जात है’ गीत से बदल दिया था.
स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बर्लिन दौरे के एक बच्चे का संपादित किया हुआ वीडियो पोस्ट किया और मूल देशभक्ति गाने की जगह उसमें फिल्म ‘पीपली लाइव’ का गाना ‘महंगाई डायन खाए जात है’ लगा दिया था. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कामरा के आधिकारिक अकाउंट के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.