रीवा ज़िले का मामला. गणतंत्र दिवस के दिन एक सरकारी स्कूल में ध्वजारोहण समारोह के बाद बच्चों को पूड़ी-सब्जी और लड्डू परोसे गए थे, जिसे खाने के बाद कइयों की तबियत बिगड़ने लगी. सीएमएचओ ने कहा है कि खाद्य सामग्री का सैंपल लेकर जांच करवाई जाएगी, जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
भारतीय गणतंत्र इस बात को भी भला कैसे भूलेगा कि इसके लिए प्रधानमंत्री ने ‘धर्माचार्य’ का चोला धारण कर लिया था और उनके ‘सिपहसालार’ उन्हें विष्णु का अवतार और प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख को 1947 के 15 अगस्त जितनी महत्वपूर्ण बता रहे थे.
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कन्याश्री प्रकल्प, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है, को केंद्र सरकार द्वारा मंज़ूरी नहीं दी गई है. बंगाल की इस योजना पर आधारित झांकी को 2015 और 2020 में भी ख़ारिज कर दिया गया था.
केंद्र के ख़िलाफ़ अभियान शुरू करेगा संयुक्त किसान मोर्चा, 26 जनवरी को 500 ज़िलों में होगी ट्रैक्टर परेड
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि देशभर के 20 राज्यों में इसकी राज्य इकाइयां 10-20 जनवरी तक घर-घर जाकर और पर्चा वितरण के माध्यम से ‘जन जागरण’ अभियान चलाएंगी. इसका उद्देश्य केंद्र सरकार की ‘कॉरपोरेट समर्थक आर्थिक नीतियों को उजागर करना’ है.
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने गणतंत्र दिवस पर एक संबोधन में कहा कि संविधान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सभी के लिए न्याय की गारंटी देता है. ये मूलभूत मूल्य हैं जिन पर संविधान टिका हुआ है और आज यही मूल्य ख़तरे का सामना कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना, निर्माण श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना शुरू करने समेत कई घोषणाएं कीं. पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस ने बेरोज़गारों को भत्ता देने का वादा किया था.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि आज हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत संविधान के बुनियादी सिद्धांतों को सुरक्षित करने की है क्योंकि कुछ लोग हैं, जिन्होंने भारतीय संविधान पर कभी यक़ीन नहीं किया, कभी इसका सम्मान नहीं किया. आज वही लोग हर एक संवैधानिक संस्थान को कमज़ोर करने में जुटे हुए हैं.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस समारोह में कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि देश आपस में लड़कर ग़ुलाम हो गया, किसी दुश्मन के सामर्थ्य के कारण नहीं. हम आपस में लड़ते रहे, इसलिए गुलाम हुए.. हमारा बंधुवाद समाप्त हो गया. स्वतंत्रता और समता एक साथ लानी है तो बंधुभाव लाना चाहिए.
जब संविधान के 'बुनियादी ढांचे के सिद्धांत' पर विवाद छिड़ा हुआ है, तो ऐसे में ज़रूरी मालूम होता है कि इसकी मूल भावना और उसके उद्देश्य को आम लोगों तक ले जाया जाए क्योंकि जब तक 'गण' हमारे संविधान को नहीं समझेगा हमारा लोकतंत्र सिर्फ एक 'तंत्र' बनकर रह जाएगा.
इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड के लिए कर्नाटक राज्य की झांकी को केंद्र द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है. 13 सालों में पहली बार राज्य की झांकी परेड का हिस्सा नहीं होगी. विपक्षी कांग्रेस ने इसके लिए बसवराज बोम्मई सरकार की निंदा की है, वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि इस पर विवाद पैदा करना सही नहीं है.
नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की थी. दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया कि 26 जनवरी 2021 को हुई हिंसा से जुड़े मामलों को वापस लेने का औपचारिक अनुरोध उपराज्यपाल को भेजा गया है.
केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग के समर्थन में पिछले साल 26 जनवरी को किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाली थी, जब किसानों और पुलिस के बीच कई स्थानों पर झड़पें हुई थीं. इस दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल क़िला तक पहुंच गए थे और उन्होंने वहां एक ध्वज स्तंभ में धार्मिक झंडा लगा दिया था. इस मामले में दीप सिद्धू को नौ फरवरी 2021 को गिरफ्तार किया गया था.
आंध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले में स्थित जिन्ना टावर पर बीते 26 जनवरी तिरंगा फहराने की कोशिश करते दक्षिणपंथी समूह ‘हिंदू वाहिनी’ के तीन सदस्यों को हिरासत में लिए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था. पिछले साल दिसंबर में भाजपा ने मांग की थी कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के सम्मान में टावर का नाम बदला जाए. उन्होंने धमकी दी कि अगर वाईएसआर कांग्रेस सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो वे स्मारक को नष्ट कर
एक सार्वभौमिक और मानवतावादी प्रार्थना को हटाना वही संदेश देता है, जिसे 'न्यू इंडिया' सुनना चाहता है.
बीटिंग द रिट्रीट समारोह से हटाए गए महात्मा गांधी के प्रिय भजनों में से एक 'एबाइड विद मी' का हिंदी अनुवाद.