जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लोगों से बॉलीवुड फिल्म 'फैंटम' के प्रोपेगैंडा वीडियो प्रसारित न करने आग्रह करते हुए चेतावनी दी कि आदेश का पालन न करने पर गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा 13 और 18 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
असम पुलिस ने कछार ज़िले में 16 जुलाई को एक मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों को मारने का दावा किया था. इनमें से एक 35 वर्षीय जोशुआ भी थे. उनके परिजनों ने मुठभेड़ को फर्ज़ी क़रार देते हुए कहा है कि वह मणिपुर के फेरज़ावल ज़िले के सेनवोन गांव के निवासी थे और अदरक, चावल तथा सब्जियों की खेती करते थे.
असम पुलिस ने कछार ज़िले में 16 जुलाई को मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों को मारने का दावा किया था. अब पूर्वोत्तर के हमार जनजाति के शीर्ष संगठन हमार इनपुई ने घटना की निंदा करते हुए इन्हें 'न्यायेतर हत्याएं' करार दिया है, जहां गिरफ़्तारी के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें मुठभेड़ में मार गिराया गया.
शोपियां जिले के हीरपोरा में दिल्ली के एक ड्राइवर को 8 अप्रैल की शाम अज्ञात आतंकवादियों ने गोली मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. घाटी में ग़ैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर किया गया यह इस साल का दूसरा हमला है.
दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक आतंकी हमले, जिसमें चार जवान मारे गए थे- के बाद सेना के जवानों द्वारा कथित तौर पर पूछताछ के दौरान तीन नागरिकों की मौत हो गई थी. सेना की आंतरिक जांच में पता चला है कि 7-8 जवानों के आचरण में गंभीर खामियां पाई गई हैं, जिसमें विभिन्न स्तरों के अधिकारी भी शामिल हैं.
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने अपने पिता और पीडीपी संस्थापक मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुण्यतिथि पर कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में आतंकवादियों से बात में शामिल है, जबकि जम्मू-कश्मीर में आपने आम लोगों को आतंकवादी क़रार दिया है. उन्हें गिरफ्तार कर जेलें भर दी हैं. उन्होंने पूछा कि कोई अपने नागरिकों के साथ ऐसा करता है क्या?
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के दो वाहनों - एक जिप्सी और एक ट्रक - पर उस समय हमला किया, जब वे पुंछ में आतंकवाद विरोधी अभियान स्थल की ओर जा रहे थे. पुंछ की सुरनकोट तहसील में डेरा-की-गली और बफ़लियाज़ इलाकों के बीच यह हमला हुआ, जहां हाल के वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मंगलवार शाम आतंकवादियों ने महाराष्ट्र के रहने वाले दो मज़दूरों को गोली मारकर घायल कर दिया. बीते 13 जुलाई को भी संदिग्ध आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में बिहार के रहने वाले तीन मज़दूरों को गोली मारकर घायल कर दिया था.
अधिकारियों ने बताया कि तीनों घायल मजदूर बिहार के सुपौल ज़िले के रहने वाले हैं. उन्हें श्रीनगर रिफर किया गया है. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. इस साल जम्मू कश्मीर में बाहर के श्रमिकों पर किया गया यह पहला हमला है और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर तीसरा हमला है.
अधिकारियों ने बताया कि बिष्णुपुर ज़िले में शुक्रवार को हुईं अलग अलग घटनाओं में संदिग्ध उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में मणिपुर पुलिस कमांडो की मौत हो गई, चुराचांदपुर ज़िले की सीमा से लगे तीन गांवों में किशोर समेत तीन लोगों की जान चली गई है.
वीडियो: मणिपुर में दो महीने से जातीय हिंसा जारी है, जिससे प्रभावित लोग अपना घर, ज़मीन छोड़ देने को मजबूर हो चुके हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 70,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनके लिए लगभग 350 राहत शिविर बनाए गए हैं. कैसी है इन शिविरों की स्थिति?
जम्मू कश्मीर में राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में बीते रविवार को आतंकवादियों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस तरह इस आतंकी हमले में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय लोगों का दावा है कि सुरक्षा चूक के कारण विस्फोट की यह घटना हुई.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में रविवार की शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने तीन मकानों पर गोलीबारी की, जिसमें चार लोग लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए हैं. इस हमले के पीड़ितों में से एक के घर के पास सोमवार को हुए एक आईईडी विस्फोट में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए हैं.
जम्मू कश्मीर के शोपियां ज़िले में हुए ग्रेनेड हमले में उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले दो मज़दूरों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान मनीष कुमार और राम सागर के रूप में हुई है. बीते 15 अक्टूबर को शोपियां में ही कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट्ट की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की बीते 12 मई को आतंकियों द्वारा की गई हत्या के बाद से समुदाय के लोगों द्वारा कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर धरना प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारियों ने जम्मू कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार से अपील की है कि उन्हें घाटी से बाहर भेजा जाए और जब तक सरकार इसके लिए क़दम नहीं उठाएगी, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.