देश के पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों में उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की है, वहीं खतौली सीट पर राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार जीते हैं. छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर और राजस्थान की सरदारशहर सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि ओडिशा की पदमपुर सीट पर बीजू जनता दल को सफलता मिली है.
देश के पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के शुरुआती रुझानों में उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर भाजपा पिछड़ गई है. वहीं, बिहार की कुढ़नी सीट पर जदयू, छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में कांग्रेस, ओडिशा के पदमपुर में बीजद और राजस्थान की सरदारशहर सीट पर कांग्रेस आगे है.
11 जुलाई 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों के आयोजन पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पीठ ने इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए चार प्रमुख दलों- भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा को नोटिस जारी किया था, लेकिन नौ साल बाद भी न तो किसी दल ने और न ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने अदालत में कोई जवाब दाख़िल किया है.
बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह, बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले हुए हैं और पतंजलि के उत्पादों की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं. इसकी प्रतिक्रिया में कंपनी के निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने उन्हें क़ानूनी नोटिस भेजकर मीडिया के माध्यम से माफ़ी मांगने को कहा है.
पिछले दो दिनों में अयोग्य ठहराए गए विधायक आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ यह दूसरा मामला है. बीते एक दिसंबर को एक चुनावी सभा के दौरान महिलाओं के को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में उनके विरूद्ध मामला दर्ज किया गया था.
हिंदू महासभा ने 06 दिसंबर को मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह परिसर में 'लड्डू गोपाल' के जलाभिषेक और हनुमान चालीसा के पाठ की अनुमति मांगी है. वहीं, ज़िला प्रशासन ने अगले वर्ष 28 जनवरी तक बिना अनुमति के किसी भी राजनीतिक या धार्मिक संगठन द्वारा पांच से अधिक लोगों के एकत्र होकर सभा आदि करने पर रोक लगा दी है.
रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान एक रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार में आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों को झूठा बताते हुए कहा कि भाजपा विपक्षी दल के ख़िलाफ़ इतना कठोर बर्ताव न करे कि जब वह सत्ता में वापस आए तो बदला लेने लगे.
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने 2011 में यौन शोषण का मुक़दमा दर्ज कराया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 30 नवंबर को शाहजहांपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत में हाज़िर नहीं हुए.
अली सरदार जाफ़री को उनके अद्भुत साहित्य सृजन के साथ जीवट भरे स्वतंत्रता संघर्ष और अप्रतीम फिल्मी करिअर के लिए तो जाना ही जाता है. उर्दू व हिंदवी की नज़दीकियों, उर्दू में छंदमुक्त शायरी को बढ़ावा देने, सर्वहारा की दर्दबयानी और साम्यवाद के फलसफे के लिए भी याद किया जाता है.
कमलेश पासवान उत्तर प्रदेश में गोरखपुर ज़िले के बांसगांव क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं. साल 2008 में वह सपा में थे, तब गोरखपुर में विरोध प्रदर्शन करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री के पुतले को आग लगाने का प्रयास करने के लिए यह केस दर्ज किया गया था. अदालत ने सज़ा सुनाने के बाद उन्हें ज़मानत पर रिहा भी कर दिया.
शिकायतकर्ता पत्रकार मनीष पांडेय ने आरोप लगाया कि सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से गोरक्षनाथ मठ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक ट्वीट किया गया था, जिस पर उन्होंने मठ को लेकर इस तरह के पोस्ट न करने का आग्रह किया था. पांडेय ने दावा किया कि इसके बाद सपा के मीडिया सेल के हैंडल से उनके ख़िलाफ़ अपमानजनक पोस्ट किए गए थे. सपा ने गिरफ़्तार पत्रकार का उसके मीडिया सेल से कोई संबंध होने से इनकार किया है.
अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने छह दिसंबर को हम तय समय पर हनुमान चालीसा पाठ कर श्रीकृष्ण जन्मभूमि के वातावरण को पवित्र करेंगे और ऐसा कर हम हिंदू समाज को भगवान कृष्ण का जन्म स्थल शुद्ध रूप में सौंपना चाहते हैं.
घटना कानपुर शहर के ‘रॉयल गार्डन’ में आरोपी भाजपा नेता रामजी गुप्ता के भाई की शादी समारोह के दौरान हुई. पुलिस के अनुसार, गुप्ता ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से कथित तौर पर जश्न में गोली चलाई थी, जिससे बाउंसर सादिक़ क़ुरैशी की मौत हो गई.
अमेठी ज़िला बार एसोसिएशन ने अपने महासचिव उमा शंकर मिश्रा के माध्यम से जिला प्रशासन, नगर पालिका परिषद और अमेठी के गौरीगंज पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ एक जनहित याचिका लगाई थी, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने कथित तौर पर उनका घर तोड़ दिया था.
लोकसभा चुनाव के दौरान मार्च 2019 में तत्कालीन उप-ज़िलाधिकारी सदर ने बरेली-जलालाबाद मार्ग पर भाजपा प्रत्याशी अरुण सागर की प्रचार सामग्री को ज़ब्त किया था, जिसे बिना अनुमति लगाया गया था. इस मामले में शाहजहांपुर के कांट थाने में मुक़दमा दर्ज कराया गया था. कई बार समन के बावजूद भाजपा सांसद अदालत में हाज़िर नहीं हो रहे थे.