कुपोषण से जूझ रहे ओडिशा में सरकार ने 2018 में एक योजना के तहत महिलाओं को घर के पास के तालाबों की सफाई के लिए सब्सिडी देते हुए मछली पालन में प्रशिक्षण दिया और मछली के बीज उपलब्ध कराए. आज वे महिलाएं मछली पालन से आजीविका के साथ-साथ पोषण का लाभ भी ले रही हैं.
झारखंड के आदिवासी बहुल इलाकों मेें आरएसएस पर्चे बांट रहा है जिसमें मतदाताओं से उस पार्टी को चुनने के लिए कहा गया है जो 'घुसपैठियों' की पहचान करने के लिए एनआरसी का वादा करती है, 'लव जिहाद' के लिए ज़िम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
बिहार सरकार द्वारा पिछले साल जाति जनगणना के बाद संशोधित आरक्षण अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति, ईबीसी और ओबीसी वर्गों के लिए आरक्षण सीमा 50%से बढ़ाकर 65% की गई थी. हाईकोर्ट ने इसे रद्द करते हुए इसे संविधान में दिए समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया था.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: सलमान रश्दी की हालिया किताब से एक बार फिर यह ज़ाहिर होता है कि उनका सबसे कारगर हथियार और सबसे विश्वसनीय कवच साहित्य ही रहा है, जहां उनकी भाषा और कल्पना सबसे टिकाऊ आश्रय पाती रही है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि 2023 में राज्य में 2,480 अवैध प्रवासियों का पता चला था, लेकिन पिछले साल 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद निर्वासित करने का अभियान बंद कर दिया गया था. इन आंकड़ों में म्यांमार से कामजोंग ज़िले में प्रवेश करने वाले अतिरिक्त 5,457 अवैध प्रवासियों को शामिल नहीं किया गया है.
नगालैंड और मिज़ोरम में लोकसभा की एक-एक सीट है, जिसके लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है. जहां नगालैंड में अलग राज्य की मांग प्रभावी है, वहीं मिज़ोरम में विधानसभा में करिश्मे की तरह उभरी ज़ोराम पीपल्स मूवमेंट आदिवासी समुदाय के मुद्दों की बात कर रही है. इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में मोदी जी का प्रचार और विज्ञापन दिखा, पूरा भाषण राजनीतिक था. भाषण में कोई दूरदर्शिता नहीं थी. दलितों, वंचित वर्गों और आदिवासियों के लिए सरकार क्या करने जा रही है, इसका कोई ज़िक्र नहीं किया गया था. बेरोज़गारी, महंगाई पर भी राष्ट्रपति जी कुछ नहीं बोलीं.
राम मंदिर आयोजन की चकाचौंध में ग्राहम स्टेंस की बर्बर हत्या और उसके निहितार्थों को याद करना भी मुनासिब नहीं समझा गया. जबकि इस बर्बर हत्याकांड में वह तमाम संकेत मिलते हैं, जिन्हें 21वीं सदी की बहुसंख्यकवादी राजनीति में भरपूर प्रयोग में लाया गया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार चुनावी मौसम में पुरानी विफल योजना का नाम बदलकर आदिवासी समुदाय को ‘धोखा’ देने की कोशिश कर रही है. साथ ही उन्होंने पूछा कि मोदी सरकार के दौरान आदिवासियों के विकास योजना पर किए जाने वाले ख़र्च में भारी कमी क्यों आई है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि असम समान नागरिक संहिता को लागू करेगा, लेकिन इसका स्वरूप अन्य भाजपा शासित राज्यों में अमल में लाए जा रहे मॉडल से अलग होगा. इसमें कुछ संशोधनों के साथ आदिवासी समुदाय को छूट दी जाएगी.
निर्वाचन आयोग के अनुसार, शाम क़रीब साढ़े सात बजे तक भाजपा 31 सीटें जीत चुकी है और 23 पर आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस के हिस्से में अब तक 18 सीटें आई हैं और 17 पर यह आगे चल रही है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
गुजरात सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश पारित किया है. इसके तहत 11 ज़िलों में 83,556 परिवारों के राशन कार्ड रद्द किए जाने हैं. यह क़दम 80,000 से अधिक आदिवासी परिवारों के पांच लाख से अधिक लोगों को उनके भोजन के मूल अधिकार से वंचित कर देगा.
ओडिशा के कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का ने लोकसभा में सवाल पूछा था कि केंद्र सरकार और उपयुक्त अधिकरणों के पास अनुसूचित जनजाति के दर्जे के कितने अनुरोध लंबित हैं. इस पर जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने सरकार के पास लंबित ऐसे अनुरोधों की संख्या बताने से इनकार कर दिया.
मंडला ज़िले की घुघरी तहसील के ओढ़ारी गांव में नर्मदा नदी पर बसनिया बांध प्रस्तावित है. बांध के चलते मंडला और डिंडौरी ज़िले के लगभग 31 आदिवासी बाहुल्य गांव डूब क्षेत्र में आएंगे और 2,700 से अधिक परिवार विस्थापित होंगे.