यह साल चुनावों का साल रहा, लेकिन चुनावी रैलियों से मणिपुर की हिंसा गायब रही. बस्तर में मुठभेड़ होते रहे लेकिन दिल्ली बैठी आवाज़ें ख़ामोश रहीं. अन्य देशों में भी यह साल युद्ध के दलदल में फंसा रहा. युद्ध पीड़ितों को खाना देने वाले संस्थाओं तक पर इस्रायल ने हमला किया.
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुई अपरिहार्य परिस्थितियों की वजह से जांच का काम पूरा नहीं कर सका है.
वीडियो: पिछले दिनों पर्यावरण के मसलों को उठाने वाली तीन वेबसाइटों के संचालन को किसी तरह की सूचना दिए बिना बंद कर दिया गया. इसी तरह हरियाणा के कई ज़िलों में एपिडेमिक एक्ट का सहारा लेकर कुछ पत्रकारों या सामाजिक संस्थाओं के सोशल मीडिया मंचों पर पाबंदी लगा दी गई है.
यह हैदराबाद का मामला है. मृतक एक दिहाड़ी मज़दूर थे, उनकी पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शव दिलवाने की गुहार लगाई है. अस्पताल प्रबंधन ने इन आरोपों का खंडन किया है.
झारखंड कैबिनेट ने संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को मंज़ूरी दी है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर कोविड सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और दो साल तक की जेल हो सकती है.
भारत में यह लगातार दूसरा दिन है जब संक्रमण के नए मामलों की संख्या 45 हज़ार से अधिक रही है. देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 12 लाख से अधिक हो गए हैं, जबकि मरने वालों की संख्या 30 हजार के पार हो चुकी है. विश्व में अब तक छह लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है और संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक हो गए हैं.
साल 2009 में प्रशांत भूषण ने तहलका पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के ख़िलाफ़ ग़लत टिप्पणी की थी. एक कथित अपमानजनक ट्वीट करने के लिए भूषण के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत में ही एक और अवमानना कार्रवाई चल रही है.