लद्दाख: शिलान्यास पट्टिकाओं पर केवल भाजपा सांसद और पार्षदों के नाम लिखे जाने पर विवाद

लद्दाख के करगिल ज़िले में भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया है. हालांकि, जिन निर्वाचित पार्षदों के क्षेत्र में उक्त परियोजनाएं शुरू की गईं, उनके नाम शिलान्यास पट्टिकाओं पर न देकर नज़दीकी निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा पार्षदों के नाम लिखे गए हैं.

हिंदी के प्रति इतनी हिकारत कहां से आई?

इंदौर में हिंदी माध्यम से पढ़ाई करके आई एक इंजीनियरिंग छात्रा ने भाषा को लेकर मज़ाक उड़ाए जाने से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली. क्या इससे समझा जा सकता है कि छात्र अपनी मातृभाषा में ही ‘अपना सर्वश्रेष्ठ’ दे सकते हैं और उन पर शिक्षा का गैर-मातृभाषा माध्यम थोपकर कितनी प्रतिभाओं का संहार कर दिया जा रहा है!

महाकाल लोक में गिरी मूर्तियों को लेकर कांग्रेस का भ्रष्टाचार का आरोप भाजपा को कितना भारी पड़ेगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर परिसर में करोड़ों की लागत से बने 'महाकाल लोक कॉरिडोर' के लोकार्पण के समय इसकी तुलना सैकड़ों साल पुराने दक्षिण भारतीय मंदिरों से की थी. विडंबना यह है कि इसी परिसर में लगी मूर्तियां लोकार्पण के महज़ सात महीने बाद आंधी में गिर गईं.

‘मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की ज़रूरत; हिंसा थमने के बाद संवाद के ज़रिये भरोसा कायम हो’

मणिपुर विधानसभा के पूर्व सभापति और पूर्व कांग्रेस विधायक हेमोचेंद्र सिंह ने राज्य में भड़की हिंसा को शांत करने, क़ानून व्यवस्था बहाल करने के साथ-साथ लोगों के बीच विश्वास एवं सद्भाव बनाने के लिए अपनाए जाने योग्य ज़रूरी क़दमों के बारे में वरिष्ठ पत्रकार करण थापर के साथ चर्चा की है.

क्यों शांत रहने वाले उत्तराखंड को सांप्रदायिकता की आग में झोंका जा रहा है

2021 में होने वाली जनगणना अब तक नहीं हुई मगर उत्तराखंड में धर्म विशेष के लोगों की आबादी बढ़ने के फ़र्ज़ी आंकड़े सरेआम प्रचारित हो रहे हैं. उधर, राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की फटकार की परवाह न करते हुए कभी धर्मांतरण क़ानून, कभी समान नागरिक संहिता, तो कभी 'लैंड जिहाद' के नाम पर सांप्रदायिक तत्वों को हवा दे रही है. 

क्या रेलवे को लेकर मोदी सरकार के प्रचार अभियान बुनियादी सुविधाओं पर भारी पड़ रहे हैं?

सेमी-हाई स्पीड वंदेभारत एक्सप्रेस, या इसी तरह की अन्य 'ट्रॉफी' राष्ट्रीय प्रतिष्ठा की भावना को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार का एक और तरीका हो सकते हैं, लेकिन क्या इस तरह के प्रोपगेंडा को महत्वपूर्ण मुद्दों पर तरजीह दी जानी चाहिए?

…और सुबह-ए-बनारस है रुख़-ए-यार का परतव

बनारस का ज़िक्र इसकी सुबहों के बिना अधूरा है. जहां शाम-ए-अवध इतिहास के उतार-चढ़ावों के बीच कई बार बदलने को मजबूर हुई, सुबह-ए-बनारस जाने कितनी सदियों से वैसी ही है. सूरज की पहली किरण गंगा को छूती हुई घाटों का स्पर्श करती है तो वे सोने के लगने लगते हैं और चिड़ियों की चहचहाहट सुहागे का काम करती है.

क्या कर्नाटक की जीत से आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है?

कर्नाटक की जीत से कांग्रेस और विपक्षी दलों की एकता को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए निश्चित तौर पर संजीवनी मिल गई है. लेकिन उन्हें इस बात को भी समझना होगा कि भाजपा के वोट प्रतिशत में कोई ख़ास नुकसान नहीं हुआ है.

नेहरू ने सेंगोल को संग्रहालय में रखवाकर उसका तिरस्कार नहीं किया था

जवाहरलाल नेहरू ने आज़ादी के समय तमिलनाडु के अधीनम (शैव मठ) के पुराहितों के द्वारा सेंगोल को तो ले लिया, लेकिन उसके पीछे के विचार से असहमति के कारण उसको संग्रहालय में रखवा दिया, ताकि भविष्य में अध्येता यह समझ सकें कि भारतीय जनतंत्र का जन्म अनेक परस्पर विरोधी विचारों के बीच हुआ है.

नरेंद्र मोदी स्टेडियम को विश्वस्तरीय बताने का अमित शाह का दावा एक ही बारिश में धुल गया!

अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम को उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने विश्व के अत्याधुनिक स्टेडियम में से एक बताया था. लेकिन, इस अत्याधुनिकता की पोल बीते दिनों आईपीएल के फाइनल मैच के दौरान खुली, जब बारिश के बाद मैदान को सुखाने के लिए बाल्टी और स्पंज का सहारा लिया गया.

कौन हैं अयोध्या के वे ‘संत’, जो यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह का बचाव कर रहे हैं?

पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन में अयोध्या के 'संतों' का एक समूह मुखर है और आरोप लगाने वाली महिलाओं का विरोध कर रहा है. साथ ही पॉक्सो क़ानून को 'दोषपूर्ण' बताते हुए इसमें बदलाव की मांग भी उठा रहा है.

बृजभूषण की अयोध्या रैली के लिए भाजपा नेताओं ने समर्थन जुटाया; संत बोले- पॉक्सो का विरोध करेंगे

पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह अयोध्या में 5 जून को एक ‘जन चेतना महारैली’ का आयोजन करने वाले हैं. इससे पहले वह अपने प्रभाव वाले देवीपाटन क्षेत्र के में भीड़ को लामबंद कर रहे हैं. क्षेत्र के विधायकों के साथ संतों ने उनका समर्थन किया है.

बृजभूषण को गिरफ़्तारी से बचाने का कोई अदालती आदेश नहीं है, फिर वो बाहर कैसे हैं?

पॉक्सो मामले में आरोपी होने के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह के गिरफ़्तार न होने से सवाल उठता है कि क्या क़ानून सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू हो रहे हैं?

‘सेंगोल’ को न कभी वॉकिंग स्टिक बताया गया, न ही इसे आनंद भवन में रखा गया था

फैक्ट-चेक: मीडिया में प्रसारित की जा रही ख़बरों में कहा गया कि 'सेंगोल' के परिचय विवरण में इसे 'नेहरू की टहलने वाली छड़ी' कहा गया था. हालांकि, एक सामान्य पड़ताल में सामने आ जाता है कि यह दावा फ़र्ज़ी है.

कर्नाटक में भाजपा की हार के चर्चे मध्य प्रदेश में क्यों हैं?

मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. कर्नाटक के चुनावी नतीजों के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व और राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार को सत्ता खोने का डर सता रहा है. हालांकि, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के जातीय, सामाजिक और राजनीतिक समीकरण एक-दूसरे से पूर्णत: भिन्न हैं.

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