ये कथित मामला तब सामने आया, जब केरल महिला समाख्या सोसायटी के सदस्यों ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान पीड़िता से मुलाकात की. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं.