नवाबों का शहर फ़ैज़ाबाद, अब उस अयोध्या नगर निगम का अनाम-सा हिस्सा है, जिसके ज़्यादातर वॉर्डों के पुराने नाम भी नहीं रहने दिए गए हैं. नवाबों के काल की उसकी दूसरी कई निशानियां भी सरकारी नामबदल अभियान की शिकार हो गई हैं. हालांकि अब भी ग़ुलामी के वक़्त के तमाम नाम नज़र आते हैं, जो सरकार को नज़र नहीं आते.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
‘दिव्य’ अयोध्या में भी बदहाली झेल रहे आचार्य नरेंद्रदेव नगर रेलवे स्टेशन को आख़िर बंद कर दिया गया. विपक्षी दल इसे आचार्य की कर्मभूमि में उनकी स्मृतियों का ध्वंस बताते हुए आरोप लगा रहे हैं कि सत्ताधीशों ने शहर में आचार्य को इतनी-सी जगह न देकर न सिर्फ उनके बल्कि समाजवाद के प्रति भी घृणा प्रदर्शित की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आगमन की तैयारियां भी रामलला के स्वागत की तैयारियों से कमतर नहीं हैं. स्ट्रीट लाइट्स पर मोदी के साथ भगवान राम के कट-आउट्स लगे हुए हैं, जिनकी ऊंचाई पीएम के कट-आउट्स से भी कम है. यह भ्रम होना स्वाभाविक है कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम आएंगे या प्रधानमंत्री मोदी को आना है?
जहां तक धार्मिक आस्थाओं की बात है, उन्हें यों भी समझ सकते हैं कि प्राय: सभी धार्मिक समूहों में ऐसी पवित्र पुस्तकें और बानियां हैं, जिन्हें परमेश्वरकृत ‘परम प्रामाणिक सत्य’ माना जाता है. इनमें आस्था इस सीमा तक जाती है कि उनमें जो कुछ भी कहा या लिखा गया है, वही संपूर्ण सत्य और ज्ञान है और जो उनमें नहीं है, वह न सत्य है, न ज्ञान.
अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर चौतरफा माहौल के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि ऐसे समय में जब आस्था और राजनीति के बीच की रेखाएं पहले से कहीं अधिक धुंधली हो गई हैं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कैसे योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मठ की ‘समावेशिता की विरासत’ को ख़त्म कर दिया.
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटित अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन से महज़ पांच किलोमीटर दूर स्थित इसी शहर में आने वाला आचार्य नरेंद्र देव नगर रेलवे स्टेशन बदहाल है. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले जगमग कर रही अयोध्या की चमक इस स्टेशन तक नहीं पहुंच पाई है, जो सामान्य यात्री सुविधाओं, साफ-सफाई और रंग-रोगन से भी वंचित है.
उत्तर प्रदेश के एटा ज़िले में एक कार्यक्रम के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का काम जनता को धोखा देना है. भाजपा पहले दिन से ही राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि धोखा देना भाजपा का व्यवहार, व्यवसाय और रणनीति है. यह लोगों के अधिकार और सम्मान को छीनने का काम कर रही है.
उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-49 थाना क्षेत्र के तहत आने वाले होशियारपुर गांव के निवासी रामपत यादव को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि पांच-छह महीने पहले तक परिवहन क्षेत्र में काम करने वाले यादव ने कहा है कि उन्हें उनकी टिप्पणियों पर खेद है.
2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या में मूर्तियों की स्थापना की बेहद महत्वाकांक्षी राजनीति भी शुरू की थी. हालांकि अपने अंतर्विरोधों के कारण यह राजनीति अब कई मायनों में उसके लिए फांस बनती दिख रही है.
आज अयोध्या की ‘बड़ी-बड़ी’ बातों ने कई ‘छोटी’ बातों को इतनी छोटी कर डाला है कि वे न पत्रकारों को नज़र आती हैं, न सरकारी अमले को. ऐसे में उन आम अयोध्यावासियों की तकलीफें अनदेखी की शिकार हैं, जो ‘ऊंची उड़ानों’ पर नहीं जाना चाहते या जिन्हें उन उड़ानों के इंतज़ामकार अपने साथ नहीं ले जाना चाहते.
बीते महीने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जन स्वास्थ्य का हवाला देते हुए हलाल सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाने वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी. हालांकि, ऐसे उत्पाद में क्या ग़लत है, स्वास्थ्य की दृष्टि से क्या नुकसान हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित पार्टी की वार्षिक योगदान रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने 2022-23 में 719.83 करोड़ रुपये चंदा मिलने की घोषणा की है. इसमें वह राशि शामिल नहीं है जो पार्टी को चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिली है.
वीडियो: हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाने वाले उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने कहा था कि हलाल प्रमाणीकरण वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.
बीते 18 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाने वाले उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब सरकार ने 92 राज्य-आधारित निर्माताओं को निर्देश दिया है, जो अपने माल के लिए ग़ैर-प्रमाणित संगठनों से हलाल प्रमाणीकरण प्राप्त कर रहे थे, ताकि वे यूपी के भीतर अपने उत्पादों को वापस ले सकें या उन्हें दोबारा पैक करें.