आईटी नियमों में 2023 में किए गए संशोधन में एक फैक्ट-चैकिंग इकाई बनाने का प्रावधान दिया गया था जो केंद्र सरकार से संबंधित ऐसी सूचनाओं को चिह्नित करेगी, जिन्हें वह ग़लत, फ़र्ज़ी या भ्रामक मानती है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन बताया है.
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कोरोना वायरस से सुरक्षा को लेकर लागू लॉकडाउन के कारण अधिकांश मज़दूर अपने घर चले गए हैं, इसलिए विभिन्न सामानों का उत्पादन काफी कम हो गया है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट सेवा की कमी भी खाद्यान्नों की सप्लाई को सीमित कर दिया है.
एसबीआई के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह ने याचिका दायर कर क़र्ज़ में डूबे कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित करने की मांग की है, ताकि उनसे तकरीबन 10,837 करोड़ रुपये का क़र्ज़ वसूला जा सके.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़फरुल इस्लाम ख़ान ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर डेली हेल्थ बुलेटिन में निज़ामुद्दीन मरकज़ से जुड़े आंकड़े अलग लिखने पर एतराज़ जताते हुए कहा है कि संप्रदाय के आधार पर बनाए गए कॉलम जल्द से जल्द हटाया जाए क्योंकि इससे इस्लामोफोबिया के एजेंडा को बढ़ावा मिल रहा है.
कोरोनावायरस के चलते सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से जेल में बंद क़ैदियों की रिहाई के लिए एक पैनल गठित करने को कहा है. यह पैनल सात साल तक की सज़ा से संबंधित अपराधों के सज़ायाफ़्ता या इतने ही समय की सज़ा होने के अपराध के आरोपी विचाराधीन क़ैदियों की अंतरिम ज़मानत या पैरोल पर रिहाई के बारे में निर्णय देगा.
कोरोना वायरस चलते पूरे देश में लागू लॉकडाउन के बीच किसान रबी फसलों की बिक्री को लेकर चिंतित हैं. कई राज्यों में फसलें कट भी चुकी हैं. किसानों को उनके उत्पाद की ब्रिकी को लेकर सरकार से उचित घोषणा और प्रबंधन का इंतज़ार है.
याचिका में कहा गया है कि भारत में कम बजट के आवंटन की वजह से सार्वजनिक स्वास्थ्य का क्षेत्र हमेशा ही खस्ताहाल रहा है. याचिका में दावा किया गया है कि दुनिया भर में इस महामारी पर अंकुश लगने तक स्वास्थ सुविधाओं का राष्ट्रीयकरण किया जा चुका है.