जम्मू कश्मीर के हीरानगर उप-जेल हिरासत केंद्र में महिलाओं और बच्चों समेत लगभग 270 रोहिंग्या शरणार्थी दो साल से अधिक समय से बंद हैं. वे लगातार हिरासत में रखे जाने के ख़िलाफ़ अक्सर विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं. मई में भी शरणार्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया था और दो मौकों पर खाना खाने से इनकार कर दिया था.
बीते 11 जुलाई को एक स्नातक छात्र की मौत के एक दिन बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों समेत लोगों के एक समूह ने समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. आरोप है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और महिलाओं समेत शिक्षकों पर लोहे की छड़ से हमला किया. कुछ शिक्षकों ने उनसे नकदी और आभूषण छीनने का भी आरोप लगाया.
बीते 27 जून को फ्रांस की राजधानी पेरिस के एक उपनगर में ट्रैफिक के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने अल्जीरियाई मूल के एक 17 वर्षीय कार चालक को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी. घटना का वीडियो फैलते ही अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ पुलिस की हिंसा पर गुस्सा भड़क गया और फ्रांस गंभीर नस्लीय तनाव की चपेट में आ गया.
मुंबई के मीरा रोड पर निजी हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले एक मुस्लिम दंपति पर बकरीद से पहले अपने फ्लैट में बकरियां लाने के कारण कथित तौर पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था. इस संबंध में एक केस दर्ज किया गया है. अब दंपति के ख़िलाफ़ महिलाओं पर हमला, शांतिभंग, आपराधिक धमकी के आरोप में एफ़आईआर दर्ज की गई है.
महाराष्ट्र के ठाणे जिले का मामला. मीरा रोड पर एक निजी कॉलोनी में रहने वाले एक मुस्लिम दंपति ने बकरीद पर कुर्बानी के लिए दो बकरियां अपने फ्लैट में रखी थी. कॉलोनी के कुछ लोगों ने कथित तौर पर इसका विरोध कर उनके साथ मारपीट की. पुलिस ने 11 लोगों के ख़िलाफ़ दंगा और छेड़छाड़ के आरोप में केस दर्ज किया है.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने असम में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन का मसौदा प्रकाशित किया है, जिसमें राज्य में सीट संख्या तो समान रखी गई है, लेकिन कुछ निर्वाचन क्षेत्रों का नाम बदलने का प्रस्ताव है और कथित तौर पर मुस्लिम मतदाताओं की शक्ति को कम करने के लिए कई क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से निर्धारित किया गया है.
वीडियो: पिछले 57 दिनों से बेहतर मुआवज़े की मांग को लेकर सैकड़ों किसान ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि जीएनआईडीए ने उनसे किए गए वादे पूरे नहीं किए हैं.
उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के समिति से मिलने वाले लद्दाख के नेताओं ने कहा है कि अगर एजेंडा में राज्य का दर्जा और विशेष दर्जे पर बातचीत शामिल नहीं हुई तो वे आगामी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.
वीडियो: बीते 6 जून को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के बीजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं ख़रीदने के सरकार के फैसले के विरोध में किसानों के आंदोलन को बर्बरतापूर्वक ख़त्म करा दिया था. पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करने के साथ उन्हें तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था. साथ ही किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 100 अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है.
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के बीजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे किसानों पर बीते मंगलवार को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था. संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन इस घटना की निंदा की है.
पुणे स्थित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के छात्र 2020 के बैच से कथित तौर पर निकाले गए एक छात्र की बहाली की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि निष्कासित छात्र मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के चलते इलाज़रत था, इसलिए कक्षाओं में शामिल नहीं हो सका और संस्थान उसे सेमेस्टर रिपीट करने को कह रहा है.
वीडियो: राजस्थान सरकार हाल ही में 'स्वास्थ्य का अधिकार' विधेयक लेकर आई है जिसके तहत राज्य के लोग इमरजेंसी में प्राइवेट अस्पताल में भी निशुल्क इलाज करवा पाएंगे. हालांकि, राज्य के प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक इसका विरोध कर रहे हैं.
हरियाणा के पिहोवा से भाजपा विधायक संदीप सिंह पर एक कोच के यौन उत्पीड़न का आरोप है. आरोपों के बाद खेल और युवा मामलों के मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे चुके सिंह अब भी मुद्रण और स्टेशनरी राज्य मंत्री बने हुए हैं. अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ की 150 से अधिक महिला कार्यकर्ताओं ने उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.
उत्तर प्रदेश विधानसभा परिसर में 20 फरवरी को मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी बेरोज़गारी और महंगाई जैसे विभिन्न मुद्दों पर प्रदर्शन कर रही थी, जिसे कवर करने के लिए पहुंचे पत्रकारों पर कथित तौर पर मार्शलों ने हमला कर दिया. इसमें कई पत्रकारों को चोटें आई हैं.
साल 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और और तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के बाद लद्दाख क्षेत्र के लोग भारत के अन्य आदिवासी क्षेत्रों को संविधान की छठी अनुसूची के तहत प्रदान किए गए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी जनसांख्यिकी, नौकरी और भूमि की रक्षा हो.