इलाहाबाद में पुलिस हिरासत में हुई अतीक़ अहमद और उनके भाई की हत्या से जुड़ी याचिकाएं सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को छह सप्ताह के अंदर योगी आदित्यनाथ के पिछले छह वर्षों के कार्यकाल में हुए पुलिस एनकाउंटर में हुई 183 मौतों की जांच की स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 से 2021-2022 की अवधि में 'पुलिस कार्रवाई' में 162 व्यक्ति मारे गए, जबकि 2012 से 2017 तक 41 लोगों की जान गई थी.
उत्तर प्रदेश में गृह विभाग का प्रभार संभालने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया है कि 2017 से अब तक 35 लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया है, जिनमें से चार की मौत हुई है.
महाराष्ट्र में जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन मुस्लिम यात्रियों की हत्या करने वाले आरपीएफ कॉन्स्टेबल की मानसिक स्थिति को लेकर रेलवे की ऊहापोह से पहले आरोपी की रिमांड कॉपी में उसके द्वारा हत्याओं के बाद दिए गए सांप्रदायिक भाषण का ज़िक्र नहीं था.
पुलिस हिरासत के दौरान इलाहाबाद में हमलावारों द्वारा मार दिए गए गैंगस्टर-राजनेता अतीक़ अहमद के वकील विजय मिश्रा को 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह वकील उमेश पाल की हत्या के मामले में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने दावा किया कि अतीक़ के बेटों मोहम्मद उमर और मोहम्मद अली की भी इसमें भूमिका थी.
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट से चार बार विधायक रहे राज्यसभा सदस्य डाॅ. राधा मोहन दास अग्रवाल को भाजपा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है. यहीं से पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शिव प्रताप शुक्ल को इसी साल हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था. ये दोनों नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क़रीबी नहीं रहे हैं, ऐसे में उनकी तरक्की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने सपा से सांसद रहीं पूर्व दस्यु फूलन देवी की हत्या की सीबीआई जांच कराने के साथ ही उनके नाम पर आत्मरक्षा केंद्र स्थापित करने की भी मांग की है. साल 2001 में फूलन देवी की दिल्ली में उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में ‘निषाद महाकुंभ’ का आयोजन भाजपा नेता जय प्रकाश निषाद द्वारा किया जा रहा है. इस आयोजन ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल भाजपा और निषाद पार्टी के बीच की खींचतान को एक बार फिर सबके सामने लाकर रख दिया है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान पर आरोप था कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक जनसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन ज़िला मजिस्ट्रेट के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण दिया था. पिछले छह महीने में यह तीसरा मामला है, जिसमें आज़म ख़ान को सज़ा हुई है.
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के बावजूद राज्य सरकार तब जागी, जब बड़ी संख्या में लोगों की मौत मीडिया के ज़रिये सामने आई. सरकार ने लू के कारण कोई भी मौत होने की बात से इनकार किया है और साल 2017 में हुए गोरखपुर के ऑक्सीजन त्रासदी के बाद अपनाई गई ‘इनकार नीति’ पर चल रही है.
तेज़ गर्मी से बिहार के भोजपुर ज़िले में एक दिन में 25 मौतें होने की ख़बर है, वहीं यूपी के बलिया में ज़िला अस्पताल में पिछले 48 घंटे में आठ और लोगों की मौत होने की सूचना है. देवरिया, आज़मगढ़ और वाराणसी के अस्पतालों में भी गर्मी के चलते मौतों के मामले सामने आए हैं.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के दो ज़िलों- बलिया और देवरिया में बीते सप्ताहभर में क़रीब सौ लोगों की मौत की ख़बर सामने आई है. मौतों की वजह की जांच की जा रही है लेकिन शुरुआती तौर पर कहा गया था कि क्षेत्र में पड़ रही तेज़ गर्मी और लू इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बलिया ज़िला अस्पताल में लोगों की मौत होने का सिलसिला जारी है. अधिकारियों का दावा है कि अब तक इन मौतों को लू से जोड़ने के लिए कोई ‘ठोस सबूत’ नहीं मिले हैं. सरकार ने मौतों को लू से जोड़ने के लिए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटा दिया है.
उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िला अस्पताल में चार दिन में हुईं 57 मौतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. सरकार ने इन मौतों को लू से जोड़ने के लिए अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को हटा दिया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि अब तक ज़िले में लू से सिर्फ़ दो लोगों की मौत हुई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने ‘अहिंसक और गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के लिए अपने उत्कृष्ट योगदान’ के लिए गीता प्रेस का चयन किया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने फैसले की आलोचना करने के लिए कहा कि यह फैसला ‘सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने’ जैसा है.