केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2020 में पेश की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक उद्देश्य छात्रों पर शैक्षणिक तनाव को कम करना है. 2025-26 शैक्षणिक सत्र से छात्रों को 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में दो बार बैठने का मौका मिलेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर हो.
महाराष्ट्र स्कूल शिक्षा विभाग ने एक गजट अधिसूचना में कहा है कि ऐसे निजी स्कूल जो सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूल के एक किलोमीटर के दायरे में आते हैं, वे वंचित समूह और कमज़ोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कोटे के तहत एडमिशन देने के लिए बाध्य नहीं होंगे. कुछ लोगों ने नियमों में इस बदलाव के लिए राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने राज्य के नर्सिंग कॉलेजों की जांच की थी. 26 अप्रैल 2023 को इस संबंध में जांच का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि कुछ कॉलेजों को ‘अवैध तरीके’ से मान्यता दी गई है और यह ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पतालों में असंख्य रोगियों के जीवन को ख़तरे में डाल रहा है.
हिंदुत्ववादी संगठन ‘कुटुंब सुरक्षा परिषद’ द्वारा जारी अल्टीमेटम में यीशु और मैरी की प्रतिमाओं और तस्वीरों के साथ-साथ स्कूल परिसरों में स्थित चर्चों को भी हटाना शामिल है. संगठन ने दावा किया है कि इस क़दम का उद्देश्य ‘ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण गतिविधियों के लिए स्कूलों का उपयोग करने से रोकना’ है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े भारत अंतरिक्ष सप्ताह ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर राज्य के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘राम अंतरिक्ष वेदशाला’ के हिस्से के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था.
श्री मुंबई जैन संघ संगठन और भारतीय जनता पार्टी के आध्यात्मिक सेल के सदस्यों ने कथित तौर पर मिड-डे मील में अंडे परोसे जाने का विरोध किया था. जैन संघ के ट्रस्टियों द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक ज्ञापन दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने बीते 24 जनवरी को इस संबंध में एक नया प्रस्ताव जारी किया है.
कथित संस्थागत जातिगत भेदभाव के कारण रोहित वेमुला और पायल तड़वी की आत्महत्या को लेकर उनकी माताओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर यूजीसी ने इस मामले को देखने के लिए 9 सदस्यीय समिति का गठन किया था. हालांकि समिति के सदस्यों के पास भेदभाव से निपटने का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन वे भाजपा से निकटता रखते हैं.
अनुसूचित जाति और जनजाति पर गठित संसदीय समिति को सौंपे गए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का डेटा बतात है कि 2018 में दिल्ली एम्स में 16 सीनियर फैकल्टी पद ख़ाली रहे क्योंकि चयन समिति ने एससी/एसटी और ओबीसी के 'उम्मीदवारों को उपयुक्त नहीं' पाया. 2022 में ऐसे 12 पद और खाली रहे थे.
एनआईटी, कालीकट की एक प्रोफेसर ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर फेसबुक पर लिखा था कि 'भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है.' तब से छात्र संगठन उनका विरोध कर रहे हैं. अब चौंकाने वाले क़दम में आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोडसे की प्रशंसा के विरोध में उतर आई है.
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित केंद्रीय भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं पर लागू होता है. सभी केंद्रीय मंत्रालय और विभाग, साथ ही उनके भर्ती कार्यालय भी नए क़ानून के पारित होने पर उसके दायरे में आएंगे.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कालीकट की प्रोफेसर डॉ. ए. शैजा ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर एक फेसबुक पोस्ट के कमेंट में लिखा था कि 'भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है.'
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केंद्र द्वारा आयोजित नाटक 'रामलीला' विभिन्न भूमिकाएं निभाने वाले अभिनेताओं की मंच के पीछे की जाने वाली बातचीत पर आधारित था. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता द्वारा दर्ज कराई एफआईआर में इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया गया है.
क्या भाजपा सरकार 'योग्य उम्मीदवार' न मिलने का बहाना बनाकर रफ़्ता-रफ़्ता इस संविधानप्रदत्त अधिकार को ख़ारिज करने की योजना बना रही है?
मुंबई के भारतीय जनसंख्या अध्ययन संस्थान (आईआईपीएस) के कुछ बहुजन छात्रों ने परिसर में अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाने को लेकर निदेशक को गोपनीय तौर पर पत्र लिखा था. हालांकि, पत्र लिखने वालों के नाम लीक हुए और एक को उसके वॉट्सऐप स्टेटस को लेकर गिरफ़्तार किया गया.
30 जनवरी की शाम वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा आयोजित गांधी की श्रद्धांजलि सभा को विश्वविद्यालय प्रशासन ने इजाज़त न लिए जाने का हवाला देकर रोक दिया. छात्रों का कहना है कि वे विद्यार्थियों के लिए निर्दिष्ट जगह पर सभा कर रहे थे, जिसके लिए प्रशासनिक अनुमति अनिवार्य नहीं है.