कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: इस समय की प्रचलित टेक्नोलॉजी और प्रविधियां तेज़ी और सफलता से यथार्थ को तरह-तरह से रचती रहती हैं. इस रचे गए यथार्थ का सच्चाई से संबंध अक्सर न सिर्फ़ क्षीण होता है बल्कि ज़्यादातर वे मनगढ़ंत और झूठ को यथार्थ बनाती हैं. हमारे समय में राजनीति, धर्म, मीडिया आदि मिलकर जो मनोवांछित यथार्थ रच रहे हैं उसका सच्चाई से कोई संबंध नहीं होता. इस यथार्थ को प्रतिबिंबित करना झूठ को मानना और फैलाना होगा.
तीस्ता का मानना है कि उनकी चुनौती दंड से मुक्ति की संस्कृति से लड़ना है. यही वो वजह है जो उन्हें प्रेरित करती है.
महाराष्ट्र में हुई यह घटना राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैया लाल की हत्या से एक हफ्ते पहले की है. पुलिस ने बताया कि बीते 21 जून को राज्य के अमरावती शहर में केमिस्ट प्रह्लादराव कोल्हे की चाकू मारकर हत्या कर दी. उन्होंने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर कुछ टिप्पणी की थी. पुलिस ने संदेह जताया है कि इसी पोस्ट को लेकर उनकी हत्या कर दी गई. पांच लोगों को
उत्तराखंड में हरिद्वार ज़िले के रुड़की का मामला. आरोपी लिफ्ट देकर चलती कार में छह साल की बच्ची और उसकी मां से सामूहिक बलात्कार के बाद उन्हें गंग नहर किनारे कांवड पटरी पर छोड़कर चले गए. मेडिकल जांच में दोनों के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है. पुलिस ने एक नामज़द आरोपी सहित अन्य पर मुक़दमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.
अतीत में मुसलमानों को सज़ा देने के लिए क़त्लेआम किया जाता था, भीड़ उन्हें पीट-पीटकर मार डालती थी, उनको निशाना बनाकर हत्याएं होती थीं, वे हिरासतों, फ़र्ज़ी पुलिस मुठभेड़ों में मारे जाते या झूठे आरोपों में क़ैद किए जाते थे. अब उनकी संपत्तियों को बुलडोज़र से ढहा देना इस फेहरिस्त में जुड़ा एक नया हथियार है.
मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दो नई याचिकाएं दायर कर उत्तर प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की कि राज्य में उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोई और निर्माण न गिराया जाए तथा इस तरह की कवायद पर्याप्त नोटिस देने के बाद ही की जाए. बीते 10 जून को हिंसा के बाद प्रशासन ने कई आरोपियों के घरों को बुलडोज़र चलाकर ध्वस्त कर दिया है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर जो लोग शांतिपूर्वक विरोध जता रहे थे, उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं, लाठीचार्ज किया जा रहा है और उनके घर तोड़े जा रहे हैं. जब तक कि किसी व्यक्ति को अदालत में दोषी नहीं पाया जाता, वह केवल आरोपी होता है. वहीं जमीयत ने कहा है कि पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल के किशोरों से दुश्मनों जैसा व्यवहार किया. यह
गुजरात के अहमदाबाद शहर के खडिया इलाके में भाजपा कार्यकर्ता राकेश मेहता को एक कुख्यात अपराधी ने कथित रूप से डंडों और बेसबॉल बैट से बुरी तरह पीटा था. पुलिस ने बताया कि आरोपी की उसके रिश्तेदार से पुरानी रंज़िश थी और वह (रिश्तेदार) मृतक का क़रीबी दोस्त था. उसकी हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा नहीं है.
केरल पुलिस ने पनूर इलाके के एक संस्थान के शिक्षक और 22 वर्षीय छात्र को 12 से 14 साल के तीन नाबालिग बच्चों के साथ छेड़खानी के आरोप में पॉक्सो क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि घटना छुट्टियों से पहले की है. छुट्टियों के बाद संस्थान खुलने पर बच्चों ने जब वहां जाने से इनकार कर दिया, तब उनके माता-पिता को इसकी जानकारी हुई.
मामला इंदौर के विजयनगर थाने का है. एमकॉम के एक छात्र का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी डीज़ल की अवैध बिक्री के संदेह में उन्हें थाने ले गए और थाना प्रभारी के कक्ष में प्लास्टिक के पाइप से घंटों तक पीटा. छात्र के पिता का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने बेटे को छोड़ने के बदले उनसे 50 हज़ार रुपये मांगे और बाद में तीस हज़ार रुपये लेकर छोड़ा.
कोरोना वायरस महामारी के कारण दो साल के बाद इस साल 30 जून से 11 अगस्त तक अमरनाथ तीर्थयात्रा निर्धारित है. यात्रा से पहले कथित रूप से राष्ट्र-विरोधी संदेश फैलाने के लिए ‘सिख फॉर जस्टिस’ नाम के संगठन सहित कई अज्ञात व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
मध्य प्रदेश के विदिशा शहर में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) कार्यालय के बाहर आरटीआई कार्यकर्ता 42 वर्षीय रंजीत सोनी की दिनदहाड़े अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वह अशोकनगर का रहने वाले थे. पुलिस ने बताया कि कार्यालय में लगा सीसीटीवी काम नहीं कर रहा था और हमलावरों को पता लगाने के लिए पुलिस शहर के बाकी फुटेज देख रही है.
उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले का मामला. बीते नौ मई को एक ही परिवार के दो पक्षों में हुए झगड़े के मामले में पुलिस टीम लगातार दबिश दे रही थी. आरोप है कि पुलिस ने एक पक्ष की युवती के साथ मारपीट और छेड़छाड़ की, जिससे दुखी होकर उसने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. हालांकि पुलिस इन आरोपों को निराधार बताया है.
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार कहती है कि कश्मीर में शांति क़ायम है, जबकि तथ्य यह है कि कश्मीरी पंडित और मुसलमान दोनों मारे जा रहे हैं. एक शिक्षिका की हत्या सुरक्षा स्थिति की गंभीर तस्वीर पेश करती है और केंद्र शासित प्रदेश में शांति के स्तर को दर्शाती है.
बलात्कार और डकैती के आरोप में गिरफ़्तार किए गए और गुड़गांव की भोंडसी जेल में बंद दो क़ैदियों को मेडिकल चेक-अप के लिए पुलिस वाहन में दिल्ली ले जाया जा रहा था, जब वे सुभाष चौक के पास फ़रार हो गए. पुलिस के अनुसार, इसमें उन्हें ले जा रहे पुलिसकर्मियों की मिलीभगत थी.