शोपियां जिले के हीरपोरा में दिल्ली के एक ड्राइवर को 8 अप्रैल की शाम अज्ञात आतंकवादियों ने गोली मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. घाटी में ग़ैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर किया गया यह इस साल का दूसरा हमला है.
बीते दिनों आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत घाटी में काम कर रहे 56 कश्मीरी पंडितों के विवरण वाली एक सूची जारी करते हुए धमकी दी गई है. इसे लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने जानकारियां लीक होने के मामले की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है.
आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के बीच दक्षिण कश्मीर के चौधरीगुंड गांव से जम्मू पहुंचे 13 परिवारों ने प्रशासन से उन्हें ‘प्रवासी’ के रूप में पंजीकृत करने की मांग की है. उनका कहना है कि असुरक्षा के चलते उन्होंने अपना गांव छोड़ दिया है और यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि उनका पंजीकरण करे.
आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र दक्षिण कश्मीर के शोपियां ज़िले के 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर के कारण अपने घर छोड़कर जम्मू पहुंचे हैं. उनका आरोप है कि सुरक्षा मुहैया कराने की निरंतर गुहार के बावजूद उनके गांव से बहुत दूर एक पुलिस चौकी बनाई गई है.
जम्मू कश्मीर के शोपियां ज़िले में हुए ग्रेनेड हमले में उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले दो मज़दूरों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान मनीष कुमार और राम सागर के रूप में हुई है. बीते 15 अक्टूबर को शोपियां में ही कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट्ट की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
बीते 15 अक्टूबर को दक्षिण कश्मीर के शोपियां ज़िले में पूरण कृष्ण भट्ट की उनके पैतृक आवास के बाहर आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्या के विरोध में हुए प्रदर्शनों में लोगों ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा हालात गंभीर हैं, लेकिन सरकार इससे बेपरवाह है और केवल एक ही काम कर रही है जो है ‘सामान्य हालात’ का झूठ बोलना.
कश्मीर ज़ोन पुलिस के मुताबिक, आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट पर तब गोली चलाई, जब वह शोपियां में बगीचे की तरफ जा रहे थे. उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडित कर्मचारियों में राजमार्ग को अवरुद्ध करके प्रदर्शन किया.
घाटी में 1980 के दशक के अंत तक लगभग एक दर्जन सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल थे, लेकिन आतंकवाद के उभार के चलते उन्हें बंद करना पड़ा. अब श्रीनगर में पहला मल्टीप्लेक्स खोला जा रहा है.
मंगलवार को शोपियां में आतंकवादियों ने दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला किया, जिसमें एक की मौत हो गई. इसके बाद कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए केवल एक ही विकल्प बचा है कि घाटी छोड़ दें या फिर धार्मिक कट्टरपंथियों के हाथों मार डाले जाएं.
शोपियां ज़िले में आतंकवादियों ने दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला किया, जिसमें एक की मौत हो गई और एक घायल हैं. वहीं, स्वतंत्रता दिवस की कड़ी सुरक्षा के बावजूद कश्मीर में रविवार और सोमवार को चार हमले हुए, जिनमें दो पुलिसकर्मी मारे गए और दो अन्य लोग घायल हो गए.
शोपियां के कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने गिरफ़्तारी वॉरंट जारी करते हुए कहा है कि गौहर गिलानी लगातार सार्वजनिक शांति भंग करने का काम कर रहे हैं. उन्हें सात फरवरी को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए.
शोपियां जिले में हुई इस घटना में मारे गए व्यक्ति की पहचान शाहिद अहमद राथर के रूप में हुई है, जो एक दिहाड़ी मज़दूर थे. सीआरपीएफ ने दावा किया है कि आतंकियों की ओर से हुई गोलीबारी का जवाब देते वक़्त यह वाक़या हुआ. घटना पर घाटी के मुख्यधारा के दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.
कश्मीर के विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस टिप्पणी पर हैरानी जताई और कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में दिए उनके बयान 'दिल जीतकर दिल्ली और जम्मू कश्मीर के अंतराल को पाटना होगा' का हवाला देते हुए कहा कि सूबे के दर्जे को कमज़ोर करके दिलों को नहीं जीता जा सकता है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विशेष पुलिस अधिकारी खुशबू जान को शोपियां के वेहिल इलाके में उनके घर के बाहर आतंकवादियों ने गोली मार दी. पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर नगर निगम के 20 वार्डों में 1.53 लाख मतदाताओं में सिर्फ 1.84 प्रतिशत ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर पर केंद्र के तौर-तरीके की आलोचना की.