13 अप्रैल को विजयवाड़ा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने कथित तौर पत्थर फेंका, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को बाईं आंख के ठीक ऊपर चोट लगी. निर्वाचन आयोग ने इसे लेकर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को घटना और हमले के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल के व्यापक जाति-आधारित सर्वे को मंज़ूरी देने के बाद सरकार ने एक बयान में कहा कि इसका उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले वर्गों पर विशेष ध्यान देने के साथ आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक, आजीविका और जनसंख्या डेटा पर प्राथमिक जानकारी इकट्ठा करना है.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मार्च 2022 में मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के तीन राजधानियां बनाने के प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए उसे अमरावती को राज्य की राजधानी के रूप में विकसित करने का आदेश दिया था. सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. नवंबर 2022 में शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश पर 31 जनवरी, 2023 तक के लिए रोक लगा दी थी.
मामला आंध्र प्रदेश की तीन राजधानी बनाने का है, जिस पर हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य विधायिका राजधानी स्थानांतरित करने, उसका विभाजन करने संबंधी अर्हता नहीं रखती. वहीं, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का कहना कि उनकी सरकार तीन अलग-अलग राजधानी स्थापित कर विकेंद्रीकरण की योजना पर आगे बढ़ेगी.
जनवरी 2020 में विपक्ष के विरोध के बीच आंध्र प्रदेश विधानसभा ने विकेंद्रीकृत विकास के उद्देश्य का दावा करते हुए राज्य में तीन राजधानियां- विशाखापत्तनम, कर्नूल और अमरावती बनाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से यह विचार रखा गया, इसे लेकर ग़लतफ़हमी और क़ानूनी बाधाएं पैदा की गईं.
भारती सीमेंट कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी के परिवार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है और उनकी पत्नी कंपनी की निदेशक हैं. अप्रैल 2020 से 18 जनवरी 2021 तक राज्य द्वारा सीमेंट की ख़रीद के लिए दिए गए कुल ऑर्डर में से 14 फीसदी इस कंपनी को मिले हैं.
सुप्रीम कोर्ट आंध्र प्रदेश सरकार की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा राज्य में संवैधानिक संकट होने या नहीं होने की जांच करने का आदेश दिए जाने को चुनौती दी गई है.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक शिकायत में कहा था कि राज्य में अहम पदों पर बैठे कुछ महत्वपूर्ण लोगों ने जानबूझकर सुप्रीम और हाईकोर्ट के कुछ जजों पर आदेश सुनाने में जाति व भ्रष्टाचार संबंधी आरोप लगाए. हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच राज्य सीआईडी से लेकर सीबीआई को सौंप दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दर्ज तीन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने न केवल न्यायपालिका के ख़िलाफ़ आरोप लगाते हुए सीजेआई को पत्र लिखा, बल्कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में झूठे बयान भी दिए.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि पत्र की टाइमिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये इसे सार्वजनिक करना बिल्कुल संदिग्ध कहा जा सकता है. पर ये पत्र सीजेआई बोबडे को लिखा गया था और वे इन आरोपों से वाक़िफ हैं, इसलिए अटॉर्नी जनरल द्वारा अवमानना कार्यवाही की इजाज़त देना उचित नहीं होगा.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने पिछले दिनों देश के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ जस्टिस एनवी रमन्ना उनकी सरकार गिराने की साज़िश कर रहे हैं और राज्य के हाईकोर्ट की पीठों को प्रभावित कर रहे हैं.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज एनवी रमन्ना उनकी सरकार को गिराने की साज़िश कर रहे हैं.
वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर न्यायपालिका पर की गईं टिप्पणियों की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि अप्रैल से ही उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा जजों के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं. यह दर्शाता है कि न्यायपालिका के ख़िलाफ़ जंग छेड़ दी गई है.
मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने सीजेआई एसए बोबड़े को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना पर भ्रष्टाचार और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू की ओर से उनकी सरकार गिराने की साज़िश रचने के आरोप लगाए हैं. जगन का यह भी आरोप है कि जस्टिस रमन्ना राज्य की न्यायपालिका को प्रभावित कर रहे हैं.
यह हादसा विशाखापत्तनम के गोपालपत्तनम इलाके में स्थित एलजी पॉलिमर संयंत्र को दोबारा खोलने के दौरान हुआ. हादसे के शिकार हुए 20-25 लोगों की हालत नाजुक है. संयंत्र के तीन किमी के दायरे से 200 से 250 परिवारों के लगभग 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.