मार्च 2011 में सुकमा ज़िले के तीन गांवों में आदिवासियों के घरों में आग लगाई गई थी. पांच महिलाओं से बलात्कार हुआ और तीन ग्रामीणों की हत्या हुई थी. इसका आरोप पुलिस पर लगा था. सीबीआई की एक रिपोर्ट में भी विवादित पुलिस अधिकारी एसआरपी कल्लूरी और पुलिस को ज़िम्मेदार बताया गया था, लेकिन हाल ही में विधानसभा में पेश एक रिपोर्ट बताती है कि मामले में पुलिस को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया.
यह मामला बैंक द्वारा दिए गए एक फ़र्ज़ी ऋण से संबंधित है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 2011 और 2013 के बीच नियमों का उल्लंघन कर जाली दस्तावेज़ों के आधार पर आरईआई एग्रो समूह को 800 करोड़ रुपये का क़र्ज़ दिया गया. सीबीआई ने इस कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया है.
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में बैंक जालसाजी के करीब 50,000 करोड़ रुपये के 100 से अधिक मामले लंबित हैं और और राज्य सरकारें जांच के लिए अनुमति नहीं दे रही हैं. उन्होंने कहा कि अकेले मुंबई में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक जालसाज़ी के मामले लंबित हैं.
देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली को-लोकेशन सुविधा में ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख सकते हैं, जिससे उनकी बाज़ारों तक तेज़ी से पहुंच हो सके. यह आरोप लगाया गया है कि कुछ ब्रोकर ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग करके अप्रत्याशित लाभ कमाया है.
आम सहमति वापस लेने का अर्थ है कि सीबीआई मेघालय में अब किसी भी मामले की जांच राज्य सरकार की अनुमति के बिना नहीं कर पाएगी. विपक्ष द्वारा शासित राज्यों का आरोप है कि सीबीआई केंद्र की कठपुतली बन गई है. हालांकि मेघालय में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग सरकार होने के बावजूद ऐसा फैसला लिया गया है. फैसले के पीछे मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के भाई पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को वजह बताया जा रहा है.
बाजार नियामक सेबी की जांच में पता चला कि देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण नियमों का उल्लंघन करते हुए बाज़ार के वित्तीय अनुमानों, व्यावसायिक योजनाओं और बोर्ड के एजेंडे सहित महत्वपूर्ण जानकारियां एक कथित आध्यात्मिक गुरु से साझा करती थीं. उन पर आनंद सुब्रमनियन को अपना सलाहकार और समूह संचालन अधिकारी के रूप में नियुक्त करने में नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोप है.
कोर्ट ने चारा घोटाला के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा पूर्व सांसद आरके राणा को भी पांच वर्ष क़ैद और 60 लाख रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है. पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस को 4 साल कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने का दंड मिला है.
सीबीआई ने करोड़ों रुपये के व्यापमं घोटाले से संबंधित साल 2013 के प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में धांधली करने के आरोप में 160 और आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र अदालत में दाख़िल किया है. इनमें प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष भी शामिल हैं. इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 650 आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र विशेष अदालत में दाख़िल किए जा चुके हैं.
सीबीआई ने गुजरात की जहाज निर्माता कंपनी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, इसके पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल और अन्य पर एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह के साथ 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया है. इसके बाद ईडी ने भी इन सभी के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है.
सीबीआई अदालत ने राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के अलावा 74 अन्य को चारा घोटाले से जुड़े 139.5 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार गबन मामले में दोषी ठहराया है. लालू को चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सज़ा सुनाई जा चुकी है. इनके अलावा बांका-भागलपुर कोषागार से अवैध रूप से धन की निकासी से संबंधित एक और मामला सीबीआई पटना के समक्ष लंबित है.
सीबीआई ने बीते सात फरवरी को गुजरात की जहाज निर्माता कंपनी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, इसके पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल और अन्य पर एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह के साथ 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया था. भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि एबीजी को संप्रग के कार्यकाल में ऋण दिए गए, हमारी सरकार ने कार्रवाई की.
सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों- लखन वर्मा और राहुल वर्मा के ख़िलाफ़ धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या करने और साक्ष्य छिपाने से जुड़ीं धाराओं में आरोप तय किए. धनबाद के जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
तमिलनाडु में तंजावुर के मिशनरी स्कूल की 17 वर्षीय छात्रा अरियालुर जिले की रहने वाली थी. 12वीं की इस छात्रा ने बीते नौ जनवरी को जहर खा लिया था और 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई थी. आरोप है कि छात्रावास में रह रही इस छात्रा को कथित रूप से धर्म परिवर्तन करके ईसाई धर्म अपनाने के लिए बाध्य किया गया था.
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी कर रहे झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि एजेंसी अब इस मामले से थक गई है और अपना पीछा छुड़ाने के लिए नई कहानी गढ़ रही है. जांच ऐसी दिशा में जा रही है जिससे लगता है कि वह ख़ुद आरोपियों को बचा रही है.
सरकार का यह क़दम अक्टूबर 2020 में कथित टीआरपी घोटाले के बाद रेटिंग के निलंबन के साल भर बाद आया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीआरपी सेवाओं के उपयोग के लिए ‘रिटर्न पाथ डेटा’ क्षमताओं का लाभ उठाने पर विचार के लिए प्रसार भारती के सीईओ की अध्यक्षता में एक ‘कार्य समूह’ का गठन भी किया है.