दिल्ली विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कॉलेज डिग्री से संबंधित मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि आरटीआई आवेदन का उद्देश्य तीसरे पक्ष की जिज्ञासा को संतुष्ट करना नहीं हो सकता. याचिका में 1978 में स्नातक करने वाले छात्रों के रिकॉर्ड के निरीक्षण की अनुमति मांगी गई थी.