भारत का कश्मीर के साथ रिश्ता इंसानी रिश्ता नहीं है. वह ताक़तवर और कमज़ोर का संबंध है. कमज़ोर जब चीख नहीं सकता तो ख़ामोश रहकर अपना प्रतिरोध दर्ज करता है. ताक़तवर के पास उसे इसकी सज़ा देने की ताक़त है.
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर ज़िले का मामला. पुलिस के अनुसार, नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान के दौरान एक संदिग्ध मादक पदार्थ तस्कर को गिरफ़्तार कर ले जाते समय उनकी मां ने इसका विरोध करते हुए कार के बोनट पर लटक गईं. पुलिसकर्मी महिला को कार की बोनट पर लटकाकर पुलिस स्टेशन तक लेते चले गए थे.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले का मामला. पठान जाति से आने वाली 22 वर्षीय युवती ने अगस्त 2021 में फकीर जाति के युवक से शादी की थी. पुलिस ने कहा कि युवती की कथित तौर पर उसके भाइयों ने हत्या कर दी, जो फ़रार हैं. युवती के परिवार के चार सदस्यों सहित पांच लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
मुंबई के मीरा रोड पर निजी हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले एक मुस्लिम दंपति पर बकरीद से पहले अपने फ्लैट में बकरियां लाने के कारण कथित तौर पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था. इस संबंध में एक केस दर्ज किया गया है. अब दंपति के ख़िलाफ़ महिलाओं पर हमला, शांतिभंग, आपराधिक धमकी के आरोप में एफ़आईआर दर्ज की गई है.
सारण ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि 55 वर्षीय मृतक मोहम्मद जहीरुद्दीन एक हड्डी फैक्ट्री में काम करते थे. काम पर जाते समय उनका कंटेनर ट्रक ख़राब होने पर कथित गोरक्षकों का एक समूह वहां पहुंचा. वाहन में से बदबू आने पर समूह ने गोमांस ले जाने के संदेह में उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
महाराष्ट्र के ठाणे जिले का मामला. मीरा रोड पर एक निजी कॉलोनी में रहने वाले एक मुस्लिम दंपति ने बकरीद पर कुर्बानी के लिए दो बकरियां अपने फ्लैट में रखी थी. कॉलोनी के कुछ लोगों ने कथित तौर पर इसका विरोध कर उनके साथ मारपीट की. पुलिस ने 11 लोगों के ख़िलाफ़ दंगा और छेड़छाड़ के आरोप में केस दर्ज किया है.
घटना पूर्वी चंपारण ज़िले के एक निजी आवासीय स्कूल की है. आरोप है कि 15 वर्षीय छात्र को बाज़ार में स्कूल के चेयरमैन ने धूम्रपान करते हुए पकड़ लिया था, जिससे आक्रोशित होकर वह उसे घसीटकर स्कूल लाए और अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर उसे बेल्ट से पीटा था.
वीडियो: बीते 6 जून को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के बीजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं ख़रीदने के सरकार के फैसले के विरोध में किसानों के आंदोलन को बर्बरतापूर्वक ख़त्म करा दिया था. पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करने के साथ उन्हें तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था. साथ ही किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 100 अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है.
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के बीजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे किसानों पर बीते मंगलवार को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन इस घटना की निंदा की है.
जालौन जिले के एट थाना क्षेत्र के एक गांव में एक व्यक्ति ने 15 वर्षीय बेटी से सामूहिक बलात्कार की जांच में देरी के कारण कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उनके परिवार और पड़ोसियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर व्यक्ति की शिकायत पर समय पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश के आगरा शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि 10वीं कक्षा की छात्रा को युवक द्वारा पीछा किए जाने के कारण इस साल आगरा में अपना स्कूल और बोर्ड परीक्षा छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. परिवार पहले फ़िरोज़ाबाद के एक गांव में रह रहा था और युवक से पीछा छुड़ाने के लिए कुछ महीने पहले आगरा चला आया था.
पुलिस के अनुसार, अजमेर ज़िले के गेगल में एक 22 वर्षीय दलित व्यक्ति को कथित तौर 10 मई को पेट्रोल पंप कर्मियों से उधार लिए गए पांच हज़ार रुपये लौटाने को लेकर हुए विवाद के बाद आग लगा दी गई थी. गुरुवार को अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक भारतीय उपमहाद्वीप में आए दिन किसी न किसी की आहत भावनाओं की बात होती रहती है और उसकी स्वाभाविक प्रतिकिया के तौर पर उत्पाती समूहों द्वारा इसका बदला लेने के लिए की गई हिंसा की ख़बर आती रहती है, लेकिन सवाल है कि आख़िर किसकी भावनाएं आहत होती हैं?
पिछली भाजपा सरकार में कर्नाटक में मोरल पुलिसिंग एक बड़ा मुद्दा बन गया था. नवगठित कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुलिस के साथ पहली बैठक में कहा है कि हम इसे ख़त्म कर देंगे. लोगों ने बदलाव की उम्मीद में एक नई सरकार चुनी है. अधिकारियों को उनकी शिकायतों का जवाब देना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के काम को लेकर निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका सुनने से इनकार कर दिया हो, लेकिन द वायर द्वारा पड़ताल किए गए विपक्षी नेताओं से जुड़े मामलों में कई विसंगतियां और सवाल मिले हैं, जिनके जवाब दिए जाने की ज़रूरत है.