पिछले 11 महीने से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर की इनर मणिपुर लोकसभा सीट पर मतदान के दौरान हिंसा होने के साथ-साथ बूथ कैप्चरिंग के भी आरोप लग रहे हैं.
महाराष्ट्र के नागपुर में रामनवमी जुलूस के दौरान झंडा फाड़ने की अफवाह पर दो समूह आपस में भिड़ गए और एक-दूसरे पर पथराव किया. वहीं, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी के दौरान झड़पों में पुलिसकर्मियों सहित 18 लोग घायल हो गए.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंसा को सार्वजनिक अभिव्यक्ति का लगभग क़ानूनी माध्यम स्वीकार किया जाने लगा है. समाज उसे और उसके फैलाव को लेकर, उसके साथ जुड़े झूठों और घृणा को लेकर विचलित नहीं है. पढ़े-लिखे लोग उसे अवसर मिलते ही, उचित ठहराने लगे हैं.
वीडियो: उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा इलाके में बीते 8 फरवरी को कथित ‘अवैध मस्जिद और मदरसे’ के ध्वस्तीकरण के बाद हिंसा भड़क उठी थी. इस पूरे मामले को लेकर हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश से द वायर के याक़ूत अली की बातचीत.
वीडियो: उत्तराखंड में हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा इलाके में बीते 8 फरवरी को कथित ‘अवैध मस्जिद और मदरसे’ के ध्वस्तीकरण के बाद भड़की हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी. द वायर के याक़ूत अली ने इलाके के दौरा कर वहां रह रहे लोगों से बातचीत की और हालात का जायज़ा लिया.
हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में कथित ‘अवैध मस्जिद और मदरसे’ के ध्वस्तीकरण ने ज़िला प्रशासन की कार्यप्रणाली की कथित ख़ामियों को उजागर किया है. उत्तराखंड की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार को भी इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट करना है कि जहां तक अल्पसंख्यक अधिकारों का सवाल है, उनके अनुपालन में वह आज तक कितनी चुस्त रही है.
उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि बीते 8 फरवरी को हल्द्वानी में भड़की हिंसा के संबंध में तीन एफ़आईआर दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटों में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में, जहां हिंसा हुई थी, कर्फ्यू लगा हुआ है. कई निवासियों को ज़िले के अन्य हिस्सों में अपने रिश्तेदारों के यहां चले जाने की सूचना है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पौराणिक कल्पना में रसातल सबसे नीचे है पर कितना नीचे है इसका पता नहीं. देश की राजनीति में घटनाक्रम इतनी तेज़ी से बदलता रहता है कि लगता है कि वह नीचता के और तल पर नीचे उतर गया. रसातल अभी इतना दूर नहीं है.
नामसाई ज़िला प्रशासन ने एक आदेश में कहा कि खामती समुदाय के युवाओं और आदिवासी युवाओं के बीच झड़प के कारण क़ानून और व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है. स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है. अधिकारियों ने बताया कि ज़िले से होकर गुजरने वाली परशुराम कुंड तीर्थयात्रा मार्ग को भी बदल दिया गया है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: एक तरह का 'सभ्य अंधकार' छाता जा रहा है, पूरी चकाचौंध और गाजे-बाजे के साथ. लेकिन, नज़र तो नहीं आती पर बेहतर की संभावना बनी हुई है, अगर यह ख़ामख़्याली है तो अपनी घटती मनुष्यता को बचाने के लिए यह ज़रूरी है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: यह अभी कुछ बरस पहले अकल्पनीय था कि उदार और सम्यक दृष्टि और शक्तियां इतनी तेज़ी से हाशिये पर चली जाएंगी. यह क्यों-कैसे हुआ यह अलग से विचार की मांग करता है. इसके बावजूद अगर उम्मीद बची हुई है तो वह ज़्यादातर साहित्य और कलाओं जैसे सर्जनात्मक-बौद्धिक क्षेत्रों में ही.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: बर्बर और अमानवीय इजरायल गाज़ा में जो कर रहा है और जिस तरह से अनेक देश उसे चुप रहकर ऐसा करने दे रहे हैं, वे मनुष्यता और सभ्यता की विफलता के ताज़ा उदाहरण हैं.
फरवरी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की आरोपी छात्र कार्यकर्ता देवांगना कलीता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल कर कहा है कि उन्हें मामले में अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वीडियो और एक ग्रुप से संबंधित वॉट्सऐप चैट की ज़रूरत है. उन्होंने अदालत से इन्हें उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग की है.
पुस्तक समीक्षा: जेएनयू प्रोफेसर ब्रह्म प्रकाश की किताब 'बॉडी ऑन द बैरिकेड्स- लाइफ, आर्ट एंड रेसिस्टेंस इन कंटेंपररी इंडिया’ पन्ना-दर-पन्ना समझाती है कि फासीवाद के इस दौर में कभी भूमि सुधार की मांग करने वाले लोग अब राज्य द्वारा उनके घरों पर बुलडोजर चलाने के आपराधिक कृत्य का विरोध तक नहीं कर पा रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू कश्मीर में पिछले चार वर्षों में हथियारों, गोला-बारूद, आईईडी और डेटोनेटर की सबसे ज़्यादा बरामदगी हुई है. साल 2018 में 275, 2019 में 185, 2020 में 453, 2021 में 364, 2022 में 485 और इस साल 67 हथियार बरामद किए गए हैं.