कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने 22 नवंबर 2022 को गिरफ़्तार किया था. उनकी गिरफ़्तारी के एक साल पूरे होने पर मानवाधिकार समूहों ने कहा कि उनकी मनमानी हिरासत भारतीय अधिकारियों द्वारा जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन की एक लंबी सूची का हिस्सा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद का वित्तपोषण आतंकवाद से भी ज़्यादा ख़तरनाक है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि आतंकवाद का ख़तरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही जोड़ा जाना चाहिए.
एक आयोजन में विभिन्न राज्यों के गृह मंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस के लिए 'एक राष्ट्र-एक वर्दी' नीति अपनाने के लिए भी कहा. साथ ही, उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को गुमराह होने से रोकने के लिए नक्सलवाद के हर स्वरूप को उखाड़ फेंकना होगा, वह चाहे बंदूक का हो या फिर कलम का.
जम्मू कश्मीर के भारत में विलय की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर भाजपा नेताओं द्वारा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को निशाना बनाने पर कांग्रेस ने कहा कि ‘वॉट्सऐप नर्सरी’ वाले भाजपा नेता फिर से इतिहास पढ़ें और पूर्व प्रधानमंत्रियों पर आरोप लगाने के बजाय अपने शासनकाल का हिसाब दें.
स्वतंत्रता के बाद भारत की पहली सैन्य जीत के मौके पर श्रीनगर में आयोजित ‘शौर्य दिवस’ समारोह को संबोधित कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान अपने क़ब्ज़े वाले कश्मीर में लोगों के ख़िलाफ़ ‘अत्याचार’ कर रहा है और उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे.
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) आतंकवादी वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था है. पाकिस्तान को लगभग चार साल पहले एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया था. वहीं, संस्था ने म्यांमार को पहली बार अपनी काली सूची में शामिल किया है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक समारोह में कहा कि मीडिया को स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन यदि मीडिया स्वतंत्र है तो इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है. अगर एनजीओ स्वतंत्र हैं तो उन्हें इस तरह इस्तेमाल करने का प्रयास किया जाता है कि देश की पूरी व्यवस्था ठप हो जाए. यदि न्यायपालिका स्वतंत्र है तो क़ानूनी प्रणाली का इस्तेमाल कर विकास कार्यों को रोकने या धीमा करने का प्रयास किया जाता है.
खालिस्तान के अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के भारतीय अनुरोध को ख़ारिज करते हुए इंटरपोल ने कहा कि जिस यूएपीए के तहत नोटिस जारी करने के लिए कहा गया, उस क़ानून की आलोचना अल्पसंख्यक समूहों और अधिकार कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ दुरुपयोग किए जाने को लेकर होती रही है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, जम्मू कश्मीर में वर्ष 2021 में आपराधिक मामलों का कुल आंकड़ा बढ़कर 31,675 हो गया, जिसमें 27,447 आईपीसी संबंधी अपराध और 4,228 ‘विशेष एवं स्थानीय क़ानून’ संबंधी अपराध शामिल हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि 2018 से 2020 के बीच यूएपीए के तहत सर्वाधिक 1,338 गिरफ़्तारियां उत्तर प्रदेश में हुईं. उसके बाद मणिपुर में 943 और जम्मू कश्मीर में 750 लोगों को इस क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया. इनमें से अधिकांश लोग 18-30 वर्ष की उम्र के थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया कि सीआईए द्वारा काबुल में शनिवार शाम किए गए ड्रोन हमले में अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-ज़वाहिरी मारा गया. अमेरिका पर 9/11 को हुए हमलों की साज़िश अल-ज़वाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी. तालिबान ने ज़वाहिरी की हत्या के लिए चलाए गए अमेरिकी अभियान को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन कहा है.
कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की बीते 12 मई को आतंकियों द्वारा की गई हत्या के बाद से समुदाय के लोगों द्वारा कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर धरना प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारियों ने जम्मू कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार से अपील की है कि उन्हें घाटी से बाहर भेजा जाए और जब तक सरकार इसके लिए क़दम नहीं उठाएगी, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि 5 अगस्त, 2019 से 9 जुलाई, 2022 तक जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के 128 जवान और 118 नागरिक मारे गए हैं. इन 118 लोगोंं में पांच कश्मीरी पंडित और 16 अन्य हिंदू/सिख समुदाय के थे.
23 शहरों में संवाददाता सम्मेलन कर कांग्रेस ने भाजपा के आतंकवादियों के साथ कथित ‘संबंधों’ का खुलासा करने वाली कई घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया कि भाजपा नागरिकों को राष्ट्रवाद का पाठ कैसे पढ़ाती है. पार्टी ने कहा कि उदयपुर और अमरावती में हुई हत्याओं सहित कई अन्य अपराधों में पकड़े गए व्यक्ति भगवा पार्टी से जुड़े थे.
कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने घाटी से स्थानांतरित किए जाने की मांग को लेकर बुधवार को जम्मू में राहत और पुनर्वास आयुक्त के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने कहा कि हमारे ख़ून, बच्चों को अनाथ होने और पत्नियों को विधवा करने की कीमत पर हमारा पुनर्वास न करें. एकमात्र समाधान घाटी के बाहर कहीं भी स्थानांतरित करना है.