उत्तर प्रदेश में छह साल पहले केंद्र की मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत काम करने वाले शिक्षकों का वेतन कथित तौर पर रोक दिया गया था. अब यूपी सरकार ने इन शिक्षकों को 2016 से दिए जाने वाले मानदेय या ‘अतिरिक्त धन’ का भुगतान भी बंद करने का फैसला किया है. लंबित वेतन को लेकर ये शिक्षक दिसंबर 2023 से लखनऊ में धरना दे रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि करेकट्टा गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल में संविदा के आधार पर नियुक्त गेस्ट शिक्षक पर पिछले साल सितंबर में इलाके में माओवादी बैनर और पोस्टर लगाने में शामिल होने का आरोप है. पूछताछ में उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है.
उर्दू के कई नामचीन लेखकों ने साल 2023 के लिए दिए गए साहित्य अकादमी पुरस्कार को लेकर ‘अयोग्य जूरी सदस्यों’ द्वारा इस साल नामांकित वरिष्ठ लेखकों की रचनाओं को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अकादमी के उर्दू एडवाइजरी बोर्ड के संयोजक चंद्रभान ख़याल को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग भी की है.
बीते महीने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने नए नियमों में कैंपस के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के पास धरना देने, विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर 20,000 रुपये के जुर्माने, कैंपस से निष्कासन की बात कही थी. 23 दिसंबर को इसके विरोध में छात्रों ने परिसर में मशाल मार्च निकाला.
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि अग्निशमन सेवा विभाग के तहत फायरमैन और ड्राइवर पदों पर भर्ती के लिए मौखिक परीक्षा बिना किसी देरी के तुरंत आयोजित की जाए. उनके अनुसार, वे पिछले साल फिजिकल टेस्ट में शामिल हुए थे, जिसके बाद वे इस साल 8 जनवरी को लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा आईटी सेल दो तथ्यों से ध्यान भटकाना चाहती है. पहला, संसद की सुरक्षा में बहुत गंभीर उल्लंघन हुआ था. दूसरा, लोकसभा में ख़तरनाक ढंग से घुसपैठ करने वालों को मैसूरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने संसद में प्रवेश की इजाज़त दी थी.
आरोप है कि मैसुरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने मैसूरु के रहने वाले 34 वर्षीय मनोरंजन डी. और लखनऊ में ऑटोरिक्शा चलाने वाले सागर शर्मा को विज़िटर्स पास जारी किए थे. बीते 13 दिसंबर को मनोरंजन और सागर ने लोकसभा की सुरक्षा का उल्लंघन करते हुए दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद गैस कनस्तर खोल दिए थे.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अपने कैंपस के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के पास धरना देने, भूख-हड़ताल करने या किसी अन्य प्रकार के विरोध पर रोक लगाने के लिए नए नियम जारी किए हैं. इसके अलावा फ्रेशर्स की स्वागत पार्टियों, विदाई या डीजे कार्यक्रम जैसे आयोजन करने पर भी दंड का प्रावधान किया गया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ (बीएमएस) से जुड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा कर्मचारी संसद तक मार्च कर मांग करेंगे कि केंद्र सरकार उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित करे. बीते 22 नवंबर को भी सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग लेकर बीएमएस के बैनर तले प्रदर्शन किया था.
केंद्र ने 31 मार्च 2024 तक प्याज़ के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है. एक अधिकारी ने बताया कि नासिक ज़िले की लासलगांव, नंदगांव, पिंपलगांव और उमराने की प्याज़ मंडियों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं, मालेगांव के जयखेड़ा, चांदवाड़, उमाराने, नंदगांव और मुंगसे में भी रास्ता रोको अभियान चलाया गया है.
केरल के दो प्रतिनिधियों- श्रीनाथ और अर्चना रवि को गोवा पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) से बाहर कर दिया, क्योंकि उन्होंने महोत्सव में 'द केरला स्टोरी' फिल्म की स्क्रीनिंग की निंदा करते हुए रेड कार्पेट पर विरोध प्रदर्शन किया था.
कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और छह अन्य को सितंबर 2016 में अहमदाबाद नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए हिरासत में लिया गया था. इसे लेकर उन पर पुलिस वाहन को नुकसान पहुंचाने, नारे लगाने और दंगा करने के आरोप लगाए गए थे.
केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए सहारा समूह द्वारा संचालित चार सहकारी समितियों में निवेश करने वाले लगभग पांच लाख लोगों के दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने की योजना है. बीते 14 नवंबर को समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के साथ देश भर के 27 राज्यों में फैले निवेशकों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है.
मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिज़ो ज़िरलाई पावल (एमजेडपी) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी आइजोल के पश्चिमी भाग में डावरपुई वेंगथर में मिजोरम छात्रवृत्ति बोर्ड कार्यालय के सामने दो दिन से धरना दे रहे हैं. वे राज्य के भीतर और बाहर पढ़ रहे 19,495 छात्रों को छात्रवृत्ति राशि के तत्काल वितरण की मांग कर रहे हैं.
मणिपुर के चुराचांदपुर शहर में आदिवासी छात्रों ने अपनी शिक्षा पर पड़ रहे हिंसा के कुप्रभाव को लेकर धरना दिया. छात्रों ने राज्य और केंद्र पर कुकी और ज़ो समुदाय के छात्रों की शिक्षा के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रही है.