मेघालय हाईकोर्ट राज्य में कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी से 877 नवजात शिशुओं और 61 मांओं की मौत पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
त्रिपुरा में भाजपा विधायक शंभूलाल चकमा ने कथित तौर पर विधानसभा में सरकार द्वारा संचालित मदरसों को बंद करने की मांग करते हुए कहा था कि वहां आतंकवादी और असामाजिक तत्व तैयार किए जाते हैं. उनके बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने कहा कि भाजपा के शासन में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. पार्टी के सत्ता में आने से पहले इस तरह की स्थिति कभी नहीं आई.
आरोप है कि गुवाहाटी हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान कूल्हे का प्रतिरोपण कराकर व्हीलचेयर पर जा रही 80 वर्षीय महिला यात्री के कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई. सीआईएसएफ ने कहा है कि उसने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच शुरू कर दी है और अपनी महिला कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया है.
असम के कछार ज़िले में उधारबंद के थालीग्राम गांव में रहने वाले श्यामा चरण दास के ख़िलाफ़ 2015 में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन मई 2016 में उसकी मृत्यु हो गई थी. परिवार ने इस संबंध में मृत्यु प्रमाण पत्र जमा किया था और उसी साल सितंबर में इसी अधिकरण के सदस्य ने दास का मामला बंद कर दिया था.
भाजपा की एस. फांगनोन कोन्याक नगालैंड से राज्यसभा पहुंचने वाली पहली महिला होंगी. कोन्याक दूसरी नगा महिला सांसद भी होंगी. साल 1963 में राज्य के गठन के बाद से नगालैंड को केवल एक महिला सांसद रानो एम. शैज़ा मिली थीं, जो 1977 में लोकसभा के लिए चुनी गई थीं.
तिपरा मोठा प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देवबर्मन का यह बयान आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी वोट बैंक तैयार करने के लिए त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट की नेता पाताल कन्या जमातिया के भाजपा में शामिल होने के बाद आया है.
मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है. मुख्यमंत्री के साथ जिन पांच कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें भाजपा से थोंगम बिश्वजीत सिंह, युमनाम खेमचंद सिंह, गोविंददास कोंथोजम, नेमचा किपगेन और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के आंगबो न्यूमाई शामिल हैं.
मणिपुर के राज्यपाल ने भाजपा विधायक दल के नेता और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है. भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के पास 60 सदस्यीय विधानसभा में कई दलों के समर्थन के बाद 41 सदस्य हो गए हैं, जो दो तिहाई बहुमत है.
कुकी पीपुल्स अलायंस के प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने अपने दो नवनिर्वाचित विधायकों के साथ मणिपुर के राज्यपाल को पार्टी की ओर से समर्थन-पत्र सौंपा है. हाल ही में संपन्न हुए राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी ने केवल दो उम्मीदवार उतारे थे और दोनों ही जीतने में सफल रहे. वहीं भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटों पर जीत हासिल की है.
भाजपा की उम्मीदवार नेमचा किपगेन ने एक बार फिर कांगपोकपी निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की. इसके अलावा चार अन्य महिलाओं ने जीत दर्ज की, जिनमें चंदेल से एसएस ओलीश (भाजपा), सैकुल से किमनेओ हाओकिप हांगसिंह (कुकी पीपुल्स अलायंस), ओइनम से इरेंगबाम नलिनी देवी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) और नौरिया पखांगलाक्पा से सगोलशेम केबी देवी (भाजपा) शामिल हैं.
असम विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल जगदीश मुखी के संबोधन के दौरान निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने एक लाख युवाओं को रोज़गार, किसानों से धान की ख़रीद, स्वदेशी मूल के लोगों को ज़मीन का अधिकार देने और जलापूर्ति योजना में भ्रष्टाचार जैसे अन्य मुद्दे उठाने की कोशिश की थी. राज्यपाल के भाषण के बाद उनका निलंबन वापस ले लिया गया.
मणिपुर के 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 32 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. नेशनल पीपुल्स पार्टी सात सीटों पर जीत हासिल की. जदयू सात सीटों पर विजयी रही, जबकि 2017 में 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी कांग्रेस को इस बार महज़ पांच सीटों जीतकर संतोष करना पड़ा.
मणिपुर के विधानसभा चुनाव में अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की है और चौदह पर आगे चल रही है. रुझानों से साफ हो गया है कि भाजाप बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है. हेनगांग से जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि भाजपा समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन एनपीपी की मदद नहीं ले सकती.
आरोप है कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि पिछले साल सितंबर में दरांग जिले के गरुखुटी गांव में किया गया बेदखली अभियान बदले की कार्रवाई था. इन बेदखली अभियानों में से एक के दौरान 23 सितंबर को गरुखुटी में पुलिस की फायरिंग में 12 साल के बच्चे सहित दो स्थानीय लोगों की मौत हुई थी.
1972 में मेघालय को असम से अलग कर राज्य बनाया गया था. दोनों राज्यों के बीच समस्या तब शुरू हुई जब मेघालय ने 1971 के असम पुनर्गठन अधिनियम को चुनौती दी, जिसने मिकिर हिल्स या वर्तमान कार्बी आंगलोंग क्षेत्र के ब्लॉक एक-दो को असम को दे दिया. वर्तमान में 733 किलोमीटर लंबी सीमा पर विवाद के 12 बिंदु हैं.