देश में बिहार, झारखंड, यूपी सर्वाधिक ग़रीब राज्य, केरल में सबसे कम ग़रीबी: नीति आयोग

नीति आयोग के बहुआयामी ग़रीबी सूचकांक के अनुसार, बिहार में कुपोषित लोगों की संख्या सर्वाधिक है, जिसके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान है. बाल और किशोर मृत्यु दर के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे नीचे है, इसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश हैं. 

न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सत्यनिष्ठा की सभी स्तरों पर रक्षा करना अत्यंत आवश्यक: एनवी रमना

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हम एक कल्याणकारी राज्य का हिस्सा हैं, उसके बावजूद लाभ इच्छित स्तर पर लाभान्वितों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. सम्मानजनक जीवन जीने की लोगों की आकांक्षाओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इनमें से ग़रीबी एक मुख्य चुनौती है.

दुनियाभर में विस्थापितों की संख्या 8.4 करोड़ से ज़्यादा होने की संभावना: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि 2020 के अंत तक विस्थापितों की संख्या 8.24 करोड़ से अधिक थी, जिनमें से अधिकतर अपने ही देश में विस्थापित हैं. एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय हिंसा, उत्पीड़न व मानवाधिकार उल्लंघन नहीं रोक पा रहे, जिसके चलते लोग लगातार अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं.

भूख से मौत: झारखंड हाईकोर्ट ने कहा, हम लोगों के साथ जंगली जानवरों जैसा व्यवहार कर रहे हैं

झारखंड में कथित तौर पर भूख से मौत के मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती इलाके में आज भी लोग आदिम युग में जी रहे हैं. राशन लेने के लिए उन्हें आठ किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. इन्हें स्वास्थ्य की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. पीने का शुद्ध पानी भी मयस्सर नहीं हो रहा है. जंगलों में रहने वाले इन लोगों की ज़मीन से ही सरकार खनिज निकाल रही है और ये लोग

विश्व में हर एक मिनट में भुखमरी से 11 लोगों की मौत होती है: ऑक्सफैम

गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाले संगठन ऑक्सफैम ने एक रिपोर्ट में कहा कि भुखमरी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों की संख्या से अधिक हो गई है. बीते एक साल में पूरी दुनिया में अकाल जैसे हालात का सामने करने वाले लोगों की संख्या छह गुना बढ़ी है.

असम के सीएम ने कहा, मुस्लिम बुद्धिजीवी इस बात से सहमत कि जनसंख्या वृद्धि विकास के लिए ख़तरा है

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ीं 150 से अधिक मुस्लिम हस्तियों से मुलाकात के बाद कहा है कि वे सभी लोग इस बात पर सहमत थे कि राज्य के कुछ हिस्सों में जनसंख्या विस्फोट राज्य के विकास के लिए ख़तरा उत्पन्न कर रहा है. यदि असम भारत के पांच शीर्ष राज्यों में से एक बनना चाहता है तो अपने जनसंख्या विस्फोट को प्रबंधित करना होगा.

असम में केवल दो बच्चों की नीति ही मुस्लिमों की ग़रीबी और अशिक्षा दूर कर सकती है: मुख्यमंत्री

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि उनके राज्य के मुस्लिम अल्पसंख्यकों में गरीबी और निरक्षरता को मिटाने का एकमात्र तरीका दो बच्चों की नीति है. उन्होंने कहा कि असम अपनी वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 1.6 प्रतिशत रखने में कामयाब रहा है, लेकिन जब हम सांख्यिकी की तह में जाते हैं तो पाते हैं कि मुस्लिम आबादी 29 प्रतिशत की दर (दशकीय) से बढ़ रही है, जबकि हिंदू आबादी 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही.

दो दशक में पहली बार दुनियाभर में बाल श्रमिकों की संख्या बढ़ी, कोविड के चलते बढ़ेगा जोखिम: रिपोर्ट

आईएलओ और यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में बाल मज़दूरों की संख्या 16 करोड़ हो गई है. यह चेतावनी भी दी गई है कि कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप 2022 के अंत तक वैश्विक स्तर पर 90 लाख और बच्चों को बाल श्रम में धकेल दिए जाने का ख़तरा है.

यूएन के 17 सतत विकास लक्ष्यों में दो रैंक नीचे पहुंचा भारत, नेपाल-बांग्लादेश से पीछे

संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों की ओर से 2015 में 2030 एजेंडा के रूप में अपनाए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों में पिछले साल भारत 115वें स्थान पर था. हालिया रिपोर्ट में यह दो पायदान नीचे आया है, जहां इसका स्थान चार और दक्षिण एशियाई देशों- भूटान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश के बाद है.

नीति आयोग के सतत विकास सूचकांक में केरल फिर शीर्ष पर, बिहार का सबसे ख़राब प्रदर्शन

इस सूचकांक में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है. केरल ने 75 अंक के साथ शीर्ष राज्य के रूप में अपना स्थान बरक़रार रखा है, जबकि बिहार, झारखंड और असम सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं.

कोरोना महामारी की दूसरी लहर से भारत में आजीविका संकट गहराने की आशंका: अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़

सरकार द्वारा कोविड-19 की दूसरी लहर के अनुमान में चूक पर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ ने कहा कि सरकार लंबे समय तक वायरस के समुदाय के बीच फैलने की बात से इनकार करती रही है, जबकि रिकॉर्ड में मामले लाखों में थे. जनता को आश्वस्त करने के लिए कि सब ठीक है, भ्रामक आंकड़ों का सहारा लिया गया. हम अब इसकी कीमत चुका रहे हैं.

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने अमित शाह की टिप्पणी को ‘अस्वीकार्य’ बताया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि बांग्लादेश के गरीब लोग भारत आते हैं, क्योंकि अब भी उन्हें अपने देश में खाने के लिए पर्याप्त नहीं मिलता है. अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा सत्ता में आई तो बांग्लादेश से घुसपैठ रोक दी जाएगी. इस पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा कि शाह का ज्ञान सीमित है.

वैश्विक लैंगिक भेद रिपोर्ट में भारत का 156 देशों में 140वां स्थान, 28 पायदान फिसला

वैश्विक लैंगिक भेद अनुपात रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया में केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान इस सूची में भारत से नीचे हैं. भारत के पड़ोसी मुल्कों में से बांग्लादेश इस सूची में 65, नेपाल 106, पाकिस्तान 153, अफगानिस्तान 156, भूटान 130 और श्रीलंका 116वें स्थान पर हैं.

कोविड-19 महामारी के बाद लैंगिक समानता पर ध्यान दे दुनिया: संयुक्त राष्ट्र महिला निकाय

एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रबंधक ने कहा कि कोविड-19 महामारी से सबसे ज़्यादा और बुरी तरह महिलाएं ही प्रभावित हुई हैं, फिर भी महामारी का मुक़ाबला करने से संबंधित निर्णय प्रक्रिया से महिलाओं को ही व्यवस्थागत तरीके से बाहर रखा जा रहा है.

विश्व में कुल बाल वधुओं में से आधी भारत सहित पांच देशों में: यूनिसेफ

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूनिसेफ के रिपोर्ट के मुताबिक, दशक के अंत से पहले एक करोड़ अतिरिक्त बाल विवाह हो सकते हैं. इससे इस प्रथा को कम करने की वर्षों की प्रगति को ख़तरा उत्पन्न हो सकता है. दुनिया में आज अनुमानित 65 करोड़ लड़कियों और महिलाओं का विवाह बचपन में हुआ है. इनमें से आधी संख्या बांग्लादेश, ब्राज़ील, इथियोपिया, भारत और नाइज़ीरिया में है.