दो साध्वियों से बलात्कार के अपराध में 20 साल की सज़ा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को इस बार 21 दिन के लिए फर्लो (अस्थायी रिहाई) की मंज़ूरी दी गई है. इससे पहले जनवरी में राम रहीम को 40 दिन की पैरोल दी गई थी. पिछले साल अक्टूबर में भी उसे 40 दिन की पैरोल दी गई थी.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिनियम में सुझाव दिया गया है कि आवाजाही और गतिविधियों की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डिवाइस पहनने की शर्त पर क़ैदियों को जेल से छुट्टी दी जा सकती है. क़ैदी द्वारा किसी भी उल्लंघन पर इसे रद्द कर दिया जाएगा और भविष्य में ऐसी किसी भी छुट्टी के अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने के 21 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी. हरियाणा सरकार ने अदालत में स्पष्ट किया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख खूंखार क़ैदी नहीं है और हत्या के दो अलग-अलग मामलों में उसकी सज़ा को सीरियल किलिंग नहीं कहा जा सकता.
असम के सिवसागर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने गौहाटी उच्च न्यायालय के 9 फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी, जिसमें राज्य की एक विशेष एनआईए अदालत को दो मामलों में से एक में आरोप तय करने के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी गई थी.
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एनआईए को असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई और उनके तीन सहयोगियों पर सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों और माओवादियों से संदिग्ध संबंधों के सिलसिले में आरोप तय करने की अनुमति दे दी. विशेष एनआईए अदालत ने जुलाई 2021 में उन्हें आरोपमुक्त कर दिया था, जिसे एनआईए ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
अपनी दो शिष्यों के साथ बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 20 साल की सज़ा काट रहे राम रहीम को अक्टूबर 2022 में भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी. राम रहीम ने तब यूपी के बरनावा आश्रम में कई ऑनलाइन सत्संग आयोजित किए थे. इनमें से कुछ में हरियाणा के भाजपा नेता भी शामिल हुए थे.
शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र में बीते सप्ताह हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के एक ऑनलाइन 'सत्संग' कार्यक्रम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बड़ी संख्या में स्कूल यूनिफॉर्म पहने बच्चे नज़र आ रहे हैं. बलात्कार और हत्या का दोषी गुरमीत राम रहीम 40 दिन की पैरोल पर है.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल मिलने और सत्संग के इस ऑनलाइन कार्यक्रम की कड़ी आलोचना की जा रही है. हरियाणा में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि ऐसा राज्य में अगले महीने के उप-चुनाव और पंचायत चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया गया है.
यह क़दम हरियाणा के आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले उठाया गया है. आदमपुर में तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं. राज्य में पंचायत चुनाव भी जल्द होने वाले हैं. पहले चरण में 9 जिलों में पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 2017 में बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से रोहतक ज़िले की सुनरिया जेल में क़ैद है. रोहतक जेल के पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार से उसे एक महीने की पैरोल मिली है. इससे पहले फरवरी में भी डेरा प्रमुख को तीन सप्ताह की छुट्टी दी गई थी.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को परिवार से मिलने के लिए 21 दिनों का फर्लो (एक प्रकार की छुट्टी) मिला है. अधिकारियों ने बताया कि उनकी जान को खालिस्तान समर्थक तत्वों से ख़तरा है. सिंह को 21 दिनों की छुट्टी पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मिली थी. पंजाब में इस पंथ के ख़ास तौर पर बठिंडा, संगरूर, पटियाला और मुक्तसर में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. हालांकि हरियाणा सरकार ने इस बात से इनकार किया था.
रोहतक ज़िले की सुनरिया जेल में क़ैद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को परिवार से मिलने के लिए फर्लो मिला है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इसे पंजाब विधानसभा चुनाव से जोड़ा है, जहां राम-रहीम के ढेरों अनुयायी हैं. वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि फर्लो दोषी का क़ानूनी अधिकार है और इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.
एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध भूमिका के चलते पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सीबीआई की एक विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को इस मामले में दोषी पाया है. सज़ा का ऐलान 12 अक्टूबर को किया जाएगा.
ऐसे आरोप हैं कि बीते 13 जुलाई को दिल्ली के एम्स से चेकअप कराकर वापस जेल लाए जा रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के वाहन को एक जगह रोका गया और चार लोगों की उनसे मुलाकात कराई गई. इस दौरान उनकी सुरक्षा की निगरानी डीएसपी शमशेर सिंह कर रहे थे. बलात्कार और हत्या के दोषी गुरमीत राम राम रहीम सिंह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सात मई को कोरोना के मामले में अप्रत्याशित बढ़ोतरी पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकारों से उन क़ैदियों को तुरंत रिहा करने के लिए कहा था, जिन्हें पिछले साल ज़मानत या पैरोल दी गई थी. अदालत ने राज्य सरकारों को 23 जुलाई तक क़ैदियों की रिहाई में पालन किए गए मानदंडों की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.