मराठा आरक्षण: बढ़ते सरकारी हस्तक्षेप का हवाला देते हुए आयोग के दो सदस्यों का इस्तीफ़ा

मराठा समुदाय के आर्थिक, सामाजिक पिछड़ेपन का अध्ययन करने के लिए गठित आयोग के नौ सदस्यों में से एक ने कहा कि सरकार आयोग से पूर्व-निर्धारित धारणा पर एक रिपोर्ट चाहती है कि मराठा पिछड़े हैं. यह एक स्वतंत्र आयोग है, जो डेटा और विश्लेषण के बाद ही निष्कर्ष देगा. सरकार किसी विशेष समुदाय को पिछड़े वर्ग में शामिल करने के लिए आयोग से डेटा देने के लिए कैसे कह सकती है?

महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज केस वापस लिए जाएंगे

बीते 1 सितंबर को मराठा समुदाय के लिए ओबीसी दर्जे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर जालना में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज कर दिया गया था. इसमें शामिल तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को महाराष्ट्र सरकार ने निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्य आंदोलनकारी से अपनी भूख हड़ताल ख़त्म करने की अपील की है.

मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के लिए फड़णवीस ने माफ़ी मांगी

मराठा आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र कैसे जारी किया जाए, इस पर एक समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. औरंगाबाद के जालना में 1 सितंबर को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे.

राज्यों को ओबीसी की अपनी सूची बनाने का अधिकार देने वाले विधेयक को संसद की मंज़ूरी

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अन्य पिछड़ा वर्गों की अपनी सूची बनाने का अधिकार प्रदान करने वाले ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को राज्यसभा में पारित कर दिया. यह विधेयक लोकसभा में 10 अगस्त को पारित हो चुका है. हालांकि विपक्ष के नेताओं का कहना है कि जब तक मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा है, तब तक ओबीसी को पूरी तरह न्याय नहीं मिल पाएगा.

हमारा संविधान: अनुच्छेद 15 (5) और 15 (6); मराठा आरक्षण, ईडब्ल्यूएस और संस्थानों में आरक्षण

वीडियो: संविधान में संशोधन के द्वारा अनुच्छेद 15(5) और 15(6) को जोड़ा गया है, जिनमें सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए ग़ैर सहायता प्राप्त स्कूल और कॉलेजों में और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए वर्ग के लिए आरक्षण की बात कही गई है.

मराठा आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी से अधिक आरक्षण को असंवैधानिक घोषित किया

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों और दाखिले में मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी महाराष्ट्र के कानून को खारिज किया और इसे असंवैधानिक करार दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत पर तय करने के 1992 के इंदिरा साहनी फैसले (इसे मंडल फैसला भी कहा जाता है) को बड़ी पीठ के पास भेजने से इनकार किया.

एक दिन सभी आरक्षण ख़त्म हो जाएंगे, सिर्फ आर्थिक आधार पर कोटा बचेगा: सुप्रीम कोर्ट

मराठा आरक्षण के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत की पीठ ने यह भी कहा कि ये नीतिगत मामले हैं और इस पर सरकार को निर्णय लेना होगा.