उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले का मामला. बीते नौ मई को एक ही परिवार के दो पक्षों में हुए झगड़े के मामले में पुलिस टीम लगातार दबिश दे रही थी. आरोप है कि पुलिस ने एक पक्ष की युवती के साथ मारपीट और छेड़छाड़ की, जिससे दुखी होकर उसने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. हालांकि पुलिस इन आरोपों को निराधार बताया है.
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार कहती है कि कश्मीर में शांति क़ायम है, जबकि तथ्य यह है कि कश्मीरी पंडित और मुसलमान दोनों मारे जा रहे हैं. एक शिक्षिका की हत्या सुरक्षा स्थिति की गंभीर तस्वीर पेश करती है और केंद्र शासित प्रदेश में शांति के स्तर को दर्शाती है.
बलात्कार और डकैती के आरोप में गिरफ़्तार किए गए और गुड़गांव की भोंडसी जेल में बंद दो क़ैदियों को मेडिकल चेक-अप के लिए पुलिस वाहन में दिल्ली ले जाया जा रहा था, जब वे सुभाष चौक के पास फ़रार हो गए. पुलिस के अनुसार, इसमें उन्हें ले जा रहे पुलिसकर्मियों की मिलीभगत थी.
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम ज़िले के नेयतिनकारा के पास बीते 22 मई को विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी की स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से नारेबाज़ी करते हुए तलवारें लहराई थीं. पुलिस ने कहा कि मार्च में ज़्यादातर युवा महिलाएं शामिल थीं. उनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कर्नाटक के बागलकोट ज़िले के टेराडल स्थित सरकारी डिग्री कॉलेज का मामला. घटना इसी साल 18 फरवरी की है. 19 वर्षीय छात्र नवीद हसन साब थरथारी ने आरोप लगाया है कि वह टोपी पहनकर कॉलेज गए थे, लेकिन प्रिंसिपल ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया. पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और उनकी आस्था को लेकर उनका अपमान किया. इस मामले में एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर केस दर्ज किया गया है.
बागपत ज़िले के छपरौली थाना क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान ज़हर खाने वाली मां और दो बेटियों की मौत के मामले में आरोपी दारोगा को निलंबित कर दिया गया है. वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेज चार हफ्ते के अंदर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
पुलिस ने बीते शुक्रवार को बताया कि विजय कुमार कांबले नाम के दलित युवक को कलबुर्गी ज़िले के वाडी क़स्बे में 25 मई की रात कथित तौर पर चाकू मारा गया और एक छड़ से उन पर हमला किया गया, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी. कांबले एक मुस्लिम युवती से शादी करना चाहते थे, लेकिन युवती के परिवार ने उनके रिश्ते का विरोध किया था.
घटना बागपत ज़िले के छपरौली थाना क्षेत्र की है, जहां पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों ने ज़हर खा लिया था. छपरौली थाने के दारोगा समेत छह लोगों के ख़िलाफ़ उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. इस महीने यूपी पुलिस की दबिश के दौरान महिलाओं की मौत की यह चौथी घटना है.
शीर्ष अदालत ने यौनकर्मियों के पुनर्वास के लिए गठित एक समिति की सिफ़ारिशों पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस बलों को यौनकर्मियों और उनके बच्चों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार और मौखिक या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार न करने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के छपरौली थाना क्षेत्र का मामला. पुलिस ने बताया कि प्राप्त जानकारी के मुताबिक आरोपी की मां और दोनों बहनों को डर था कि आरोपी के नहीं पकड़े जाने पर पुलिस उनको हिरासत में ले सकती है. इस महीने ये चौथी घटना है, जब यूपी पुलिस की दबिश के दौरान कथित तौर पर चार महिलाओं की मौत हो चुकी है.
घटना बेगूसराय ज़िले के बखरी थानाक्षेत्र की है, जहां 20 मई की रात एक वैवाहिक आयोजन से लौट रहे 26 साल के पत्रकार सुभाष कुमार महतो को गोली मार दी गई. उनके परिजनों और दोस्तों का कहना है कि इसकी वजह शराब और बालू माफिया को लेकर की गई रिपोर्टिंग है. वहीं, पुलिस ने इस बात से इनकार किया है.
असम के गोआलपाड़ा ज़िले के हुरकाचुंगी माध्यमिक इंग्लिश स्कूल का मामला. स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने प्रधानाध्यापिका के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए गोमांस लेकर आई थीं. असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2021 के मुताबिक उन क्षेत्रों में मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले की घटना. पुलिस का कहना है वह इस्लामनगर गांव में गोकशी के एक मामले में अब्दुल नाम के व्यक्ति को गिरफ़्तार करने के लिए दबिश देने गई थी. इस बीच ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हल्ला बोल दिया और पत्थरबाज़ी के साथ-साथ गोली भी चलाई, जिसमें महिला की मौत हो गई. इस महीने यह तीसरी घटना है, जिसमें दबिश के दौरान तीन महिलाओं की जान जा चुकी है.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के चरथावल थाना क्षेत्र का मामला है. पावती खुर्द गांव के लोगों ने दावा किया कि दलित समुदाय के सदस्यों द्वारा उनके खेत में काम करने से इनकार करने के बाद पूर्व ग्राम प्रधान राजबीर त्यागी ने उन्हें खेतों में प्रतिबंधित करने के लिए यह घोषणा की थी. राजवीर त्यागी गैंगस्टर विक्की त्यागी के पिता हैं.
गुजरात के पंचमहल ज़िले के कालोल क़स्बे का मामला है. पुलिस ने बताया कि इलाके में हिंदू और मुसलमान, दोनों रहते हैं. दोनों ही समुदायों के कुछ सदस्य बारात का हिस्सा थे. दो लोगों के बीच किसी बात को लेकर हुई कहा-सुनी के बाद दोनों समुदायों के सदस्यों के बीच झड़प हो गई. दोनों समुदायों के लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है.