पीयूसीएल की उत्तर प्रदेश इकाई ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि योगी सरकार ने महाकुंभ में हुई मौतों की वास्तविक संख्या को छिपाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया है, जैसे शवों को दो अलग-अलग पोस्टमॉर्टम केंद्रों में भेजा गया और कुछ मामलों में उनकी पुनर्प्राप्ति की जगह और तारीख में हेरफेर किया गया.
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विधानसभा चुनाव राउंड-अप: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सपा ने अपने घोषणा-पत्र में एक करोड़ लोगों को रोज़गार, सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और सभी घरेलू कनेक्शन पर प्रति माह 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया. यूपी में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार समाप्त. पंजाब में भाजपा-पीएलसी-शिअद (संयुक्त) गठबंधन और गोवा में भाजपा ने घोषणा-पत्र जारी किया. गोवा में 26 प्रतिशत उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज. नेशनल पीपुल्स पार्टी ने कहा कि
मुख्यमंत्री बसवराव बोम्मई ने ट्वीट करके आदेश की जानकारी दी है और सभी से शांति बनाए रखने को कहा है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी मामले पर सुनवाई करते हुए लोगों से संविधान में विश्वास बनाए रखने की अपील की. इस बीच दो और छात्राएं समान याचिका के साथ हाईकोर्ट पहुंच गई हैं.
बीते साल दिसंबर में उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ खुलकर नफ़रत भरे भाषण देने के साथ उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया था. कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद इस धर्म संसद के आयोजकों में से एक थे. उन्होंने भड़काऊ बयानबाज़ी करते हुए कहा था कि वह ‘हिंदू प्रभाकरण’ बनने वाले व्यक्ति को एक करोड़ रुपये देंगे.
प्रवीण कुमार सोबती 20 साल की उम्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में भर्ती हुए थे, जहां पहली बार उनके एथलेटिक कौशल के लिए उनकी सराहना की गई. इसके बाद उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक प्रतियोगिताओं में हैमर थ्रो और डिस्कस थ्रो स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व किया और एशियाई खेलों में चार पदक भी जीते. प्रवीण ने 1966 और 1970 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था.
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यसभा को बताया कि गंगा नदी में फेंके गए संभावित कोविड-19 शवों की संख्या के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. जलशक्ति राज्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और उनके मंत्रालय ने इस मामले पर राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी है.
केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ का लाइसेंस रद्द करने की वजह से बीते 31 जनवरी को इसका प्रसारण बंद हो गया था. इसके ख़िलाफ़ चैनल के प्रबंधन ने हाईकोर्ट का रुख़ किया था. चैनल माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के स्वामित्व में है और इसके कई निवेशक कथित तौर पर जमात-ए-इस्लामी की केरल इकाई के सदस्य हैं.
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