कच्चाथीवू मुद्दा उठाना प्रधानमंत्री की हताशा को दर्शाता है: कांग्रेस प्रमुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद कि तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कच्चाथीवू द्वीप श्रीलंका को दे दिया था, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा कि मोदी ने अपने 10 साल के शासन के दौरान इसे वापस पाने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए.

निर्वाचन आयोग ने 19 अप्रैल से 1 जून तक एग्ज़िट पोल के प्रकाशन पर रोक लगाई

चुनाव आयोग ने एक अधिसूचना में कहा है कि 19 अप्रैल की सुबह 7 बजे से 1 जून की शाम 6.30 बजे के बीच एग्ज़िट पोल के संचालन, प्रकाशन या प्रचार पर प्रतिबंध रहेगा. इस अवधि में लोकसभा चुनावों के साथ आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम की विधानसभाओं के चुनाव और 12 राज्यों की 25 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं.

12 सालों से भाजपा का सहयोगी रहने के बावजूद पार्टी की उपेक्षा की जा रही है: रामदास अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने उनके दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) की उपेक्षा की बात कहते हुए जोड़ा कि उन्होंने गठबंधन छोड़ने का फैसला नहीं किया है, लेकिन अगर आगामी चुनावों के लिए कम से कम एक सीट की उनकी मांग अगले तीन दिनों में पूरी नहीं हुई तो वे अलग रुख़ अपना सकते हैं.

महाराष्ट्र: नामांकन के एक घंटे बाद शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार को ईडी ने नोटिस जारी किया

शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के मुंबई उत्तर पश्चिम से लोकसभा उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को ईडी ने 'खिचड़ी' घोटाले को लेकर समन जारी किया है. इस मामले में बीएमसी द्वारा कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बेघर और प्रवासी श्रमिकों को भोजन के रूप में खिचड़ी वितरण में एक करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप लगाया गया है.

उत्तराखंड: लोकसभा चुनावों में भाजपा का पीछा कर रहा है अंकिता भंडारी हत्याकांड

सितंबर 2022 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल ज़िले में भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री के बेटे पर उनके रिसॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या का आरोप लगा था. तबसे ही पुष्कर सिंह धामी सरकार पर हत्याकांड को दबाने के आरोप लगते रहे हैं.

आज की राजनीति बुद्धि-ज्ञान-संस्कृति से लगातार अविराम गति से दूर जा रही है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हमारे लोकतंत्र की एक विडंबना यह रही है कि उसके आरंभ में तो राजनीतिक नेतृत्व में बुद्धि ज्ञान और संस्कृति-बोध था जो धीरे-धीरे छीजता चला गया है. हम आज की इस दुरवस्था में पहुंच हैं कि राजनीति से नीति का लोप ही हो गया है.

‘बाबा साहेब किताबें इकट्ठा करते थे, लेकिन मैं लोगों को इकट्ठा करता हूं’

जन्मदिन विशेष: मान्यवर कांशीराम के निकट राजसत्ता की चाभी बहुजन हितकारी सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के बंद ताले खोलने का पूरी तरह अपरिहार्य साधन थी और वे मानते थे कि देश की सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्थाओं में बहुजनों को अपरहैंड तभी मिल सकता है, जब यह चाभी उनके पास रहे. इसके इतर स्थिति में जिसके हाथ में यह चाभी रहेगी, उन्हें उसी की धुरी पर नाचते रहना होगा.

झारखंडः कल्पना सोरेन का चुनावी कमान थामना झामुमो के लिए कितना फायदेमंद होगा

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन के सार्वजनिक जीवन में आने के बाद यह आकलन शुरू हो गया है कि लोकसभा चुनाव में वे भाजपा के लिए कितनी बड़ी चुनौती बन सकती हैं. निगाहें इस ओर भी हैं कि इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कल्पना क्या झामुमो की खेवनहार बनेंगी.

अगर लोक ही नहीं चाहता कि लोकतंत्र बचे और सशक्त हो, तो उसे कौन बचा सकता है?

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: यह बेहद चिंता की बात है कि ज़्यादातर लोग लोकतंत्र में सत्तारूढ़ शक्तियों द्वारा हर दिन की जा रही कटौतियों या ज़्यादतियों को लेकर उद्वेलित नहीं हैं और उन्हें नहीं लगता कि लोकतंत्र दांव पर है. स्थिति यह है कि लगता है कि लोक ही लोकतंत्र को पूरी तरह से तंत्र के हवाले कर रहा है.

समस्या सड़क पर नमाज़ पढ़ने में नहीं, उसे देखने के तरीके में है

क्या वाकई सड़कों पर सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा सकते हैं? तब तो बीस मिनट की नमाज़ से ज़्यादा हिंदुओं के सैकड़ों धार्मिक आयोजन प्रभावित होने लग जाएंगे, जो कई दिनों तक चलते हैं. बैन करने की हूक सड़कों के प्रबंधन बेहतर करने की नहीं है, एक समुदाय के प्रति कुंठा और ज़हर उगलने की ज़िद है.

राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को प्राप्त होने वाला लगभग 60% धन ‘अज्ञात’ स्रोतों से होता है: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, 2022-23 में छह राष्ट्रीय दलों द्वारा आय के रूप में घोषित 3,076.88 करोड़ रुपये में से 59% से अधिक अज्ञात स्रोतों से आया था. इसमें से चुनावी बॉन्ड से होने वाली आय का हिस्सा 1,510.61 करोड़ रुपये या 82.42% था. इसका बड़ा हिस्सा भाजपा को मिला.

केंद्र से मणिपुर में एनआरसी लागू करने की सिफ़ारिश करेंगे: मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य एनआरसी लागू नहीं कर सकता. हमने सदन में प्रस्ताव पारित किया है और मणिपुर में एनआरसी लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को सिफ़ारिश भेज रहे हैं.

झारखंडः आदिवासियों और झामुमो कैडरों की गोलबंदी के संकेत क्या हैं

हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को ऐसे समय में विपरीत परिस्थतियों का सामना करना पड़ा है, जब कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव हैं और इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. हालांकि, ऐसी स्थिति में निकाली जा रही झामुमो की 'न्याय यात्रा' को आदिवासी समुदाय का खासा समर्थन मिल रहा है.

विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या उसका बिखराव नहीं, आत्मविश्वास खो देना है 

विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या यह है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में अपने आक्रामक हिंदुत्व कहें या बहुसंख्यकवाद की बिना पर समता, बंधुत्व और धर्मनिरपेक्षता जैसे उदार संवैधानिक मूल्यों को आक्रांत कर देश के राजनीतिक विमर्श को इस हद तक बदल दिया है कि हतप्रभ विपक्ष इन मूल्यों की बिना पर उससे जीतने का विश्वास ही खो बैठा है.

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